सनातन धर्म में पंचांग का विशेष महत्व है. दरअसल पंचांग ज्योतिष के पांच अंगों का मेल है, जिसमें तिथि, वार, करण, योग और नक्षत्र का सिलसिलेवार वर्णन रहता है. इसकी मदद से दिन के एक-एक पल के शुभ और अशुभ समय, सूर्य. चंद्रमा तथा अन्य ग्रहों की स्थिति का पता लगाते हैं. उसी के आधार पर अपने शुभ मंगल कार्यों को क्रियान्वित करते हैं. आइये जानते हैं आज 20 मार्च 2024 का पंचांग क्या कहता है.
मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष पंचमी, पिंगल संवत्सर विक्रम संवत 2081, शक संवत 1946 (क्रोधी संवत्सर), कार्तिक. पंचमी तिथि 04.49 PM तक उपरांत षष्ठी. नक्षत्र पुनर्वसु 02:50 PM तक उपरांत पुष्य. शुभ योग 01.08 PM तक, उसके बाद शुक्ल योग. करण तैतिल 04.50 PM तक, बाद गर 04.50 AM तक, बाद वणिज. 20 नवम्बर 20 बुधवार को राहु 12.12 PM से 01.33 PM तक है. 08.47 AM तक चन्द्रमा मिथुन उपरांत कर्क राशि पर संचार करेगा. यह भी पढ़ें : Horoscope Today 18 November 2024: जानें कैसा होगा आज का दिन और किस राशि की चमकेगी किस्मत
सूर्य और चंद्रमा का समय
सूर्योदय: 06.48 AM
सूर्यास्त: 05.36 PM
चन्द्रोदय: 10.01 PM (20 नवंबर)
चन्द्रास्त: 11.53 AM Nov 21
शुभ काल
अभिजीत मुहूर्तः Nil
अमृत कालः 12.27 PM – 02.02 PM
ब्रह्म मुहूर्तः 05.12 AM – 06.00 AM
सूर्य वृश्चिक राशि पर है
चन्द्रमा 08.47 AM (20 नवम्बर) तक मिथुन राशि उपरांत कर्क राशि पर संचार करेगा.
तिथि | पंचमी तिथि 04.49 PM तक उपरांत षष्ठी. |
पक्ष | कृष्ण |
वार | बुधवार |
नक्षत्र | नक्षत्र आर्द्रा, 02.56 PM तक उसके बाद पुनर्वसु |
योग | साध्य योग 02.55 PM तक, उसके बाद शुभ योग, |
राहुकाल | 02.54 PM से 04.15 PM तक |
सूर्योदय-सूर्यास्त | 06.47AM से 05.36 PM |
चंद्रोदय-चंद्रास्त | 08.59 PM - 11.09 AM, (20 नवंबर) |
दिशा शूल | उत्तर दिशा |
चंद्रमा राशि | चन्द्रमा मिथुन राशि पर |
सूर्य राशि | सूर्यः वृश्चिक संक्रांति पर संचार करेगा |
शुभ मुहूर्त, 20 नवंबर 2024
ब्रह्म मुहूर्त | 04.03 AM से 05.08 AM तक |
अभिजीत मुहूर्त | - |
गोधुलि बेला | 06.22 PM से 07.25 PM तक |
निशिता काल | 11.41 से 12.20 तक रात |
अमृत काल | 05.18 AM से 06.50 AM |
विजय मुहूर्त | 11.41 AM से 12.20 PM |
शुभ मुहूर्त अभिजीत-नहीं है।
विजय मुहूर्तः 02.23 PM से 03.25 PM तक
गोधुली मुहूर्त: 06.22 PM से 07.25 PM तक
ब्रम्ह मुहूर्त: 04.03 AM से 05.08 AM तक
अमृत काल: 06.06 AM से 07.41AM तक
निशीथ काल मुहूर्त-रात्रि 11.41 से 12.20 तक रात
संध्या पूजन: 06.21 PM से 07.07 PM तक
दिशा शूल: उत्तर दिशा। (इस दिशा में यात्रा करने से बचते हैं. यदि आवश्यक है तो एक दिन पहले प्रस्थान निकालकर फिर उसको लेकर यात्रा करना समझदारी होगी.