पंचांग का आशय है, पांच अंगों (वार, तिथि, नक्षत्र, योग एवं करण) की गणनाओं से युक्त हिंदू कैलेंडर, जिसकी मदद से शुभ एवं मंगल कार्यों के लिए शुभ तिथि एवं काल की गणना की जाती है. मान्यता है कि पंचांग के निर्देशानुसार शुभ कार्य करने से शुभता, सफलता एवं पूर्णता की संभावनाएं ज्यादा होती हैं. आइये जानते हैं, 17 दिसंबर 2024 का पंचांग क्या कहता है.
आज 18 दिसंबर, 2024, दिन बुधवार, हिदी मास मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष तृतीया 10.06 AM तक उपरांत चतुर्थी, पिंगल संवत्सर विक्रम संवत 2081, शक संवत 1946 (क्रोधी संवत्सर), राहु काल 12.23 PM से 01.42 PM तक, नक्षत्र पुष्य 12.58 AM तक उपरांत आश्लेषा नक्षत्र 01.59 AM तक रहेगा. इंद्र योग 07.33 PM तक, उसके बाद वैधृति योग. सूर्य धनु राशि पर और चन्द्रमा कर्क राशि पर संचार करेगा. करण विष्टि 10.06 AM तक, बाद बव 09.58 PM तक, बाद बालव.
सूर्योदयः 07.06 AM
सूर्यास्त – 5.40 PM
चन्द्रोदयः 08.45 PM (18 दिसंबर)
चन्द्रास्तः 10.26 AM (19 दिसंबर)
सूर्य धनु राशि पर है
चन्द्रमा कर्क राशि पर संचार करेगा (पूरा दिन-रात)
निवास और शूल
अग्निवासः पृथ्वी
दिशा शूलः उत्तर
शिववासः क्रीड़ा में
त्योहार और व्रत
आज 18 दिसंबर 2024, मंगलवार का पंचांग
तिथि | मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष तृतीया 10.06 AM, बाद चतुर्थी, |
पक्ष | कृष्ण पक्ष |
वार | बुधवार |
नक्षत्र | पुष्य 12.58 AM तक बाद आश्लेषा नक्षत्र 01.59 AM |
योग | इंद्र योग 07.33 PM तक, उसके बाद वैधृति योग. |
राहुकाल | 12.23 PM – 01.42 PM |
सूर्योदय-सूर्यास्त | 07.06 AM से 05.40 PM |
चंद्रोदय-चंद्रास्त | 08.45 PM-10.26 AM (19 दिसंबर) |
दिशा शूल | उत्तर दिशा |
चंद्रमा राशि | चन्द्रमा कर्क राशि पर संचार करेगा (पूरा दिन-रात) |
सूर्य राशि | सूर्य धनु राशि पर है |
शुभ मुहूर्त, 18 दिसंबर 2024
ब्रह्म मुहूर्त | 05.30 AM – 06.19 AM |
अभिजीत मुहूर्त | 12:01 PM से 12:44 PM |
गोधुलि बेला | 12.01 PM से 13.37 PM तक |
निशिता काल | 11.17 PM से 12.09 AM, (18 दिसंबर) |
अमृत काल | 06.30 PM – 08.07 PM |
विजय मुहूर्त | 02.10 AM से 03.03 AM |
शुभ काल
अमृत काल: 06.30 PM – 08.07 PM
ब्रह्म मुहूर्त: 05.30 AM – 06.19 AM
मातंग योग 12.58 AM
विजय मुहूर्तः 02.10 AM से 03.03 AM
गोधूलि मुहूर्तः 12.01 PM से 13.37 PM तक
निशिता कालः 11.17 PM से 12.09 AM, (18 दिसंबर)
अशुभ काल
राहूः 12.23 PM – 01.42 PM
यम गण्डः 08.25 AM – 09.45 AM
कुलिकः 11.04 AM – 12.23 PM
दुर्मुहूर्तः 12,02 PM – 12:44 PM
वर्ज्यम् - 08:49 AM – 10:26 AM
आज अखुरथ चतुर्थी पर करें ये उपाय
अखुरथ चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की पूजा-अर्चना की जाती है. इस दिन भगवान श्रीगणेश की पूजा के समय गुड़ का भोग लगाएं और दूर्वा एवं गेंदे का फूल अर्पित करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है, कार्यों में आ रही बाधाएं दूर होती हैं. इसके अलावा केले के पत्ते को साफ करके उस पर चंदन की लेप से त्रिकोण आकृति बनाकर गणेश जी को अर्पित करने से बुरे ग्रह दूर होते हैं.
शुभ मुहूर्त, 18 दिसंबर 2024
शुभ काल
अमृत काल: 06.30 PM – 08.07 PM
ब्रह्म मुहूर्त: 05.30 AM – 06.19 AM
मातंग योग 12.58 AM
विजय मुहूर्तः 02.10 AM से 03.03 AM
गोधूलि मुहूर्तः 12.01 PM से 13.37 PM तक
निशिता कालः 11.17 PM से 12.09 AM, (18 दिसंबर)
अशुभ काल
राहूः 12.23 PM – 01.42 PM
यम गण्डः 08.25 AM – 09.45 AM
कुलिकः 11.04 AM – 12.23 PM
दुर्मुहूर्तः 12,02 PM – 12:44 PM
वर्ज्यम् - 08:49 AM – 10:26 AM
आज अखुरथ चतुर्थी पर करें ये उपाय
अखुरथ चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की पूजा-अर्चना की जाती है. इस दिन भगवान श्रीगणेश की पूजा के समय गुड़ का भोग लगाएं और दूर्वा एवं गेंदे का फूल अर्पित करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है, कार्यों में आ रही बाधाएं दूर होती हैं. इसके अलावा केले के पत्ते को साफ करके उस पर चंदन की लेप से त्रिकोण आकृति बनाकर गणेश जी को अर्पित करने से बुरे ग्रह दूर होते हैं.