लखनऊ, 18 दिसंबर : समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद जियाउर्रहमान बर्क ने बुधवार को संभल हिंसा मामले में अपनी गिरफ्तारी पर रोक लगाने की मांग करते हुए इलाहाबाद उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया. अपनी याचिका में उन्होंने अपने खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने की मांग की है. बर्क ने दलील दी कि अगर उन्हें गिरफ्तार किया गया, तो यह अपूरणीय क्षति साबित होगी. संभल हिंसा में जिलाउर्रहमान बर्क आरोपी हैं. अब शुक्रवार को इस मामले पर सुनवाई होगी.
बता दें कि संभल हिंसा को लेकर सात एफआईआर दर्ज की गई हैं. सपा सांसद जियाउर रहमान बर्क और विधायक इकबाल महमूद के बेटे सोहेल इकबाल के खिलाफ भी प्राथमिकी दर्ज की गई हैं. दोनों पर संभल हिंसा भड़काने का आरोप है. एसपी कृष्णा बिश्नोई ने बताया था कि संभल हिंसा मामले में अब तक 27,00 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जा चुकी है. संभल के समाजवादी पार्टी से सांसद जियाउर्रहमान बर्क के खिलाफ भी प्राथमिकी दर्ज है. यह भी पढ़ें : प्रधानमंत्री, गृह मंत्री हैं ‘मास्टर डिस्टोरियन’, उनसे सत्य और तथ्य की उम्मीद करना बेकार: कांग्रेस
बर्क ने 29 नवंबर को आईएएनएस से बातचीत में कहा था, “हम सर्वोच्च न्यायालय इसलिए गए थे, क्योंकि हमें उम्मीद थी कि इंसाफ जरूर मिलेगा. कोर्ट ने अच्छा आदेश दिया है. निचली अदालतों में सुनवाई पर रोक लगा दी गई है. इसके अलावा, सर्वे की रिपोर्ट को सीलबंद लिफाफे में रखने को कहा गया है. प्रशासन को हिदायत दी गई है कि वह पूरे मामले में तटस्थ रहे.”
सपा सांसद ने कहा था, “अब हम इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में एक और याचिका डालेंगे, जिसमें यह मांग करेंगे कि सुप्रीम कोर्ट के सिटिंग जज के नेतृत्व में आयोग गठित कर इस मामले की जांच की जाए, क्योंकि प्रशासन द्वारा गठित आयोग से हम लोग संतुष्ट नहीं हैं.” 24 नवंबर को संभल स्थित शाही जामा मस्जिद में सर्वे करने पहुंची टीम और पुलिसकर्मियों पर उपद्रवियों ने हमला कर दिया था. इसके बाद स्थिति हिंसात्मक हो गई थी. इस हिंसा में 5 लोगों की मौत हो गई थी.