नयी दिल्ली, छह अक्टूबर सरकार ने वर्ष 2021-22 खरीफ विपणन सत्र के शुरू होने के पहले कुछ दिनों में अब तक 2.87 लाख टन धान की खरीद की है, जिसमें अधिकतम खरीद पंजाब और हरियाणा से की गई है। केंद्रीय खाद्य मंत्रालय ने बुधवार को यह जानकारी दी।
किसानों के विरोध के कारण मंत्रालय को पंजाब और हरियाणा में तीन अक्टूबर से धान की खरीद का समय पुनर्निर्धारित करना पड़ा। इससे पहले इन दो कृषि प्रधान राज्यों में बेमौसम बारिश के कारण धान की फसल में नमी की मात्रा को देखते हुए 11 अक्टूबर तक खरीद स्थगित कर दी गई थी।
मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘खरीफ विपणन सत्र 2021-22 में पांच अक्टूबर तक 2,87,552 टन धान की खरीद की गई है, जिससे 29,907 किसानों को 563.60 करोड़ रुपये के एमएसपी मूल्य के साथ लाभ हुआ है।’’
इस कुल खरीद में से 1,46,509 टन धान हरियाणा से और 1,41,043 टन पंजाब से खरीदा गया है।
प्रमुख उत्पादक राज्यों में राज्य एजेंसियों के साथ केंद्र की नोडल खरीद एजेंसी- भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) द्वारा किसानों से सीधे न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर धान की खरीद की जाती है।
मंत्रालय के अनुसार, 2020-21 के विपणन वर्ष के लिए धान की खरीद लगभग समाप्त हो गई है तथा खरीफ (गर्मी) और रबी (सर्दियों) दोनों मौसमों से कुल 894.24 लाख टन की धान खरीद हुई है, जो विपणन वर्ष 2019-20 में हुई पिछली खरीद 770.93 लाख टन को पार कर गई है। ।
कुल 894.24 लाख टन धान में से 718.09 लाख टन धान खरीफ सत्र से और 176.15 लाख टन रबी सत्र से था।
इसमें कहा गया है कि 1,68,832.78 करोड़ रुपये के एमएसपी मूल्य के साथ वर्ष 2020-21 के खरीद अभियान से लगभग 131.14 लाख किसान लाभान्वित हुए हैं।
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