Jammu Kashmir: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का बड़ा बयान, कहा- जम्मू कश्मीर में आतंक के खिलाफ लड़ाई में सीएपीएफ का ‘निर्णायक नियंत्रण’
गृह मंत्री अमित शाह (Photo Credits Facebook)

जम्मू: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने शनिवार को कहा कि केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF) ने जम्मू कश्मीर (Jammu and Kashmir) में पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद (Pakistan Sponsored Terrorism) के खिलाफ लड़ाई में ‘‘निर्णायक नियंत्रण’’ बना लिया है. उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 (Article 370) को निरस्त करने के परिणामस्वरूप क्षेत्र में समावेशी विकास हुआ है. शाह ने भ्रष्टाचार (Corruption) के खिलाफ स्थानीय प्रशासन के प्रयासों और केंद्र शासित प्रदेश (Union Territories) में विकासात्मक गतिविधियों को नयी ऊंचाइयों पर ले जाने के प्रयासों की भी सराहना की. Jammu Kashmir: पुलवामा में आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़, लश्कर से जुड़े 6 आतंकवादी गिरफ्तार

गृह मंत्री ने कहा कि अगस्त 2019 में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने से वंचितों सहित समाज के सभी वर्गों का समावेशी विकास हुआ है और लोकतंत्र को सफलतापूर्वक ग्राम स्तर तक ले जाया गया है. यहां केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के 83वें स्थापना दिवस परेड कार्यक्रम को संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद जम्मू कश्मीर में बदलाव की लहर देखी गई है क्योंकि लोकतंत्र को मजबूत किया गया और इसे ग्रामीण स्तर पर ले जाया गया.

केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा, ‘‘आज, 30,000 से अधिक लोग पंचायतों के निर्वाचित सदस्य हैं. हर गांव में पंच और सरपंच हैं तथा वे अपने गांवों में विकास गतिविधियों का मार्गदर्शन कर रहे हैं. तहसील और जिला पंचायतों का गठन किया गया और मोदी के नेतृत्व वाली सरकार पंचायती राज व्यवस्था को जमीनी स्तर पर लेने में सफल रही है.’’

उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 को निरस्त करने से समाज के सभी वर्गों के समावेशी विकास का मार्ग प्रशस्त हुआ. शाह ने कहा, ‘‘दलित, पिछड़ा वर्ग, महिलाएं और पहाड़ी भाषी लोग अतीत में विकास के लाभों से वंचित थे, लेकिन जम्मू कश्मीर (अगस्त 2019 के बाद) में लागू किए गए नए कानूनों के तहत हर कोई लाभान्वित हो रहा है.’’

गृह मंत्री ने कहा कि जम्मू कश्मीर में किया गया सबसे बड़ा काम यह है कि सीएपीएफ ने पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में ‘‘निर्णायक नियंत्रण’’ बना लिया है और अगले कुछ वर्षों में, ‘‘मुझे यकीन है कि हम (जम्मू कश्मीर में और पूर्वोत्तर सहित देश के नक्सल और उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में) शांति बहाल करने में सक्षम होंगे और अगर ऐसा होता है, तो इसका श्रेय सीआरपीएफ जवानों को मिलेगा.’’

सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ), भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी), केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ), केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ), सशस्त्र सीमा बल(एसएसबी) सीएपीएफ में शामिल हैं. इनमें से सीआरपीएफ देश का सबसे बड़ा अर्द्धसैनिक बल है.

उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के नेतृत्व वाले जम्मू कश्मीर प्रशासन की प्रशंसा करते हुए शाह ने कहा कि यह 33,000 करोड़ रुपये के औद्योगिक निवेश को लाने, प्रधानमंत्री विकास पैकेज के सभी घटकों को लागू करने और अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करके भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग शुरू करने में सफल रहा है तथा व्यवस्था में सुधार हो रहा है.

उन्होंने ‘हर घर नल का जल’ और ‘हर घर बिजली’ सहित विभिन्न परियोजनाओं में लक्ष्य हासिल करने के लिए प्रशासन की सराहना की और कहा कि गांवों को जोड़ने और नए राजमार्गों को तैयार करने के लिए पिछले पांच वर्षों में सड़कों का निर्माण कर एक नया रिकॉर्ड बनाया गया है. सिन्हा और उनके प्रशासन को बधाई देते हुए गृह मंत्री ने कहा कि सात नए मेडिकल कॉलेज, दो अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, 21 जलापूर्ति योजनाएं और हर क्षेत्र में पारदर्शिता सरकार की कुछ उपलब्धियां हैं.

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