देश की खबरें | कोविड की दूसरी लहर पर लगाम लगाने के लिए केंद्र, राज्य लॉकडाउन लगाने पर विचार कर सकते हैं : न्यायालय

नयी दिल्ली, तीन मई देश में कोविड-19 के बढ़ते मामलों के बीच उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि ‘‘कोरोना वायरस की दूसरी लहर पर काबू पाने के लिए’’ केंद्र और राज्य सरकारें जनहित में लॉकडाउन लगाने पर विचार कर सकती हैं।

बहरहाल, उच्चतम न्यायालय ने उनसे कहा कि अगर वे लॉकडाउन लगाना चाहते हैं तो पहले से व्यवस्था करनी होगी ताकि गरीब लोगों की जरूरतों को पूरा किया जा सके।

न्यायमूर्ति डी. वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने कोविड-19 महामारी के दौरान आवश्यक आपूर्ति एवं सेवाएं सुनिश्चित करने के मामले का स्वत: संज्ञान लेते हुए कहा कि केंद्र और राज्य सरकारों को बीमारी और नहीं फैले, इस बारे में किए गए प्रयास और भविष्य में किए जाने वाले प्रयास के बारे में जानकारी देनी होगी।

पीठ ने कहा, ‘‘महामारी की दूसरी लहर में बढ़ते संक्रमण को देखते हुए हम केंद्र सरकार और राज्य सरकारों को निर्देश देते हैं कि वायरस पर काबू पाने के प्रयासों के बारे में बताएं और भविष्य में किए जाने वाले उपायों के बारे में भी जानकारी दें।’’ पीठ में न्यायमूर्ति एल. नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति एस. रविंद्र भट भी शामिल थे।

पीठ ने कहा, ‘‘साथ ही हम केंद्र और राज्य सरकारों से आग्रह करते हैं कि वे भीड़ एकत्रित नहीं होने दें और ऐसे कार्यक्रमों पर भी प्रतिबंध लगाएं जिनसे वायरस फैलने का खतरा हो सकता है।’’

उच्चतम न्यायालय ने कहा कि उसे ‘‘लॉकडाउन के सामाजिक-आर्थिक प्रभाव का अंदाजा है’’, खास तौर पर हाशिये के समुदाय पर पड़ने वाले प्रभाव पर।

इसने कहा, ‘‘इसलिए अगर लॉकडाउन लगाया जाता है तो इन समुदायों की जरूरतों का पहले से इंतजाम किया जाना चाहिए।’’

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