ज्यादातर अमेरिकी मानते हैं कि बीमा कंपनियों का मुनाफा और कवरेज देने से इनकार भी यूनाइटेड हेल्थकेयर के सीईओ की हत्या के लिए कुछ हद तक जिम्मेदार है. सीईओ ब्रायन थॉम्पसन की 4 दिसंबर को गोली मार कर हत्या कर दी गई.शिकागो यूनिवर्सिटी में एनओआरसी के कराए एक सर्वे से साफ जाहिर है कि लोगों के मन में स्वास्थ्य बीमा कंपनियों की छवि कैसी है. 10 में से 8 लोगों ने थॉम्पसन की हत्या के लिए बीमा कंपनियों के रवैये को भी जिम्मेदार माना है, हालांकि उतना नहीं जितना की उन पर गोली चलाने वाला. लोगों का कहना है कि इसके लिए बड़े पैमाने पर गोली चलाने वाला जिम्मेदार है लेकिन कुछ हद तक इंश्योरेंस कंपनियों का रवैया भी दोषी है.
हालांकि इसके बाद भी कुछ लोगों ने संदिग्ध के तौर पर गिरफ्तार 26 साल के लिजी मांजियो को नायक का दर्जा भी दिया है.
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इंश्योरेंस कंपनियों के प्रति नाराजगी
इस घटना से इंश्योरेंस कंपनियों के प्रति लोगों में नाराजगी और निराशा दिखाई पड़ी है. पुलिस का कहना है कि घटनास्थल के पास जो गोलियों के कवर मिले हैं उन पर देरी (डिले), इनकार (डिनाइ) और हटाना (डिपोज) शब्द लिखे हुए हैं. आमतौर पर इन शब्दों को इंश्योरेंस कंपनियों के संदर्भ में दावों के भुगतान से बचने की चालबाजियों के रूप में देखा जाता है.
अमेरिकी बीमा कंपनी यूनाइटेड हेल्थ केयर का कहना है कि मांजियो उनका ग्राहक नहीं था. अमेरिकी युवा इस घटना को कई ताकतों के मिलने का नतीजा देखते हैं, केवल एक व्यक्ति की कार्रवाई के तौर पर नहीं. अमेरिका के लोग कई चीजों को थॉम्पसन की हत्या के लिए जिम्मेदार मानते हैं.
इसी सर्वे में पता चला कि इस हत्या की कहानी को आम लोग बड़ी उत्सुकता से देख रहे हैं. सर्व में शामिल 10 में से 7 लोगों ने कहा कि उन्होंने थॉम्पसन की हत्या के बारे में "बहुत" या "कुछ" जानते हैं. कुछ लोगों ने इसके लिए संपत्ति या आय में असमानता को भी जिम्मेदार माना है. हालांकि वो यह नहीं मानते कि अमेरिका में जो राजनीतिक विभाजन है वह भी इसके लिए उतना ही जिम्मेदार है.
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बीमा कंपनियों का रवैया
मरीज और डॉक्टर अकसर बीमा कंपनियों के कवरेज से इनकार की शिकायत करते हैं. इसके साथ ही वो देखभाल में भी दखल देते हैं. खासतौर से कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों के इलाज में. इंश्योरेंस कंपनियों के आलोचक अकसर यह सवाल उठाते हैं कि कंपनियों का ध्यान मुनाफा कमाने पर है और मरीजों का हित उनके लिए सबसे ऊपर नहीं है.
यूनाइटेड हेल्थ केयर ने पिछले साल 16 अरब डॉलर का शुद्ध मुनाफा कमाया. ब्याज और टैक्स काटने से पहले कंपनी का राजस्व करीब 281 अरब डॉलर का था. इंश्योरेंस कंपनियां कहती हैं कि उनके राजस्व का ज्यादातर हिस्सा लोगों की देखभाल पर खर्च होता है.
यूनाइटेड हेल्थ केयर ने इसी महीने कहा कि दाखिल होने वाली 90 फीसदी मेडिकल क्लेम का भुगतान किया गया. हालांकि कंपनी ने यह नहीं बताया कि कितने दावे किए गए थे.
हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियों, कवरेज और अमेरिका के जटिल हेल्थकेयर सिस्टम को लेकर अमेरिकी मरीजों में निराशा लंबे समय से सुलग रही है. 10 में से 5 अमेरिकी का कहना है कि उसे पिछले साल अपनी कंपनी से क्लेम हासिल करने में परेशानी हुई थी. इनमें कंपनियों के नेटवर्क में उचित सेवा मुहैया कराने वाली सेंटर ढूंढने से लेकर दावों को खारिज किया जाना, या फिर इलाज से पहले मंजूरी हासिल करने में होने वाली दिक्कतें भी शामिल हैं.
अमेरिका में स्वास्थ्य बीमा
इस तरह की समस्याएं 60 साल के कम उम्र वाले लोगों को बहुत ज्यादा झेलनी पड़ रही हैं. बीमा कंपनियों का कहना है कि पहले से मंजूरी इस तंत्र में नुकसान को रोकती है. लोगों को पहले ही पता चल जाता है कि उनके दावों का भुगतान होगा या नहीं.
अमेरिका में 30 साल से कम उम्र के ज्यादातर युवा हेल्थ इंश्योरेंस खुद से नहीं खरीदते. ज्यादातर अमेरिकी लोगों को हेल्थ कवरेज उनकी नौकरी से या फिर खुद से खरीदी गई इंश्योरेंस से मिलता है. इसके अलावा सरकार की कुछ योजनाओं के तहत कम आय वाले लोगों या फिर 65 साल से ज्यादा की उम्र वाले लोगों या फिर गंभीर रूप से बीमार लोगों को इंश्योरेंस मिलता है.
इंश्योरेंस कंपनियों को लेकर समस्याए केवल अमेरिका में ही नहीं है. भारत, जर्मनी या फिर दूसरे देशों में भी अकसर ग्राहक दावों के भुगतान में दिक्कत का सामना करते हैं. दूसरी तरफ बीमा कंपनियां हर बार भारी मुनाफा कमाती नजर आती हैं.
एनआर/एए (एपी)