
US Strikes Iran's Nuclear Sites: मध्य पूर्व में तनाव अपने चरम पर पहुंच गया है. ईरान और इजरायल के बीच जारी छद्म युद्ध में अब अमेरिका खुलकर सामने आ गया है. एक अप्रत्याशित और साहसिक सैन्य अभियान में, अमेरिकी वायु सेना ने ईरान के तीन प्रमुख परमाणु ठिकानों को सफलतापूर्वक निशाना बनाया है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने स्वयं इस हमले की पुष्टि करते हुए इसे अमेरिकी सैन्य शक्ति का प्रदर्शन बताया और इसके बाद शांति की अपील की. इस हमले ने पूरे क्षेत्र को एक बड़े युद्ध के मुहाने पर लाकर खड़ा कर दिया है.
ऑपरेशन 'न्यूक्लियर थ्रेट': तीन परमाणु ठिकाने ध्वस्त
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के अनुसार, अमेरिकी लड़ाकू विमानों ने ईरान की तीन सबसे महत्वपूर्ण और सुरक्षित परमाणु साइटों - फोर्डो, नतांज और इस्फहान - पर सफलतापूर्वक हवाई हमले किए हैं. इन हमलों में फोर्डो की भूमिगत यूरेनियम संवर्धन सुविधा को मुख्य रूप से निशाना बनाया गया. ट्रंप ने घोषणा की कि सभी लड़ाकू विमान अपने मिशन को पूरा करने के बाद सुरक्षित रूप से ईरानी हवाई क्षेत्र से बाहर निकल चुके हैं और अपने बेस पर लौट रहे हैं.
#WATCH | Amid Iran-Israel conflict, the US strikes Iran's three nuclear facilities | President Trump says, "Iran, bully of the Middle East, must now make peace. If they do not, future attacks would be far greater and easier. For 40 years, Iran has been saying death to Israel,… pic.twitter.com/4udbZqXbW0
— ANI (@ANI) June 22, 2025
यह हमला ऐसे समय में हुआ है जब ईरान का परमाणु कार्यक्रम इजरायल और पश्चिमी देशों के लिए एक बड़ी चिंता का विषय बना हुआ था. इजरायल लगातार यह कहता रहा है कि वह ईरान को परमाणु हथियार हासिल नहीं करने देगा.
ईरान पर सफल हवाई हमलों के बाद राष्ट्र को संबोधित करते हुए, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने फैसले का बचाव किया और मिशन के उद्देश्यों को स्पष्ट किया. उन्होंने कहा कि इस हमले का एकमात्र मकसद ईरान की परमाणु संवर्धन क्षमता को पूरी तरह से नष्ट करना और उसके परमाणु खतरे को हमेशा के लिए समाप्त करना था. ट्रंप ने जोर देकर कहा कि पिछले 40 वर्षों से ईरान लगातार अमेरिका के खिलाफ काम कर रहा है और इस नफरत की आग में कई अमेरिकी नागरिकों ने अपनी जान गंवाई है, इसलिए उन्होंने यह फैसला किया कि अब इसे और बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
अपने संबोधन में, ट्रंप ने ईरान से शांति स्थापित करने की अपील की, लेकिन साथ ही एक कड़ी चेतावनी भी जारी की. उन्होंने इस अभियान के लिए इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और इजरायली सेना को विशेष रूप से बधाई दी. ट्रंप ने साफ शब्दों में कहा कि अगर ईरान ने शांति का मार्ग नहीं अपनाया तो भविष्य में होने वाले हमले इससे कहीं ज्यादा भीषण और विनाशकारी होंगे. उन्होंने एक स्पष्ट ultimatum देते हुए कहा, 'या तो ईरान में शांति होगी या फिर विनाश'. ट्रंप ने यह भी बताया कि इस मिशन के लिए चुने गए लक्ष्य अब तक के सबसे कठिन और सुरक्षित माने जाते थे.
#WATCH | US strikes Iran's three nuclear facilities
US President Donald Trump says, "Our objective was the destruction of Iran's nuclear enrichment capacity and a stop to the nuclear threat posed by the world's number one state sponsor of terror. Tonight, I can report to the… pic.twitter.com/KQdMgczaJo
— ANI (@ANI) June 22, 2025
अमेरिका का ब्रह्मास्त्र: MOP 'बंकर बस्टर' बम
इस हमले को अंजाम देने के लिए अमेरिकी वायु सेना ने अपने सबसे शक्तिशाली पारंपरिक बमों में से एक का इस्तेमाल किया. रिपोर्ट्स के मुताबिक, B-2 स्पिरिट स्टील्थ बॉम्बर्स ने ईरान के परमाणु संयंत्रों पर MOP (Massive Ordnance Penetrator) बम गिराए. यह कोई साधारण बम नहीं है.
President Trump and I often say: ‘Peace through strength.’
First comes strength, then comes peace.
And tonight, @realDonaldTrump and the United States acted with a lot of strength. pic.twitter.com/7lTWCZkgw7
— Benjamin Netanyahu - בנימין נתניהו (@netanyahu) June 22, 2025
- वजन और क्षमता: यह लगभग 30,000 पाउंड (करीब 13,600 किलोग्राम) वजनी बम है, जिसे विशेष रूप से जमीन के नीचे गहरे दबे बंकरों और सैन्य ठिकानों को नष्ट करने के लिए डिजाइन किया गया है.
- बनावट: इसका बाहरी आवरण बेहद मजबूत स्टील मिश्र धातु (Alloy) से बना होता है, जो इसे जमीन या कंक्रीट में सैकड़ों फीट अंदर घुसने की ताकत देता है. रक्षा विशेषज्ञ बताते हैं कि यह लगभग 200 फीट की गहराई तक प्रवेश कर सकता है.
- कार्यप्रणाली: MOP बम लक्ष्य के ऊपर गिराए जाने के बाद अपनी गति और वजन के कारण जमीन के अंदर धंसता चला जाता है. निर्धारित गहराई पर पहुंचने के बाद इसमें एक शक्तिशाली विस्फोट होता है, जो अंदर मौजूद किसी भी सुविधा को पूरी तरह से नष्ट कर देता है.
- सटीकता: यह बम GPS-निर्देशित है, जो इसे अपने लक्ष्य पर सटीकता से हमला करने में मदद करता है.
रडार को धोखा देने वाला B-2 स्पिरिट बॉम्बर
MOP बम को केवल B-2 स्पिरिट स्टील्थ बॉम्बर से ही गिराया जा सकता है. B-2 बॉम्बर अमेरिकी वायु सेना का एक अनमोल रत्न है, जिसकी कुछ प्रमुख विशेषताएं हैं:
- स्टील्थ टेक्नोलॉजी: इसकी सबसे बड़ी खासियत इसका डिजाइन है, जो इसे दुश्मन के रडार से लगभग अदृश्य बना देता है.
- लंबी दूरी की मारक क्षमता: यह हवा में ईंधन भरकर हजारों मील की दूरी बिना रुके तय कर सकता है. 2017 में, दो B-2 बॉम्बर्स ने अमेरिका से उड़ान भरकर 34 घंटे की यात्रा के बाद लीबिया में ISIS के कैंपों पर हमला किया था.
- उपलब्धता: अमेरिकी वायु सेना के पास वर्तमान में लगभग 19 ऑपरेशनल B-2 बॉम्बर हैं.
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रियाएँ: इजरायल खुश, ईरान ने दी धमकी
इस हमले पर दुनिया भर से प्रतिक्रियाएँ आ रही हैं.
- इजरायल का समर्थन: इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने राष्ट्रपति ट्रंप के इस फैसले को 'इतिहास बदलने वाला साहसिक कदम' करार दिया. उन्होंने कहा, "राष्ट्रपति ट्रंप और मैं हमेशा कहते हैं - शक्ति के माध्यम से ही शांति आती है. आज रात अमेरिका ने अपनी पूरी ताकत दिखाई है."
- ईरान की चेतावनी: वहीं, अमेरिकी हवाई हमलों के बाद ईरान के सरकारी टीवी ने एक गंभीर चेतावनी जारी की है. बयान में कहा गया है कि "अब इस क्षेत्र में मौजूद हर अमेरिकी नागरिक या सैन्यकर्मी ईरान के निशाने पर है." इस धमकी के बाद क्षेत्र में अमेरिकी ठिकानों और नागरिकों की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ गई है.
आगे क्या?
व्हाइट हाउस ने टेलीविजन नेटवर्कों को अलर्ट पर रखा है, जहाँ राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप जल्द ही राष्ट्र को संबोधित करने वाले हैं. माना जा रहा है कि वह इस हमले के कारणों और भविष्य की रणनीति पर विस्तार से बात करेंगे. यह हमला मध्य पूर्व के भू-राजनीतिक परिदृश्य को हमेशा के लिए बदल सकता है, जिसके परिणाम स्वरूप या तो एक अस्थायी शांति स्थापित होगी या फिर एक विनाशकारी युद्ध का आरंभ होगा. पूरी दुनिया की निगाहें अब अमेरिका और ईरान के अगले कदमों पर टिकी हैं.