सोल, 10 सितंबर: उत्तर कोरिया ने संयुक्त राष्ट्र के एक कार्यकारी समूह के 300 से अधिक कर्मियों के लापता होने के मामलों की जानकारी के अनुरोध का जवाब नहीं दिया है. संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद को सौंपी गई अपनी वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, कार्य समूह ने 1980 से इस साल मई के बीच उत्तर में 362 मामलों से संबंधित अनुरोध किए हैं, लेकिन प्योंगयांग की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है. Pakistan: पाकिस्तान में पोलियो टीकाकरण टीम पर हमला, चार पुलिसकर्मी मारे गए
समाचार एजेंसी योनहाप की रिपोर्ट के अनुसार, गायब होना किसी व्यक्ति के सरकार या राज्य द्वारा संचालित संगठन द्वारा गिरफ्तार, हिरासत में लिए जाने या अपहरण के मामले को संदर्भित करता है.
सोल के एकीकरण मंत्रालय के अनुसार, 1950-53 के कोरियाई युद्ध के दौरान उत्तर द्वारा लगभग 100,000 दक्षिण कोरियाई नागरिकों का अपहरण कर लिया गया था.
दुश्मन पर कभी भी न्यूक्लियर अटैक कर सकता है नॉर्थ कोरिया
उत्तर कोरिया का शासक किम जोंग उन अपने विवादित फैसलों को लेकर दुनियाभर में चर्चा का विषय बन चुका है. अब किम ने उत्तर कोरिया को परमाणु राष्ट्र घोषित करने का ऐलान किया है साथ ही एक ऐसा कानून बनाया है जिसमें कभी भी परमाणु हथियारों का खात्मा न करने की बात कही गई है.
उत्तर कोरिया ने अपने सैनिकों को देश की रक्षा के लिए किसी भी वक्त परमाणु हमला करने का कानूनी अधिकारी भी दे दिया है. उत्तर की रबर-स्टैम्प संसद, सुप्रीम पीपुल्स असेंबली ने गुरुवार को नया कानून पारित किया जिसने देश की परमाणु स्थिति के बारे में खुलासा किया है. किम ने अपने एक भाषण में कहा कि परमाणु हथियार नीति को कानून बनाने का अत्यधिक महत्व एक अपरिवर्तनीय रेखा खींचना है ताकि हमारे परमाणु हथियारों पर कोई सौदेबाजी न हो सके. किम का साफ कहना है कि हम अपने परमाणु हथियारों का सरेंडर नहीं करेंगे भले ही इसके लिए हमें 100 साल का प्रतिबंध ही क्यों न झेलना पड़े.