पाकिस्तान (Pakistan) के प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) ने कहा कि भारत (India) के साथ सभी विवादित मुद्दों को बातचीत के जरिए हल करने की जरूरत है. उन्होंने गुरुवार को कहा कि दोनों पड़ोसी देशों (Neighbouring Countries) के बीच जारी तनाव और मतभेदों को सुलझाने का यही एकमात्र रास्ता है. दो दिवसीय शंघाई सहयोग संगठन (SCO Summit) के लिए बिश्केक (Bishkek) में मौजूद इमरान खान ने रेडियो पाकिस्तान (Radio Pakistan) को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि दोनों देशों को सैन्य साधनों (Military Means) के जरिए मुद्दों को हल करने के बारे में नहीं सोचना चाहिए. उन्होंने दोहराया कि भारत और पाकिस्तान दोनों देशों को कश्मीर मुद्दे (Kashmir Issue) को सुलझाने के लिए बातचीत करना चाहिए.
इमरान खान से जब पूछा गया कि क्या पाकिस्तान भारत के साथ द्विपक्षीय संबंधों (Bilateral Ties) को सुधारने के लिए अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता (International Mediation) की मांग कर रहा है, इसका जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि इस्लामाबाद (Islamabad) मध्यस्थता की तलाश में है क्योंकि वह मानता है कि 'प्रगति शांति के साथ आती है और पड़ोसियों के साथ तनाव से संसाधन अलग हो जाते हैं जो मानव पर खर्च किए जा सकते हैं. इमरान खान के ये बयान ऐसे वक्त में सामने आए हैं जब एससीओं के नेताओं के लिए किर्गिस्तान के राष्ट्रपति सूरोनबे जीनबेकोव द्वारा आयोजित एक अनौपचारिक रात्रि भोज में इमरान और उनके भारतीय समकक्ष नरेंद्र मोदी ने हाथ मिलाने से परहेज किया. यह भी पढ़ें- SCO Summit: पीएम मोदी और इमरान खान के बीच नहीं हुई कोई बातचीत, न ही हैंडशेक
Amid frosty ties, Imran Khan reiterates need for dialogue with India
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— ANI Digital (@ani_digital) June 14, 2019
सूत्रों के मुताबिक, दो दिवसीय शिखर सम्मेलन के अवसर पर आयोजित रात्रि भोज के दौरान इमरान खान और पीएम मोदी ने एक-दूसरे से नजर तक नहीं मिलाई. हालांकि बिश्केक के लिए रवाना होने से पहले रूसी समाचार एजेंसी स्पुतनिक को दिए एक ‘इंटरव्यू’ में इमरान खान ने कहा था कि एससीओ सम्मेलन ने पाकिस्तान को भारत सहित अन्य देशों के साथ अपना संबंध विकसित करने के लिए एक नया मंच दिया है. उन्होंने कहा था कि इस वक्त भारत के साथ हमारे द्विपक्षीय संबंध शायद अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रहे हैं. खान ने कहा था कि पाकिस्तान किसी भी तरह की मध्यस्थता के लिए तैयार है और अपने सभी पड़ोसियों, खासतौर पर भारत के साथ शांति की उम्मीद करता है. उन्होंने कहा था कि तीन छोटे युद्धों ने दोनों देशों को इस कदर नुकसान पहुंचाया कि वे अभी भी गरीबी के भंवर जाल में फंसे हुए हैं.
एएनआई इनपुट