अहमदाबाद: पाकिस्तान समुद्री सुरक्षा एजेंसी ने गुजरात तट के पास 18 भारतीय मछआरों को गिरफ्तार कर लिया है. साथ ही उनकी तीन नौकाओं को भी जब्त कर लिया. सभी मछुआरों को गुजरात के कच्छ जिले स्थित जखौ तट से दूर अरब सागर में अंतर्राष्ट्रीय जल सीमा (आईएमबीएल) के निकट से पकड़ा गया है.
इमरान खान के पाकिस्तान का प्रधानमंत्री बनने से पहले सद्भावना के तहत 27 मछुआरों को रिहा किया गया था. पाकिस्तान विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा था कि यह 14 अगस्त को देश के स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य में एक मानवीय पहल है." उन्होंने कहा, "यह मानवीय मुद्दों का राजनीतिकरण नहीं करने की पाकिस्तान की सतत नीति है. हमारी उम्मीद है कि भारतीय पक्ष भी इसी तरह से कैदियों को छोड़ेगा.
इन भारतीय मछुआरों को मछली पकड़ने के लिए पाकिस्तान के जलक्षेत्र में घुसने के बाद गिरफ्तार किया गया था और इन्हें बंदरगाह शहर करांची की जेल से रिहा किया गया.
पाकिस्तान और भारत अपने-अपने जलक्षेत्रों में अवैध रूप से मछली पकड़ने के लिए मछुआरों के घुसने पर उन्हें गिरफ्तार करते रहते हैं, लेकिन दोनों देश अभी तक समुद्री सीमा को लेकर किसी भी समझौते पर नहीं पहुंचे हैं.
इसरो की तकनीक मछुआरों को समुद्री सीमा पर करेगी अलर्ट
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के एक वरिष्ठ वैज्ञानिक ने कहा था कि समुद्र में रहने के दौरान मछुआरों को अब देश में बनी जीपीएस प्रणाली ‘नाविक’ का इस्तेमाल कर प्राकृतिक आपदाओं तथा अंतरराष्ट्रीय समुद्री सीमा रेखा की स्थिति के बारे में सतर्क किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि इससे मछुआरों की जीवन रक्षा तथा पड़ोसी देशों के जलक्षेत्र में उनके प्रवेश को रोकने में मदद मिलेगी.
तमिलनाडु और गुजरात दोनों ही राज्यों के मछुआरों को क्रमश: श्रीलंका और पाकिस्तान की समुद्री सुरक्षा एजेंसियों द्वारा पकड़े जाने की घटनाएं अकसर सामने आती रहती हैं. मछुआरे पड़ोसी देश के जलक्षेत्र में प्रवेश करते हैं तो उन्हें पकड़ लिया जाता है. यह नाविक प्रणाली उन्हें तभी सतर्क कर देगी जब वे अंतरराष्ट्रीय जलक्षेत्र के पास होंगे.