Hindenburg Research Shuts Down: हिंडनबर्ग रिसर्च का खेल खत्म! अडानी को अरबों का नुकसान पहुंचाने वाली कंपनी को बंद करेंगे नाथन एंडरसन

Hindenburg Research Shuts Down: दुनिया भर में अपनी रिपोर्ट्स के लिए मशहूर शॉर्ट सेलर नाथन एंडरसन ने अपनी फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च (Hindenburg Research) को बंद करने की घोषणा कर दी है. यह वही संस्था है जिसने अरबपतियों गौतम अडानी, जैक डोर्सी और कार्ल इकान को लेकर विवादित और चर्चित रिपोर्ट्स प्रकाशित कीं. बुधवार को फर्म की वेबसाइट पर जारी एक पत्र में एंडरसन ने इस निर्णय के पीछे कोई विशेष वजह नहीं बताई. उन्होंने कहा, “यह कोई स्वास्थ्य समस्या, खतरा या व्यक्तिगत मुद्दा नहीं है.”

भावुक पत्र में संघर्ष और उपलब्धियों का जिक्र

नाथन एंडरसन ने एक लंबे भावुक पत्र में अपने संघर्ष, टीम वर्क और उपलब्धियों का विस्तार से जिक्र किया. उन्होंने बताया कि यह निर्णय उन्होंने पिछले साल के अंत में ही अपने परिवार और टीम के साथ साझा कर लिया था. उनका कहना है कि “हमने जो लक्ष्य निर्धारित किए थे, उन्हें पूरा करने के बाद अब इसे समाप्त करने का समय आ गया है.”

एंडरसन ने अपने शुरुआती दिनों की चुनौतियों को याद करते हुए बताया, “शुरुआत में मेरे पास पैसे नहीं थे. शुरुआती तीन मुकदमों के बाद मेरी आर्थिक स्थिति और खराब हो गई थी. मेरे पास एक नवजात बच्चा था और मुझे बेदखली का सामना करना पड़ रहा था.” उन्होंने इस दौरान अपने व्हिसलब्लोअर वकील ब्रायन वुड का आभार प्रकट किया, जिन्होंने बिना किसी वित्तीय सहायता के उनकी मदद की.

टीम की सराहना

एंडरसन ने अपनी टीम की तारीफ करते हुए कहा, “हमने 11 अद्भुत लोगों की टीम बनाई. इन सभी का पारंपरिक फाइनेंशियल बैकग्राउंड नहीं था, लेकिन उनका नजरिया और समर्पण अद्भुत था.” उन्होंने कहा कि उनकी टीम ने सटीकता और प्रमाणिकता को प्राथमिकता दी और कई महत्वपूर्ण धोखाधड़ियों को उजागर किया.

अडानी और अन्य रिपोर्ट्स ने मचाई हलचल

जनवरी 2023 में गौतम अडानी के खिलाफ प्रकाशित रिपोर्ट ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हलचल मचाई थी. इस रिपोर्ट में अदाणी ग्रुप पर “कॉरपोरेट इतिहास का सबसे बड़ा घोटाला” करने का आरोप लगाया गया. इसके बाद जैक डोर्सी की ब्लॉक इंक और कार्ल इकान की इकान एंटरप्राइजेज पर भी रिपोर्ट प्रकाशित हुईं.

इन रिपोर्ट्स के कारण तीनों अरबपतियों की संपत्ति में कुल 99 अरब डॉलर की गिरावट आई. अदाणी ग्रुप की कंपनियों की मार्केट वैल्यू में भी 173 अरब डॉलर का नुकसान हुआ. इसके बाद अगस्त 2024 में एंडरसन ने सेबी चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच और उनके पति पर विदेशी फंड्स के जरिए अदाणी ग्रुप में पैसों की हेराफेरी का आरोप लगाया.

भविष्य की योजनाएं

एंडरसन ने अगले छह महीनों के लिए अपनी योजनाओं का खुलासा किया. उन्होंने कहा कि वह हिंडनबर्ग रिसर्च के मॉडल और जांच प्रक्रिया को ओपन-सोर्स करने के लिए सामग्री और वीडियो की एक श्रृंखला पर काम करेंगे. एंडरसन ने उम्मीद जताई कि इस प्रक्रिया को सार्वजनिक करने के बाद लोग इससे प्रेरित होकर बेहतर काम करेंगे.

टीम के भविष्य को लेकर एंडरसन का दृष्टिकोण

नाथन एंडरसन ने अपनी टीम के सदस्यों के भविष्य को लेकर भी अपने विचार साझा किए. उन्होंने कहा कि उनकी टीम के कुछ सदस्य अपनी रिसर्च फर्म शुरू करेंगे, जबकि कुछ स्वतंत्र एजेंट के रूप में काम करेंगे. उन्होंने जोर देकर कहा कि उनकी टीम के सदस्य न केवल प्रतिभाशाली हैं, बल्कि केंद्रित और समर्पित भी हैं.

हिंडनबर्ग के सफर का अंत

नाथन एंडरसन ने अपने पत्र में लिखा, “मैं हिंडनबर्ग को अपने जीवन का एक अध्याय मानता हूं, न कि ऐसा केंद्र जो मुझे परिभाषित करता है.” उन्होंने आगे कहा कि अब वह अपने जीवन के अन्य पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करना चाहते हैं. उनका कहना है कि यह सफर उनके लिए जीवनभर का रोमांच रहा.

अडानी रिपोर्ट से जुड़ी विवादित घटनाएं

हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट्स ने न केवल अडानी ग्रुप बल्कि अन्य बड़ी हस्तियों और संस्थाओं को भी कटघरे में खड़ा किया. इन रिपोर्ट्स के कारण वैश्विक वित्तीय बाजारों में हलचल मच गई थी. अदाणी ग्रुप ने इन आरोपों का पुरजोर विरोध किया, लेकिन उनकी कंपनियों की मार्केट वैल्यू को भारी नुकसान हुआ.

नाथन एंडरसन का हिंडनबर्ग रिसर्च बंद करने का निर्णय न केवल उनकी व्यक्तिगत यात्रा का अंत है, बल्कि एक युग के समाप्त होने जैसा भी है. उन्होंने न केवल वित्तीय अनियमितताओं को उजागर किया, बल्कि यह भी दिखाया कि सही इरादों और सटीकता के साथ कैसे बड़े साम्राज्यों को चुनौती दी जा सकती है. उनकी भविष्य की योजनाएं और टीम का समर्थन उनके काम के प्रभाव को लंबे समय तक जीवित रखेगा.