अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक चौंकाने वाला ऐलान किया है. उन्होंने कहा है कि अमेरिका अपने परमाणु हथियारों का परीक्षण (Nuclear Weapons Testing) "तुरंत" फिर से शुरू करेगा. यह एक बहुत बड़ी खबर है, क्योंकि अमेरिका ने पिछले 30 सालों से भी ज्यादा समय से कोई परमाणु परीक्षण नहीं किया है.
ट्रंप ने यह फैसला रूस और चीन जैसे देशों द्वारा किए जा रहे परीक्षण कार्यक्रमों के जवाब में लिया है.
शी जिनपिंग से मुलाकात से ठीक पहले ऐलान
ट्रंप ने यह घोषणा चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ अपनी मुलाकात से ठीक पहले की. वह इस मुलाकात के लिए दक्षिण कोरिया के बुसान जा रहे थे.
ट्रंप ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा: "दूसरे देशों के टेस्टिंग प्रोग्राम के कारण, मैंने 'डिपार्टमेंट ऑफ वॉर' (रक्षा विभाग) को निर्देश दिया है कि वे बराबरी के आधार पर हमारे परमाणु हथियारों का परीक्षण शुरू करें. यह प्रक्रिया तुरंत शुरू होगी."
'हमारे पास सबसे ज्यादा परमाणु बम'
ट्रंप ने अपने ऐलान के साथ यह दावा भी किया कि "अमेरिका के पास दुनिया में किसी भी अन्य देश से ज्यादा परमाणु हथियार हैं."
उन्होंने कहा, "रूस दूसरे नंबर पर है, और चीन बहुत पीछे तीसरे नंबर पर है, लेकिन वह भी 5 साल के अंदर बराबरी कर लेगा." ट्रंप ने यह भी दावा किया कि उनके पहले कार्यकाल के दौरान अमेरिकी हथियारों को पूरी तरह से अपडेट और रेनोवेट किया गया था.
रूस के 'पोसाइडन' का जवाब?
ट्रंप का यह बड़ा बयान रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की घोषणा के ठीक एक दिन बाद आया है. पुतिन ने हाल ही में कहा था कि रूस ने 'पोसाइडन' (Poseidon) नाम के एक परमाणु-संचालित सुपर टॉरपीडो का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है. सैन्य जानकारों का मानना है कि यह 'पोसाइडन' टॉरपीडो समुद्र में रेडियोधर्मी लहरें पैदा करके तटीय इलाकों में भारी तबाही मचा सकता है. लगता है कि ट्रंप ने रूस की इसी घोषणा के जवाब में यह कदम उठाया है.
President Trump announces US will "immediately" begin testing nuclear weapons after three-decade moratorium. Follow live updates. https://t.co/C9Wi890IYD
— CNN (@CNN) October 30, 2025
2022 में की थी पुतिन की आलोचना
हालांकि, ट्रंप ने यह भी कहा कि उन्हें यह फैसला लेते हुए "नफरत" (HATED) हुई, लेकिन उनके पास कोई और विकल्प नहीं था.
यह बात इसलिए दिलचस्प है क्योंकि 2022 में, जब रूस-यूक्रेन युद्ध चल रहा था, तब ट्रंप ने परमाणु हथियारों की बात करने के लिए पुतिन की खूब आलोचना की थी. ट्रंप ने तब कहा था कि पुतिन हर समय "N-शब्द" (यानी न्यूक्लियर शब्द) का इस्तेमाल करते हैं, जो उन्हें नहीं करना चाहिए. ट्रंप ने उस समय दावा किया था कि अमेरिका रूस से "कहीं ज्यादा ताकतवर" है.
1992 से लगी थी रोक
ट्रंप का यह कदम अमेरिकी नीति में एक बहुत बड़ा बदलाव है. लाइब्रेरी ऑफ कांग्रेस के अनुसार, अमेरिका ने 1992 से स्वेच्छा से (अपनी मर्जी से) परमाणु विस्फोटक परीक्षण पर रोक लगा रखी थी. अब 30 से ज्यादा सालों बाद यह रोक टूटने जा रही है.













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