US Trade Policy 2025: अमेरिकी राष्ट्रपति-चुनाव डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को अपने आर्थिक एजेंडे का खुलासा करते हुए कनाडा, मेक्सिको और चीन से आयात पर भारी टैक्स लगाने की घोषणा की. उन्होंने कहा कि जनवरी 2025 में पदभार ग्रहण करने के तुरंत बाद वे कनाडा और मेक्सिको से आने वाले उत्पादों पर 25% और चीन से आने वाले सामान पर 10% अतिरिक्त टैक्स लगाएंगे. यह कदम ट्रंप के "अमेरिका फर्स्ट" एजेंडे का हिस्सा है, लेकिन इससे व्यापार युद्ध की आशंका बढ़ गई है.
मेक्सिको और कनाडा पर क्यों लगाया जाएगा 25% टैक्स?
ट्रंप ने ड्रग्स, खासकर फेंटानिल, और अवैध प्रवासियों के मुद्दे को लेकर मेक्सिको और कनाडा पर दबाव डालने के लिए यह कदम उठाने की बात कही है. हालांकि, यह नीति अमेरिका-मेक्सिको-कनाडा व्यापार समझौते (USMCA) का उल्लंघन मानी जा सकती है. यह समझौता 2020 में ट्रंप के कार्यकाल में लागू हुआ था और तीनों देशों के बीच शुल्क-मुक्त व्यापार सुनिश्चित करता है.
BREAKING: Trump to impose 25% tariff on imports from Canada and Mexico, as well as 10% on Chinese goods.
— The Spectator Index (@spectatorindex) November 26, 2024
चीन पर 10% अतिरिक्त टैक्स
चीन पर अतिरिक्त 10% टैक्स लगाने के फैसले के पीछे ट्रंप ने अवैध दवाओं के प्रवाह को रोकने में बीजिंग की असफलता का हवाला दिया. इस पर चीन ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. वाशिंगटन स्थित चीनी दूतावास ने कहा कि "कोई भी व्यापार युद्ध या टैक्स युद्ध जीत नहीं सकता."
आर्थिक और व्यापारिक असर
- ट्रंप के इस कदम से अमेरिकी बाजार में महंगाई बढ़ने और सप्लाई चेन बाधित होने की आशंका है.
- आर्थिक विशेषज्ञों का कहना है कि ये टैक्स 1930 के दशक जैसी स्थितियां पैदा कर सकते हैं, जहां व्यापारिक रिश्ते बुरी तरह प्रभावित हुए थे.
- कनाडा और मेक्सिको के साथ व्यापारिक तनाव बढ़ने से अमेरिकी डॉलर मजबूत हुआ, लेकिन उनके स्थानीय मुद्राओं पर दबाव बढ़ गया.
राजनीतिक और कूटनीतिक प्रतिक्रिया
ट्रंप के इस फैसले ने उनके राजनीतिक विरोधियों और व्यापारिक साझेदार देशों को सकते में डाल दिया है. कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने ट्रंप से बातचीत की, लेकिन इसका नतीजा फिलहाल स्पष्ट नहीं है.
भविष्य की चुनौतियां
ट्रंप ने USMCA की छह-वर्षीय समीक्षा प्रक्रिया को भी तेज करने की बात कही है. अगर ऐसा हुआ तो 2026 में समझौते को फिर से बातचीत या खत्म करने का विकल्प खुलेगा.
ट्रंप का यह कदम जहां घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने की कोशिश है, वहीं इससे वैश्विक व्यापार पर गहरा असर पड़ने की संभावना है. आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि यह नीति अमेरिका और उसके व्यापारिक साझेदारों के रिश्तों को कैसे प्रभावित करती है.