Kash Patel FBI Director: डोनाल्ड ट्रंप ने भारतवंशी काश पटेल को बनाया FBI डायरेक्टर, अमेरिका फर्स्ट' नीति में निभाएंगे बड़ी भूमिका

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति और राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप ने भारतीय मूल के गुजराती काश पटेल को एफबीआई निदेशक के रूप में नामित कर एक बड़ा कदम उठाया है. काश पटेल, जिन्हें ट्रंप के करीबी और विश्वासपात्र माना जाता है, पहले भी अमेरिकी खुफिया और जांच तंत्र में अहम भूमिकाएं निभा चुके हैं.

काश पटेल का करियर और ट्रंप का विश्वास 

काश पटेल 2017 में इंटेलिजेंस पर हाउस पार्लियामेंट्री सेलेक्ट कमेटी के सदस्य बने थे. उन्होंने खुफिया समुदाय में अपनी कट्टरपंथी सोच और न्यायिक प्रक्रियाओं को पारदर्शी बनाने की प्रतिबद्धता के लिए पहचान बनाई. ट्रंप ने शनिवार को अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रुथ’ पर यह घोषणा करते हुए लिखा, "काश एक शानदार वकील, जांचकर्ता और 'अमेरिका फर्स्ट' नीति के प्रबल समर्थक हैं, जिन्होंने अपने करियर में भ्रष्टाचार उजागर करने और अमेरिकी लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का काम किया है."

एफबीआई में बदलाव की ओर संकेत 

ट्रंप के इस निर्णय से यह स्पष्ट होता है कि वे एफबीआई और अन्य खुफिया एजेंसियों में व्यापक बदलाव की तैयारी कर रहे हैं. उन्होंने काश पटेल को इस पद पर नियुक्त कर अपने विरोधियों को यह संदेश दिया है कि उनकी सरकार कानून प्रवर्तन और खुफिया एजेंसियों में जवाबदेही और सुधार को प्राथमिकता देगी.

राजनीतिक रणनीति या सुधार का कदम? 

ट्रंप के इस फैसले को उनके संभावित विरोधियों के खिलाफ प्रतिशोध की रणनीति के रूप में भी देखा जा रहा है. एफबीआई निदेशक के रूप में काश पटेल की नियुक्ति उनकी 'अमेरिका फर्स्ट' नीति के अनुरूप है, जो ट्रंप के दृष्टिकोण को और मजबूती देती है.

भारतीय मूल के लिए गर्व का क्षण 

काश पटेल की नियुक्ति भारतीय मूल के लोगों के लिए गर्व का विषय है, क्योंकि यह दर्शाता है कि भारतीय मूल के लोग अमेरिका के शीर्ष पदों तक पहुंच बना रहे हैं. इससे न केवल भारतीय समुदाय का कद बढ़ा है, बल्कि यह भी साबित हुआ है कि योग्यता और मेहनत से कोई भी ऊंचाई हासिल की जा सकती है.

ट्रंप के इस फैसले से आने वाले दिनों में अमेरिकी राजनीति और प्रशासनिक ढांचे में क्या बदलाव होंगे, इस पर सभी की निगाहें टिकी हैं.