कम से कम दो न्यायाधीशों के कोरोनवायरस से संक्रमित होने के साथ पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने संघीय सरकार को स्वास्थ्य आपातकाल को गंभीरता से लेने और एक समान राष्ट्रीय कानून को लाने की याद दिलाई है. प्रधान न्यायाधीश गुलजार अहमद की ओर से सोमवार को एक आदेश में कहा गया, "यह तब और महत्वपूर्ण हो जाता है, जब महामारी से निपटने के लिए पारित कार्यकारी आदेश पारित को रौंद दिया गया हो और लोगों के मौलिक अधिकारों पर असर पड़ता हो." डॉन न्यूज के मुताबिक, शीर्ष अदालत की पीठ की अगुवाई करते हुए प्रधान न्यायाधीश ने कहा, "हम भी इस कोर्ट में असहज महसूस कर रहे हैं क्योंकि दो न्यायाधीश जांच में कोरोना पॉजिटिव निकले हैं." पीठ ने कोरोनावायरस रोकने को लेकर नोटिस पर खुद से संज्ञान लिया.
पांच न्यायाधीशों वाली पीठ के बजाय, सोमवार को मामले की सुनवाई करने वाली सुप्रीम कोर्ट की पीठ में केवल चार न्यायाधीश शामिल थे, जो एक दूसरे से कुछ दूरी पर बैठे थे. देश में कोरोनोवायरस की स्थिति के बारे में, प्रधान न्यायाधीश अहमद ने कहा कि मुश्किल यह है कि इस तथ्य के बावजूद कोई कानून पारित नहीं किया गया है कि हम राष्ट्रीय स्तर पर कानून को अपनाने पर जोर दे रहे हैं जो पूरे देश में लागू होना चाहिए.
15 मई के अपने उस निर्देश में बदलाव करते हुए कि शनिवार और रविवार को ईद त्योहार के लिए दुकानें बंद नहीं हो सकती हैं, चार न्यायाधीशों वाली पीठ ने अपने ताजा निर्देश में सरकार को कोरोना के खतरे से निपटने के लिए अपनी रणनीतियों के अनुसार नीतियां बनाने की अनुमति दी. पाकिस्तान में 2,172 मौतों के साथ कोरोनावायरस के मामलों की संख्या बढ़कर 108,317 हो गई है, जिसके मद्देनजर सोमवार को कोर्ट ने यह निर्देश दिया.