वाशिंगटन: नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (NASA) के Stratospheric Observatory for Infrared Astronomy (SOFIA) ने सोमवार को चंद्रमा के सनलिट सरफेस पर पानी होने की पुष्टि की है. चंद्रमा की सतह पर यह पानी सूरज की किरणें पड़ने वाले इलाके में खोजी गई है. सोफिया ने चंद्रमा के दक्षिणी गोलार्ध में स्थित,पृथ्वी से दिखाई देने वाले सबसे बड़े गड्ढों में से एक क्लेवियस क्रेटर में पानी के अणुओं (H2O) का पता लगाया है.
नासा ने एक प्रेस रिलीज में कहा, SOFIA ने चंद्रमा के दक्षिणी गोलार्ध में स्थित, पृथ्वी से दिखाई देने वाले सबसे बड़े गड्ढों में से एक, क्लेवियस क्रेटर में पानी के अणुओं (H2O) का पता लगाया है. चंद्रमा की सतह के पिछले ऑब्जर्वेशन में हाइड्रोजन का पता लगाया था लेकिन लेकिन पानी और हाइड्रॉक्सिल (OH) की खोज नहीं हो सकी थी." Chandrayaan-3: चंद्रयान-3 अगले साल 2021 में हो सकता है लॉन्च, अभियान में नहीं होगा ऑर्बिटर.
नासा को बड़ी सफलता:
We just announced that - for the first time - we’ve confirmed H2O💧 in sunlit☀️ areas of the Moon. This indicates that water might be distributed across the lunar surface. https://t.co/Gn0DSu5K95
— NASA Moon (@NASAMoon) October 26, 2020
वॉशिंगटन में नासा मुख्यालय में विज्ञान मिशन निदेशालय में एस्ट्रोफिजिक्स डिवीजन के निदेशक पॉल हर्ट्ज ने कहा, "हमें संकेत थे कि H2O चंद्रमा के सनलिट सरफेस पर मौजूद हो सकता है." अब हम जानते हैं कि यह है. पिछले 20 वर्षों में, नासा के मिशन, जिसमें लूनर क्रेटर ऑब्जर्वेशन और सेंसिंग सैटेलाइट शामिल हैं ने चंद्रमा के ध्रुवों के आसपास स्थायी छायादार हिस्से में बर्फ की पुष्टि की थी.
बता दें कि नासा पिछले कुछ समय से अपने महत्वाकांक्षी आर्टेमिस अभियान (Artimes) पर काम कर रहा है. नासा 2024 तक चांद की सतह पर मानव मिशन भेजने की तैयारी कर रहा है.