नई दिल्ली. चंद्रयान-2 (Chandrayaan 2) ने 21 अगस्त को सफलतापूर्वक चांद की दूसरी कक्षा में प्रवेश कर लिया है. जिसके बाद चंद्रयान-2 ने लूनर सतह से लगभग 2650 किमी की ऊंचाई से तस्वीर ली है. इसरो ने ट्वीट कर बताया कि यह तस्वीर चंद्रयान-2 (Chandrayaan 2) के विक्रम लैंडर ने चांद की सतह से 2650 किमी की ऊंचाई से ली है. इससे पहले चंद्रयान-2 मंगलवार सुबह 9.02 बजे चंद्रमा की कक्षा में पहुंचा. इसरो ने बताया कि चंद्रयान-2 द्वारी भेजी गई चांद की तस्वीर में ओरिएंटेल बेसिन और अपोलो क्रेटर्स को पहचाना गया है.
इसरो ने बताया कि कक्षा में पूरी तरह स्थापित होने में इसे करीब आधा घंटा लगा. 23 दिन पृथ्वी के चक्कर लगाने के बाद चंद्रमा की कक्षा में पहुंचने में इसे 6 दिन लगे. 7 सितंबर को चांद की सतह पर पहले से निर्धारित जगह (दक्षिणी ध्रुव) पर सॉफ्ट लैंडिंग करेगा. यह भी पढ़े-Chandrayaan 2 ने भेजी पृथ्वी की पहली तस्वीर, इसरो ने की शेयर, आप भी डालें एक नजर
ISRO: First Moon image captured by #Chandrayaan2 #VikramLander taken at a height of about 2650 km from Lunar surface on August 21, 2019. Mare Orientale basin and Apollo craters are identified in the picture. pic.twitter.com/eKTncvjexT
— ANI (@ANI) August 22, 2019
चंद्रयान-2 का वजन 3,877 किलो.
ज्ञात हो कि चंद्रयान-2 (Chandrayaan 2) को भारत के सबसे ताकतवर जीएसएलवी मार्क-III रॉकेट से लॉन्च किया गया. इस रॉकेट में तीन मॉड्यूल ऑर्बिटर, लैंडर (विक्रम) और रोवर (प्रज्ञान) हैं. इस मिशन के तहत इसरो चांद के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडर को उतारने की योजना है. इस बार चंद्रयान-2 का वजन 3,877 किलो है. यह चंद्रयान-1 मिशन (1380 किलो) से करीब तीन गुना ज्यादा है. लैंडर के अंदर मौजूद रोवर की रफ्तार 1 सेमी प्रति सेकंड है.
बता दें कि इससे पहले इसरो ने बुधवार को जानकारी दी थी कि चंद्रयान-2 (Chandrayaan 2) को चांद की दूसरी कक्षा में पहुंचने में 1,228 सेकेंड लगे. चांद की कक्षा का आकार 118 किलोमीटर गुणा 4,412 किलोमीटर है, जिससे होकर स्पेसक्राफ्ट चांद पर उतरेगा.