सोशल मीडिया वेबसाइट चलाने वाली कंपनी फेसबुक (Facebook) ने ऐलान किया है कि वह अपनी खुद की आभासी मुद्रा (Cryptocurrency) शुरू करने जा रही है जिसे ‘लिब्रा’ (Libra) के नाम से जाना जाएगा. इस कदम का मकसद मौजूदा उपलब्ध स्मार्ट साधनों के जरिए कम लागत वाली ग्लोबल भुगतान प्रणाली तैयार करना है. लिब्रा को 'एक नई वैश्विक मुद्रा' करार दिया जा रहा है. माना जा रहा है कि अगले छह से 12 महीनों में लिब्रा की लॉन्चिंग हो जाएगी. इस नई क्रिप्टोकरंसी को उसके मूल्य के मुताबिक वास्तविक संपत्ति का समर्थन प्राप्त होगा और यह नियमन के दायरे में होगी. आइए 10 प्वाइंट्स में जानते हैं क्रिप्टोकरंसी लिब्रा से जुड़ी प्रमुख बातें.
1. क्रिप्टोकरंसी लिब्रा को गैर-लाभकारी और वित्तीय सेवाओं और ऑनलाइन वाणिज्य से जुड़ी संस्थाओं समेत 25 से ज्यादा साझेदारों का समर्थन हासिल है.
2. लिब्रा एक स्टेबलकॉइन होगी. स्टेबलकॉइन उस डिजिटल करेंसी को कहा जाता है जिसे सरकार समर्थित मुद्राओं एवं प्रतिभूतियों का समर्थन प्राप्त होता है.
3. क्रिप्टोकरंसी लिब्रा फेसबुक की खुद की डिजिटल वॉलेट कैलिब्रा और अन्य सेवाओं के जरिए उपलब्ध होगी. इस वॉलेट से लोग लिब्रा खरीद सकेंगे, इस्तेमाल कर सकेंगे और उसे दूसरे के पास भेज सकेंगे.
4. फेसबुक का कहना है कि लिब्रा बिना किसी शुल्क के दुनियाभर में पैसे के लेन-देन का जरिया बनेगी. अभी दूसरे अंतरराष्ट्रीय मनी-ट्रांसफर सर्विसेज पैसे के लेन-देन पर शुल्क वसूलते हैं.
5. फेसबुक के अधिकारियों के मुताबिक, लिब्रा, बिटकॉइन जैसी अन्य क्रिप्टोकरंसी से एकदम अलग होगी क्योंकि इसका मूल्य अमेरिकी डॉलर, यूरो, येन और अन्य स्थापित मुद्राओं से समर्थित होगा.
6. फेसबुक को उम्मीद है कि लिब्रा एक दिन अमेरिकी डॉलर की हैसियत हासिल करेगी और उसकी तरह ही उसकी भी ट्रेडिंग होगी.
7. कैलिब्रा का वॉलेट इस्तेमाल करने के लिए फेसबुक खाते की आवश्यकात नहीं होगी. इस वॉलेट से लोग फेसबुक के दो मेसेजिंग ऐप्स, वॉट्सऐप और मेसेंजर के जरिए लिब्रा का लेन-देन कर सकेंगे.
8. फेसबुक का मानना है कि लिब्रा बड़ी संख्या में वैसे लोगों के लिए भी ऑनलाइन शॉपिंग का दरवाजा खोल देगी जिनका कोई बैंक अकाउंट या क्रेडिट कार्ड नहीं है. यह भी पढ़ें- फेसबुक जल्द शुरू करेगी कमेंट रैंकिंग, सार्थक होगी सार्वजनिक पोस्ट पर बातचीत
9. फेसबुक और उसके पार्टनर लिब्रा एसोसिएशन के नाम से एक नॉन-प्रॉफिट ऑर्गनाइजेशन बनाएंगे. इसका हेडक्वार्टर जेनेवा में होगा. यही ऑर्गनाइजेशन लिब्रा और इसके इस्तेमाल की देखरेख करेगा.
10. लिब्रा के सहयोगी आम लोगों और व्यापारियों को इसका इस्तेमाल करने के लिए इंसेंटिव्स देंगे. ये ऑफर्स कैलिब्रा वॉलिट साइन इन करने के दौरान मिलेंगे.
दुनिया की सबसे बड़ी सोशल नेटवर्किंग कंपनी फेसबुक का मानना है कि इस नई आभासी मुद्रा (क्रिप्टोकरंसी) से बिटकॉइन जैसी ब्लॉकचेन प्रौद्योगिकी आधारित मुद्राओं में उतार-चढ़ाव से बचा जा सकेगा.