दुनियाभर के कलाकार सोशल नेटवर्किंग प्लेटफॉर्म पर कला आधारित न्यूडिटी के प्रति अनुचित नीतियों के खिलाफ सड़क पर उतर आए हैं. अपने अनुभवों का विवरण देते हुए डिजिटल प्लेफॉर्म से कला और अश्लीलता के बीच स्पष्ट राय बनाने की मांग करते हुए भारतीय कलाकर समुदाय भी उनके समर्थन में उतर आया है.
इसी महीने इसके विरोध में करीब 100 लोगों ने नग्न होकर फेसबुक के न्यूयॉर्क मुख्यालय के सामने अपने हाथों में निपल्स की तस्वीर लेकर उनके लोकप्रिय ऐप्स पर कलात्मक न्यूडिटी दिखाने को लेकर भत्ते की मांग की थी. इस अभियान का नाम उन्होंने हैशटैग वी द निप्पल रखा था.
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जून में एक और विरोध प्रदर्शन देखा गया था, जब फेसबुक और उसके ऐप्स की न्यूडिटी-सेंसरशिप नियमों को 'अस्पष्ट, असंगत और उनकी आजीविका के लिए खतरा' बताते हुए अंतर्राष्ट्रीय पोर्न कलाकार इंस्टाग्राम के सिलिकॉन वैली मुख्यालय के बाहर इकट्ठा हुए थे.
इस कदम को भारत के साथ ही दुनियाभर के अंतर्राष्ट्रीय फोटोग्राफरों, चित्रकारों, मॉडलों और पर्दे के कलाकारों ने सलाम किया है. फैशन फोटोग्राफर सौम्या अय्यर ने आईएएनएस से कहा, "मैं यह अच्छे से समझती हूं कि फेसबुक और इंस्टाग्राम अपने प्लेटफॉर्म से अश्लील तत्व हटाना चाहते हैं, लेकिन कला आधारित न्यूडिटी को खरोच कर निकालने से कलाकार बुरी तरह से प्रभावित होते हैं."
एक फाईन-आर्ट फोटोग्राफर रोहन तुलपुले, जिन्हें अपने काम के खिलाफ कई बार 'अनुचित' सेंसरशिप नियमों का परिणाम भुगतना पड़ा है, उन्होंने कहा, "हर किसी की तरह हम भी अपने काम का प्रदर्शन करना चाहते हैं और इनकी वैश्विक पहुंच और लोकप्रियता की वजह से हम इंस्टाग्राम पर फेसबुक पर हम खुद का निर्माण करने के साथ अपना अलग ब्रांड बनाना चाहते हैं, लेकिन यह दुखद है कि फाईन आर्ट को न ही अपनाया गया न हि सम्मान दिया गया.'
अपने सामुदायिक दिशानिदेशरें के तहत फेसबुक अधिकृत इंस्टाग्राम ने कहा, "विभिन्न कारणों से हम अपने प्लेटफॉर्म पर न्यूडिटी की अनुमति नहीं देते हैं, इसमें फोटो, वीडियो, और कुछ डिजिटल रूप से बनाई गई सामग्री शामिल है जो संभोग, जननांगों को दिखाती है. इसमें महिला निपल्स की कुछ तस्वीरें भी शामिल हैं.
हालांकि वैश्विक प्रदर्शनों ने फेसबुक को कलात्मक न्यूडिटी पर अपने रुख पर फिर से विचार करने के लिए राजी कर लिया है. इसकी नीति टीम, कलाकारों, कला शिक्षकों, संग्रहालय क्यूरेटर, कार्यकतार्ओं के साथ-साथ फेसबुक के कर्मचारियों ने यह जांचने का निर्णय लिया है कि न्यूडिटी संबंधी दिशा-निदेशरें के नए ष्टिकोण पर विचार करने के साथ ही कलाकारों के लिए क्या बेहतर सेवा उपलब्ध कराई जा सकती है.