नई दिल्ली: भारत को ओलंपिक में दो बार मेडल जीतने वाले पहलवान सुशील कुमार का आज 35वां जन्मदिन है. बता दें कि साल 2008 बीजिंग ओलंपिक में ब्रॉन्ज और 2012 लंदन ओलंपिक में सिल्वर लगातार दो बार मेडल जीत कर सुशील कुमार ने भारत का नाम पूरी दुनिया में रोशन किया. सुशील कुमार का जन्म 23 मई 1983 को दिल्ली के नजफगढ़ के बापरोला ग्राम के एक हिन्दू जाट परिवार में हुआ था. उनके पिता दीवान सिंह डीटीसी बस ड्राईवर थे, जबकि उनकी माता कमला देवी एक गृहिणी थी. वही तीन बार कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत के लिए गोल्ड जीतकर सुशील ने साबित कर दिया है कि पहलवानी में उनका कोई सानी नहीं. साल 2003 से सुशील लगातार सीनियर लेवल पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की झोली में मेडल डालते आ रहे हैं.
सुशील का जन्म दिल्ली में हुआ था. वह महज 14 साल की उम्र में दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम के अखाड़ा में पहलवानी में ट्रेनिंग लेना शुरू की. शुरुआत में उन्हें कोच यशवीर और रामफल ने ट्रेनिंग दी. इसके बाद अर्जुन अवॉर्ड प्राप्त गुरु सतपाल ने उन्हें ट्रेनिंग दी. इसके बाद भारतीय रेल के ट्रेनिंग कैम्प में ज्ञान सिंह और राजकुमार बैसला गुर्जर ने सुशील को कोचिंग दी.
सुशिल कुमार के अवार्ड, सम्मान और उपलब्धियाँ-
1-अर्जुन अवार्ड, 2005
2-राजीव गाँधी खेल रत्न अवार्ड (जॉइंट), भारत का सर्वश्रेष्ट खेल पुरस्कार
3-पद्म श्री, 2011
2005 और 2007 के कामनवेल्थ रेसलिंग चैंपियनशिप में उन्होंने गोल्ड मेडल जीते। 2007 के वर्ल्ड चैंपियनशिप में वे 7 वे पायदान पर काबिज रहे और 2008 में बीजिंग ओलंपिक्स खेलो में उन्होंने ब्रोंज मेडल भी जीता.
इसी कड़ी में आज रेसलिंग फेडरेशन ने पहलवान सुशील कुमार और साक्षी मलिक समेत कुल चार रेसलर्स को अगले महीने होने वाले एशियन गेम्स ट्रायल से बाहर रहने की अनुमति दे दी है.