पूर्व ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी एंडी बिकेल ने दिया बड़ा बयान, कहा- वर्ल्ड कप में धोनी का अनुभव विराट को बेहद काम आएगा
विराट् कोहली & महेंद्र सिंह धोनी ( Photo Credits- PTI)

ऑस्ट्रेलिया की 2003 विश्व कप जीत का अहम हिस्सा रहे हरफनमौला खिलाड़ी एंडी बिकेल (Andy Bichel) ने कहा है कि दो बार के विश्व विजेता कप्तान महेंद्र सिंह धोनी (MS Dhoni) का अनुभव इंग्लैंड एंड वेल्स (England and Wales) में होने वाले विश्व कप में भारत के मौजूदा कप्तान विराट कोहली (Virat Kohli) के बेहद काम आएगा. बिकेल ने कहा है कि धोनी का शांतचित स्वभाव मुश्किल समय में असरदार साबित होता है. बिकेल ने साथ ही माना है कि भारत का मौजूदा तेज गेंदबाजी आक्रमण दमदार है लेकिन भारतीय टीम प्रबंधन को गेंदबाजों पर ध्यान देना होगा क्योंकि यह टूर्नामेंट लंबा है. बिकेल भारत के पहले स्पोटर्स चैनल-पावर स्पोटर्स के साथ विश्व कप के लिए जुड़ें हैं। इसी संबंध में सोमवार को यहां आयोजित एक कार्यक्रम से इतर बिकेल ने संवाददाताओं से कहा, "मध्य के ओवरों में आपको कुछ बदलाव करने पड़ते हैं. ऐसे फैसलों में विराट को बहुत चतुराई दिखानी पड़ेगी. वहां विराट के पास धोनी होंगे जिनकी वे मदद ले सकते हैं."

उन्होंने कहा, "धोनी के पास कभी अनुभव है, वह काफी शांत रहते हैं. यह हो सकता है कि उनका आखिरी विश्व कप हो. उम्मीद है कि वह इसे लेकर भावुक नहीं होंगे और वहां जाकर वैसा प्रदर्शन करेंगे जैसा कर सकते हैं और उनके पास जितना अनुभव है टीम को देंगे. उनके और विराट के संबंध अच्छे हैं." बिकेल मानते हैं िंक धोनी का अनुभव विराट के लिए बल्लेबाजी में भी काम आता है और इसलिए वह कई बार मैच फिनिशिर की भूमिका निभाने में भी सफल रहते हैं क्योंकि उन्हें पता होता है कि दूसरे छोर पर धोनी हैं जो कभी भी बाउंड्री मार सकते हैं. बिकेल ने कहा, "धोनी को आखिरी ओवरों में खेलना का काफी अनुभव है, ऐसे में इससे विराट को मदद मिलती है। सचिन काफी महान थे इसमें कोई शक नहीं है लेकिन विराट ने चीजें बदली हैं. वह अंत तक खड़े रहते हैं और फिनिशर की भूमिका निभाते हैं. उनके पास धोनी का अनुभव भी है जो बेहद शांत और दबाव मुक्त रहते हैं. धोनी को जब किसी गेंदबाज के खिलाफ एक निश्चित जगह बाउंड्री मारनी होती है तो वह ऐसा कर सकते हैं. इस मामले में वह काफी हद तक माइकल बेवन की तरह हैं. वह ऐसा काफी दिनों से करते आ रहे हैं. धोनी के रहने से विराट बेफिक्र रहते हैं और अपना खेल खेलते हैं."

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बिकेल ने भारतीय तेज गेंदबाजो की तारीफ करते हुए कहा, "भारत का तेज गेंदबाजी आक्रमण शानदार है. जसप्रीत बुमराह विश्व स्तर के गेंदबाज हैं. उन्होंने आईपीएल में शानदार प्रदर्शन किया है. देखना होगा कि क्या वह ऐसा विश्व कप में कर पाते हैं? क्योंकि यह लंबा टूर्नामेंट हैं और उन्हें हर मैच में 10 ओवर फेंकने हैं." पूर्व आस्ट्रेलियाई खिलाड़ी ने भुवनेश कुमार और मोहम्मद शमी की भी तारीफ की है. उन्होंने कहा, "भुवनेश्वर कुमार भी इंग्लैंड की स्थिति में विश्व स्तर के गेंदबाज हैं. वह गेंद को दोनों तरफ स्विंग करा सकते हैं, लेकिन मोहम्मद शमी ने मुझे वाकई हैरान किया है. उनकी ताकत निरंतरता है. वह न सिर्फ 140 की स्पीड से लगातार गेंद डाल सकते हैं. भारत के लिए विश्व कप जीतने के लिए अहम होगा कि वह इन तीनों का ख्याल रखे और क्योंकि टूर्नामेंट जुलाई तक चलना है. यह भारत के लिए चुनौती है."

बिकेल का कहना है कि भारत को अगर विश्व कप जीतना है तो उसके हरफनमौला खिलाड़ी हार्दिक पांड्या और रवींद्र जडेजा को मध्य के ओवरों में अच्छा करना होगा. उन्होंने कहा, "अगर भारत को विश्व कप जीतना है तो हार्दिक और जडेजा को अच्छा प्रदर्शन करना होगा क्योंकि मध्य के ओवरों पर काफी कुछ निर्भर करता है. मध्य के ओवरों में जब आप स्पिन को पकड़ नहीं पाते हो या विकेट जब गिरता है तो तेज गेंदबाज वापस आ जाते हैं. अगर आप मध्य के ओवरों में आठ-नौ की रन रेट नहीं चला रहे हो, आप स्पिनरों को पढ़ नहीं पा रहे हो ऐसे में जब स्टार्क और बुमराह जैसे गेंदबाज वापस आ जाते हैं तो परेशानी होती है क्योंकि वनडे हाई स्कोरिंग गेम है जहां आपको ज्यादा रनों की जरूरत है." बीते कुछ दिनों में भारत की स्पिन जोड़ी-कुलदीप चहल और युजवेंद्र चहल ने टीम की जीत में अहम भूमिका निभाई है. इंग्लैंड में भी यह जोड़ी अच्छा कर सकती है. बिकेल का मानना है कि भारतीय टीम प्रबंधन के लिए यह परेशानी होगी कि किसे अंतिम-11 में मौका दें.

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बिकेल ने कहा, "भारतीय टीम के कोच रवि शास्त्री के लिए यह काफी अहम सवाल होगा कि वह इन दोनों में से किसे खेलाएं। हो सकता है कि टूर्नामेंट के दूसरे हाफ में वह इन दोनों को एक साथ खेलाएं, लेकिन इसके लिए उन्हें अपने शीर्ष-6 बल्लेबाजों में आत्मविश्वास होना चाहिए. वहीं जडेजा भी टीम में हैं. उनके पास इंग्लैंड में खेलना का अनुभव भी है. भारत के पास छह-सात गेंदबाज हो परेशानी में काम आ सकते हैं लेकिन ऑस्ट्रेलिया के पास ऐसा नहीं है."