मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने हाल ही में एक महिला को तलाक की अनुमति दी, जिसके पति को संपत्ति विवाद के सिलसिले में अपने ही पिता की हत्या के लिए दोषी ठहराया गया था और आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी. महिला को तलाक देते हुए, न्यायमूर्ति विवेक रूसिया और न्यायमूर्ति राजेंद्र कुमार वाणी की उच्च न्यायालय की पीठ ने कहा कि हालांकि पत्नी या पति के दोषी ठहराए जाने के आधार पर तलाक देने का ऐसा कोई प्रावधान नहीं है, लेकिन मानसिक क्रूरता के आधार पर ऐसे मामलों में राहत दी जा सकती है. अदालत ने कहा, "आईपीसी की धारा 302 के तहत पति को दोषी ठहराना और आजीवन कारावास की सजा देना पत्नी के प्रति मानसिक क्रूरता है, जिसके कारण उसे अपने पति से तलाक लेना पड़ता है."
Wife whose husband is sentenced to life imprisonment for murder is entitled to divorce: Madhya Pradesh High Court
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— Bar and Bench (@barandbench) June 10, 2024
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