मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने हाल ही में एक महिला को तलाक की अनुमति दी, जिसके पति को संपत्ति विवाद के सिलसिले में अपने ही पिता की हत्या के लिए दोषी ठहराया गया था और आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी. महिला को तलाक देते हुए, न्यायमूर्ति विवेक रूसिया और न्यायमूर्ति राजेंद्र कुमार वाणी की उच्च न्यायालय की पीठ ने कहा कि हालांकि पत्नी या पति के दोषी ठहराए जाने के आधार पर तलाक देने का ऐसा कोई प्रावधान नहीं है, लेकिन मानसिक क्रूरता के आधार पर ऐसे मामलों में राहत दी जा सकती है. अदालत ने कहा, "आईपीसी की धारा 302 के तहत पति को दोषी ठहराना और आजीवन कारावास की सजा देना पत्नी के प्रति मानसिक क्रूरता है, जिसके कारण उसे अपने पति से तलाक लेना पड़ता है."

(SocialLY के साथ पाएं लेटेस्ट ब्रेकिंग न्यूज, वायरल ट्रेंड और सोशल मीडिया की दुनिया से जुड़ी सभी खबरें. यहां आपको ट्विटर, इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर वायरल होने वाले हर कंटेंट की सीधी जानकारी मिलेगी. ऊपर दिखाया गया पोस्ट अनएडिटेड कंटेंट है, जिसे सीधे सोशल मीडिया यूजर्स के अकाउंट से लिया गया है. लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है. सोशल मीडिया पोस्ट लेटेस्टली के विचारों और भावनाओं का प्रतिनिधित्व नहीं करता है, हम इस पोस्ट में मौजूद किसी भी कंटेंट के लिए कोई जिम्मेदारी या दायित्व स्वीकार नहीं करते हैं.)