गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को लोकसभा में कहा कि तीन आपराधिक कानूनों के स्थानों पर लाए गए विधेयक गुलामी की मानसिकता को मिटाने और औपनिवेशिक कानूनों से मुक्ति दिलाने की नरेन्द्र मोदी सरकार की प्रतिबद्धता को दिखाते हैं.

उन्होंने  कहा, "नए कानून में ट्रायल इन एब्सेंटिया का प्रावधान लाया गया है...देश में कई मामलों ने हमें झकझोर कर रख दिया, चाहे वह मुंबई बम ब्लास्ट हो या कोई और. वो लोग दूसरे देशों में छुपे हुए हैं, जिसकी वजह से ट्रायल नहीं चल रहे हैं, लेकिन उन्हें अब यहां आने की जरूरत नहीं है. अगर वे 90 दिनों के भीतर अदालत में पेश नहीं होते हैं तो उनकी अनुपस्थिति में मुकदमा चलेगा... उनके खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए एक सरकारी वकील नियुक्त किया जाएगा. फांसी की सजा भी होगी... इससे उन्हें वापस लाने की प्रक्रिया तेज़ हो जाएगी, क्योंकि उन पर मुकदमा चलने पर दूसरे देश पर दबाव बढ़ेगा और वापस लाने की स्थिति बदल जाएगी."

लोकसभा में गृह मंत्री अमित शाह ने बताया कि भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (CRPC) में पहले 484 धाराएं थीं, अब 531 होंगी, 177 धाराओं में बदलाव हुआ है। 9 नई धाराएं जोड़ी गई हैं, 39 नए सब सेक्शन जोड़े गए हैं, 44 नए प्रोविजन और स्पष्टीकरण जोड़े गए हैं, 35 सेक्शन में टाइम लाइन जोड़ी हैं और 14 धाराओं को हटा दिया गया है.

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