मुंबई: देश में अचानक दिल का दौरा पड़ने की घटनाओं में तेजी से बढ़ोतरी देखी जा रही है, खासकर कोविड-19 महामारी के बाद. ऐसी ही एक घटना में, चलती ट्रेन में यात्रा कर रहे एक 70 वर्षीय बुजुर्ग यात्री को अचानक दिल का दौरा पड़ा. इस दौरान, ट्रेन में तैनात टीटीई (ट्रेन टिकट एग्जामिनर) ने अपनी सतर्कता और हिम्मत दिखाते हुए सीपीआर देकर यात्री की जान बचाई. इस पूरी घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है.
यह घटना 15708 अमरपाली एक्सप्रेस में हुई, जहां जनरल कोच में सफर कर रहे बुजुर्ग यात्री को दिल का दौरा पड़ा. टीटीई ने बिना देर किए उन्हें सीपीआर (कार्डियोपल्मनरी रेससिटेशन) दिया, जिससे उनकी हालत स्थिर हो पाई. इसके बाद यात्री को छपरा रेलवे स्टेशन पर अस्पताल ले जाया गया, जहां उनका आगे का इलाज हुआ.
टीटीई की तत्परता से मिला ‘जीवनदान’
ट्रेन संख्या 15708 'आम्रपाली एक्सप्रेस' के जनरल कोच में सफ़र के दौरान 70 वर्षीय एक यात्री को हार्ट अटैक आने पर तैनात टीटीई ने बिना समय गंवाए CPR दिया और यात्री की जान बचाई। तत्पश्चात छपरा रेलवे स्टेशन पर यात्री को अस्पताल भेज दिया गया। pic.twitter.com/vxqsTEkir7
— Ministry of Railways (@RailMinIndia) November 23, 2024
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया
रेल मंत्रालय ने इस घटना का वीडियो साझा करते हुए टीटीई की त्वरित कार्रवाई की सराहना की. वीडियो में टीटीई को यात्री की छाती दबाते और मुंह से सांस देते हुए दिखाया गया है. हालांकि, कुछ सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं ने इस घटना पर सवाल उठाए हैं. एक यूजर ने लिखा, "यात्री होश में है और हाथ उठा रहा है, लेकिन फिर भी उसे सीपीआर दिया जा रहा है. ये किस तरह का सीपीआर है?"
दूसरे यूजर ने कहा, "वीडियो में दिख रहा है कि यात्री का हाथ हिल रहा है, मतलब उनकी धड़कन चल रही है. बिना निरीक्षण किए सीपीआर देना गलत है. अधिक प्रशिक्षण और जागरूकता की आवश्यकता है."
टीटीई की बहादुरी और प्रशिक्षण पर बहस
हालांकि टीटीई की त्वरित प्रतिक्रिया ने यात्री की जान बचाई, लेकिन इस घटना ने सीपीआर देने की सही प्रक्रिया और ट्रेन कर्मचारियों को दिए जाने वाले प्रशिक्षण पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि सीपीआर केवल तब दिया जाना चाहिए जब व्यक्ति की सांसें और दिल की धड़कन पूरी तरह रुक गई हो.