न्यू ऑरलिंस में नए साल के दिन हुए हमले का आईएसआईएस से संबंध
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credit: Image File)

अमेरिका के न्यू ऑरलिंस में साल के पहले दिन हुए एक कार हमले को अमेरिकी राष्ट्रपति ने आतंकवादी घटना बताया है. हमलावर का संबंध इस्लामिक स्टेट से होने का संदेह है.नए साल के पहले दिन अमेरिका के न्यू ऑरलिंस में हुए एक कार हमले में कम से कम 15 लोग मारे गए और दर्जनों लोग घायल हुए. अधिकारियों ने हमलावर की पहचान 42 वर्षीय शम्सुद्दीन जब्बार के रूप में की है, जिसने अमेरिकी सेना में 13 सालों तक काम किया था. इस घटना की जांच आतंकवादी हमले के रूप में की जा रही है. अमेरिका की संघीय जांच एजेंसी एफबीआई के अनुसार, हमलावर आईएसआईएस (इस्लामिक स्टेट) से प्रेरित था.

हमला 1 जनवरी 2025 की सुबह हुआ जब जब्बार ने एक पिकअप ट्रक को पुलिस की बैरिकेड को पार करते हुए भीड़ पर चढ़ा दिया. ट्रक पर इस्लामिक स्टेट का झंडा लगा हुआ था. वहां मौजूद रहे लोगों ने कहा कि यह घटना बहुत डरावनी थी, जैसे एक फिल्म का सीन हो.

बड़े हमले की तैयारी थी

18 वर्षीय जिओन पार्सन्स ने कहा, "ट्रक तेजी से आ रहा था, लोग हवा में उड़ते हुए गिर रहे थे." पार्सन्स हमले के वक्त वहां मौजूद थे. उनके दोस्त निकीरा डेडॉक्स की इस हमले में मौत हो गई.

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हमलावर ने पुलिस पर भी गोलीबारी की, जिसके बाद पुलिस ने जवाबी फायरिंग की और उसे मार गिराया. इस गोलीबारी में तीन पुलिस अधिकारी घायल हो गए, लेकिन उनकी हालत स्थिर है.

अधिकारियों ने कहा कि जब्बार का वाहन जब्त किया गया, जिसमें कई हथियार, एक हैंडगन, एआर राइफल और कुछ पाइप बम भी मिले. इसके अलावा, ट्रक के आसपास कुछ और बम मिले थे, जिससे यह संकेत मिलता है कि यह हमला योजनाबद्ध था. एफबीआई की सहायक विशेष एजेंट एलेथिया डंकन ने कहा, "हम नहीं मानते कि जब्बार ने अकेले इस हमले को अंजाम दिया. हम उसके संपर्कों की जांच कर रहे हैं."

कौन था हमलावर?

हमलावर शम्सुद्दीन जब्बार की पृष्ठभूमि भी दिलचस्प है. वह 2007 से 2020 तक अमेरिकी सेना में सेवा दे चुका था और अफगानिस्तान में भी तैनात रह चुका था. सेना में रहते हुए वह एक मानव संसाधन विशेषज्ञ और आईटी विशेषज्ञ के रूप में काम करता था. हमलावर ने सेना छोड़ने के बाद एक रियल एस्टेट एजेंट के रूप में भी काम किया था.

जब्बार के खिलाफ हिंसक अपराध का कोई रिकॉर्ड नहीं था, लेकिन 2002 में एक संपत्ति चोरी के आरोप में उसे मामूली आरोप का सामना करना पड़ा था. एफबीआई और स्थानीय अधिकारियों के अनुसार, हमलावर ने ट्रक किराए पर लिया था और न्यू ऑरलिंस के फ्रेंच क्वॉर्टर में हमला किया. हमलावर ने ट्रक को पुलिस के बैरिकेड के आसपास घुमा कर लोगों पर चढ़ा दिया. इस घटना के बाद शहर में दहशत फैल गई. आसपास के लोग क्लबों और रेस्तरां में दौड़कर शरण लेने लगे.

न्यू ऑरलिंस की मेयर ला टोया कैंट्रेल ने हमले को "निर्दयी हिंसा" बताया और पीड़ितों के परिवारों के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त की. राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भी इस हमले की निंदा की और कहा कि "हमारे देश का कोई भी समुदाय इस प्रकार के हमलों को सहन नहीं करेगा."

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जब्बार के ट्रक पर आईएसआईएस का झंडा होने के कारण अधिकारियों ने इसे आतंकवादी संगठन से जुड़े होने की संभावना के तहत जांचना शुरू किया. हालांकि, इस हमले के पीछे के कारणों को लेकर अब तक कोई स्पष्ट जानकारी सामने नहीं आई है. हाल के सालों में यूरोप में भी इस तरह के हमले बढ़े हैं जहां इस्लामिक स्टेट ने जर्मनी और अन्य यूरोपीय देशों को निशाना बनाया.

सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल

इस हमले को लेकर एक अन्य पुलिस अधिकारी ने कहा, "यह कोई सामान्य हमला नहीं था. यह बेहद बुरा और नफरत से भरा हुआ था." न्यू ऑरलिंस पुलिस प्रमुख एनी किर्कपैट्रिक ने इसे "शुद्ध दुष्टता" बताते हुए कहा कि जब्बार इस हमले को अंजाम देने के लिए पूरी तरह से प्रेरित था.

हमले के बाद, न्यू ऑरलिंस के बर्बन स्ट्रीट क्षेत्र को पुलिस ने घेर लिया था और वहां पर जांच जारी रही. कई पर्यटक घटनास्थल के पास फंसे हुए थे. कुछ ने कहा कि शहर में शांति की जगह सिर्फ डर और नीरसता थी.

लुइजियाना के गवर्नर जेफ लैंड्री ने लोगों से इस क्षेत्र से दूर रहने की अपील की. कुछ लोग इस घटना के बाद सामान्य जीवन में लौटने लगे, लेकिन बाकी लोग इसे एक भयानक अनुभव मान रहे थे.

एफबीआई और स्थानीय अधिकारियों का कहना है कि इस हमले के संबंध में वे गहन जांच कर रहे हैं और आतंकवादी संगठन आईएसआईएस से जुड़ी अन्य जानकारी इकट्ठा कर रहे हैं. साथ ही, यह घटना यह सवाल भी खड़ा करती है कि क्या न्यू ऑरलिंस जैसे बड़े शहरों में सुरक्षा व्यवस्था और भी कड़ी की जानी चाहिए, खासकर जब देशभर में आतंकवाद की चिंता बढ़ी हुई है.

वीके/सीके (एपी, रॉयटर्स)