संभल: रविवार सुबह जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हुई हिंसा से पूरे शहर में हलचल मच गई. इस सर्वे के दौरान अचानक उग्र भीड़ ने पथराव और आगजनी शुरू कर दी, जिसके बाद पुलिस को आंसू गैस के गोले फेंकने पड़े और लाठीचार्ज करना पड़ा. यह घटना शहर के लिए एक गंभीर स्थिति बन गई है, जिसके बाद सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत किया गया है.
क्या था पूरा मामला?
रविवार सुबह लगभग 6 बजे, जिला मजिस्ट्रेट (डीएम) और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसपी) के नेतृत्व में एक टीम जामा मस्जिद का सर्वे करने पहुंची थी. टीम के पहुंचने के कुछ ही देर बाद मस्जिद के पास बड़ी संख्या में लोग एकत्रित हो गए और इस सर्वे का विरोध करना शुरू कर दिया. उनका कहना था कि छुट्टी के दिन सुबह-सुबह सर्वे क्यों किया जा रहा है. देखते ही देखते यह विरोध बढ़कर एक हजार से ज्यादा लोगों की भीड़ में बदल गया.
#WATCH | Uttar Pradesh: Police appeal to locals in Sambhal to stop pelting stones when a survey team reached Shahi Jama Masjid there to conduct a survey of the mosque. pic.twitter.com/40uFxcD99Z
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) November 24, 2024
पथराव और भगदड़ के बाद पुलिस को करना पड़ा लाठीचार्ज
जब पुलिस ने इस भीड़ को मस्जिद के अंदर जाने से रोकने की कोशिश की, तो विरोध कर रहे लोगों ने पथराव शुरू कर दिया. पथराव की घटना के बाद पुलिस को स्थिति संभालने में मुश्किलें आने लगीं और भगदड़ जैसी स्थिति बन गई. इस बीच पुलिस ने कई बार भीड़ को काबू करने की कोशिश की, लेकिन जब स्थिति और ज्यादा बिगड़ गई, तो उन्हें लाठीचार्ज करना पड़ा और आंसू गैस के गोले दागने पड़े. इस हिंसक माहौल में कई लोग भागते हुए सड़क पर अपने चप्पल-जूते छोड़ गए.
कुछ लोग पूछ रहे हैं सँभल में जामा मस्जिद के सर्वे के समय पथराव किसने किया ! इसीलिए ये वीडियो पोस्ट कर रहा हूँ. पथराव के बाद सर्वे के विरोध में हज़ारों लोग जमा हो गए हैं. सर्वे ज़िला अदालत के आदेश पर हो रहा है pic.twitter.com/kEGmOEFovT
— पंकज झा (@pankajjha_) November 24, 2024
सर्वे के आदेश के बाद हुआ विवाद
यह सर्वे कोर्ट के आदेश पर किया जा रहा था. 19 नवंबर को हिंदू पक्ष ने अदालत में यह याचिका दायर की थी कि जामा मस्जिद में श्री हरिहर मंदिर का अस्तित्व है और इसके सर्वे की जरूरत है. कोर्ट ने इस मामले में प्रशासन को सर्वे कराकर एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट देने का आदेश दिया था. इसी आदेश के बाद प्रशासन की टीम रविवार को दोबारा सर्वे के लिए पहुंची थी.
संभल, यूपी में जामा मस्जिद के सर्वे का विरोध कर रहे लोगों ने एक गाड़ी में आग लगाई। pic.twitter.com/uWKYLzKQ56
— Sachin Gupta (@SachinGuptaUP) November 24, 2024
हिंदू पक्ष का कहना है कि 1529 में बाबर के शासनकाल में इस मस्जिद का निर्माण किया गया था, और इस भूमि पर पहले श्री हरिहर मंदिर था. यह विवाद पिछले कुछ समय से बढ़ता जा रहा है, और अब प्रशासन को कोर्ट के आदेश के तहत रिपोर्ट 26 नवंबर तक पेश करनी है. इस मामले में 29 नवंबर को अगली सुनवाई होगी.
#WATCH | Uttar Pradesh: An incident of stone pelting took place in Sambhal when a survey team reached Shahi Jama Masjid to conduct a survey of the mosque. Police used tear gas to control the situation.
Following a petition filed by senior advocate Vishnu Shanker Jain in the… pic.twitter.com/HWPRrVaN6P
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) November 24, 2024
स्थिति अभी भी तनावपूर्ण
सर्वे के दौरान हुई हिंसा के बाद स्थिति अभी भी तनावपूर्ण बनी हुई है. पुलिस ने सुरक्षा बढ़ाने के लिए अतिरिक्त बल की तैनाती की है, और आसपास के थानों से अतिरिक्त फोर्स भी बुलाए गए हैं. डीएम और एसपी मौके पर मौजूद हैं और हालात पर नजर बनाए हुए हैं.
संभल में हो गया बवाल.. शाही मस्जिद के सर्वे के दौरान जबरदस्त पथराव.. पहले उपचुनाव के मतदान और फिर परिणाम के बाद एक बार फिर बिगड़े प्रदेश के हालात.. वीडियो देखिए, पता चलेगा मामला कितना गंभीर है.. पुलिस पर पत्थर चल रहे हैं तो उपद्रवियों पर गोले दागे जा रहे हैं.. pic.twitter.com/pnZd7uzpVH
— Vivek K. Tripathi (@meevkt) November 24, 2024
यह घटना एक बार फिर से यह दिखाती है कि धार्मिक स्थलों पर विवाद और राजनीति का असर किस तरह से स्थानीय स्थिति को प्रभावित कर सकता है. प्रशासन और पुलिस को इन घटनाओं को लेकर गंभीरता से कदम उठाने की आवश्यकता है ताकि भविष्य में ऐसी हिंसा और तनाव से बचा जा सके.