इन दिनों सोशल मीडिया पर एक मैसेज बहुत तेजी से वायरल हो रहा है जिसमे यह दवा किया जा रहा है कि 'पीएम गरीब कल्याण योजना' (PM Garib Kalyan Yojna) के तहत बैंक खातों में भेजे गए पैसों को सरकार द्वारा वापस ले लिया जाएगा. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने हालही में 'पीएम गरीब कल्याण योजना' की घोषणा की थी जिसके तहत सरकार महिलाओं, गरीब वरिष्ठ नागरिकों और किसानों को लॉकडाउन के कारण हुई परेशानियोंको कम करने के लिए यह पैसे दिए जा रहे हैं.
आपको बता दें कि व्हाट्सएप पर यह मैसेज वायरल होते ही कई लोग पैसे निकालने के लिए बैंकों की ओर दौड़ पड़े जिसके कारण लॉकडाउन के नियमों का भी उन्लंघन किया गया. इसलिए, सरकार ने सोमवार को एक स्पष्टीकरण जारी किया जिसमे वायरल पोस्ट को अफवाह के रूप में खारिज कर दिया गया. साथ ही यह भी स्पष्ट कर दिया कि 'पीएम गरीब कल्याण योजना' के तहत जमा किया गया धन वापस नहीं लिया जायेगा. प्रेस इनफार्मेशन ब्यूरो ने ट्वीट कर कहा कि, "यह सब एक अफवाह है. पैसे खातों से वापस नहीं लिए जाएंगे."
Claim: Money transferred to a/c under PMGKY will be taken back if not withdrawn#PIBFactCheck: This is a baseless rumour. Money will not be taken back from accounts.#PMGKY #PMGaribKalyanYojana pic.twitter.com/EcwoIad2BE
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) April 13, 2020
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देश में कोरोना वायरस संक्रमण के कारन लगे लॉकडाउन से हो रही समस्या को देखते हुए केंद्रीय मंत्री सीतारमण ने गरीबों के लिए 1,70,000 करोड़ रुपये के राहत पैकेज की घोषणा की थी. उन्होंने किसानों के लिए 2000 रुपये और महिलाओं के लिए 500 रुपये की घोषणा की. यह पैसे जन धन खाता में जायेंगे. सरकार के अनुसार, 32 करोड़ से अधिक लोगों को राहत पैकेज के हिस्से के रूप में 29,352 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता मिली है.
सरकार ने कहा कि, "13 अप्रैल 2020 तक 32.32 करोड़ का पैकेज लाभार्थियों को डीबीटी के माध्यम से सीधे 29,352 करोड़ रुपये की नकद सहायता दी गई है." अप्रैल के लिए 40 राज्यों में से 20 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से अब तक 20.11 लाख मीट्रिक टन अनाज उठाया गया है. 16 राज्यों में संघ राज्य क्षेत्रों द्वारा 2.65 लाख मीट्रिक टन वितरित किया गया है. साथ ही अप्रैल 2020 के लिए 1.19 करोड़ राशन कार्डों द्वारा कवर किए गए 5.29 करोड़ लाभार्थी हैं. 3985 मीट्रिक टन दालों को भी विभिन्न राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में भेज दिया गया है.