डेविड फुलर (David Fuller) नाम के अस्पताल में काम करने वाले एक इलेक्ट्रिशियन ने ब्रिटेन के कानूनी इतिहास में नेक्रोफिलिया के सबसे खराब मामले में मुर्दाघरों में लाशों के साथ यौन संबंध बनाने की बात स्वीकार की है. 67 वर्षीय इलेक्ट्रीशियन को साल 1987 में दो महिलाओं की हत्या करने के बाद उनका यौन उत्पीड़न करने का दोषी पाया गया. उसने 25 वर्षीय वेंडी नेल (Wendy Knell) और 20 वर्षीय कैरोलिन पियर्स (Caroline Pierce) को दो अलग-अलग महीनों में दक्षिण-पूर्व इंग्लैंड के केंट में अलग-अलग हमलों में गला घोंट कर मार दिया. यह भी पढ़ें: दिल्ली से एक और 'बाबा' हुआ गिरफ्तार, 'शरीर की शुद्धि' के नाम पर बनाता था शिकार
जांच के दौरान पुलिस द्वारा डीएनए में मिली सफलता के बाद शिकार की खोज में घूमनेवाला ये हैवान पकड़ा गया. डेविड फुलर के घर की गहन तलाशी के दौरान, उन्होंने पाया कि उसने दो मुर्दाघरों में लाशों के साथ कुकर्म को अंजाम देते हुए खुद को फिल्माया था. साल 2008 और 2020 के बीच, उसने 18 वर्ष से कम आयु के तीन बच्चे और 85 वर्ष से अधिक उम्र के अन्य लोगों के साथ हैवानियत को अंजाम दिया.
क्राउन प्रॉसिक्यूशन सर्विस के अनुसार, फुलर ने 51 अन्य अपराधों को स्वीकार किया, जिसमें मुर्दाघर में 78 पहचाने गए पीड़ितों से संबंधित 44 आरोप शामिल हैं. वरिष्ठ सीपीएस अभियोजक लिब्बी क्लार्क ने कहा, "मैंने कभी भी ऐसा मामला नहीं देखा है, इतनी बड़ी संख्या में क्राइम, हैवानियत मैंने ऐसा कभी न देखा और न ही सुना. "यह एक बहुत ही गहरे रहस्य वाला व्यक्ति था."