तमिलनाडु का यह मंदिर है बेहद विचित्र, मुनियांदी फेस्टिवल के दिन प्रसाद में बांटी जाती है मटन बिरयानी
मटन बिरयानी (Photo Credtis Twitter)

चेन्नई: यदि किसी मंदिर के फेस्टिवल के दिन प्रसाद के रूप में मटन बिरयानी बंटती है तो आप कुछ समय के लिए जरूर चौंक जाएंगे. पर यह सच है, तमिलनाडु मदुरै इलाके में स्तिथ मुनियांदी नाम के मंदिर में फेस्टिवल के दिन प्रसाद के रूप में मटन बिरयानी बांटी जाती है. हर साल यहां के लोग मुनियांदी फेस्टिवल नाम से दो दिन के लिए एक कार्यक्रम आयोजन करते है. जिस आयोजन में गांव के लोग प्रसाद के रूप में यहां पर दर्शन करने आने वाले भक्तों को मटन बिरयानी बांटते हैं.

बता दें कि गांव के लोगों ने इस मुनियांदी फेस्टिवल को पिछले शनिवार को दो दिन के लिए आयोजित किया था. जिस आयोजन में करीब 8,000 लोगों ने फेस्टिवल में हिस्सा लिया और प्रसाद के तौर पर लोगों को मटन बिरयानी बांटी गई. प्रसाद बनाने के लिए जहां करीब दो क्विंटल चावल का इस्तेमाल किया गया तो वहीं 100 बकरों और 600 मुर्गों की कुर्बानी दी गई. इस 2 दिवसीय मुनियांदी फेस्टिवल (Muniyandi Temple Festival ) में शनिवार को हिस्सा लेने आंध्रप्रदेश, कर्नाटक, पुडुचेरी और तमिलनाडु के कई मुनियांदी होटल मालिक आए थे. यह भी पढ़े: कर्नाटक: मंदिर के प्रसाद में जहर मिलाने का मामला, स्थानीय महंत के साथ 3 गिरफ्तार, 13 लोगों की हुई थी मौत

गौरतलब हो कि पहले मुनियांदी होटल की शुरुआत 1937 में गुरुसामी नायडू ने की थी. उसके बाद नायडू के एक करीबी दोस्त ने भी कल्लीगुड़ी और विरुधुनगर में ऐसे होटल खोले. चेन्नै में मुनियांदी होटल चलाने वाले एस राजगुरु ने बताया, 'हमारे लोग इन होटल्स में काम करते हैं, जो अधिकतर उनके रिश्तेदारों द्वारा ही चलाए जाते हैं. जब वे काम सीख जाते हैं तो वे बाहर जाकर अपना खुद का होटल खोल लेते हैं. उनके रिश्तेदार इसमें उनकी मदद करते हैं।'