Blue Bottle Jellyfish: मुंबई के जुहू बीच पर दिखी ब्लू बॉटल जेलीफिश, विशेषज्ञों ने जहरीली समुद्री प्रजातियों से दूर रहने की दी हिदायत
ब्लू बॉटल जेलीफिश (Photo Credits: Twitter/Shaunak Modi)

Blue Bottle Jellyfish: मुंबई के जुहू बीच पर ब्लू बॉटल जेलीफिश (Blue Bottle Jellyfish) को देखा गया है, जिसे पुर्तगाली मैन ऑफ वॉर (Portuguese Man-of-War) भी कहा जाता है. पिछले तीन दिनों में जुहू बीच (Juhu Beach) पर जेलीफिश देखे जाने की खबरें सामने आई हैं. रिपोर्ट्स के अनुसार, मानसूनी हवाओं के कारण ये जलीय प्रजातियां समुद्री किनारे पर आ जाती हैं, लेकिन खूबसूरत सी दिखने वाली यह जेलीफिश जहरीली (Jellyfish is Venomous) मानी जाती है. विशेषज्ञों ने लोगों से इन प्रजातियों से दूर रहने की अपील की है. मैंग्रोव सेल ने मरीन लाइफ ऑफ मुंबई (Marine Life of Mumbai) यानी एमएलओएम (MLOM) के साथ मिलकर समुद्र तट के किनारे साइनबोर्ड लगाए हैं, जिसमें लोगों से चमकीले रंग के समुद्री हाइड्रोजोन (Marine Hydrozoans) के संपर्क में नहीं आने का आग्रह किया गया है. विशेष रूप से इनमें से अधिकांश समुद्री प्रजातियां समुद्र तट पर दम तोड़ देती हैं, जबकि कुछ ज्वार के साथ समुद्र में लौटने में सक्षम होती हैं.

पिछले हफ्ते कोस्टल कंजर्वेशन फाउंडेशन के निदेशक शौनक मोदी ने भी जुहू तट पर जेलीफिश की एक तस्वीर ट्वीट की थी, एक ट्वीट में उन्होंने कहा-पिछले कुछ दिनों की तेज तटवर्ती हवाओं ने हमारे वार्षिक मानसून आगंतुकों को हमारे तटों पर वापस ला दिया है. हजारों ब्लू बॉटल जेलीफिश जुहू समुद्र तट पर फंसी हुई हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि समुद्र के तापमान में वृद्धि के कारण ये समुद्री प्रजातियां तट पर आ जाती हैं. यह भी पढ़ें: Mysterious Sea Creature: समुद्र किनारे मिला एक रहस्यमय समुद्री जीव, वायरल तस्वीर देख उड़े लोगों के होश

देखें ट्वीट-

समुद्री तट पर घूमने वाले लोग अगर इन जीवों पर कदम रख देते हैं या फिर उन्हें उठाने की कोशिश करते हैं तो ये जेलीफिश उन्हें काट सकती हैं. विशेषज्ञों के अनुसार, अगर कोई व्यक्ति जेलीफिश द्वारा पानी में काट लिए जाएं तो यह अधिक खतरनाक हो सकता है. जेलीफिश के डंक से जलन हो सकती है और लोगों को लाल चकत्ते के साथ सूजन हो सकती है. समुद्री जल को उस स्थान पर डालने की सलाह दी जाती है, जहां वे डंक मारते हैं. लोगों को घाव को रगड़ने या गर्म पानी डालने से बचना चाहिए. उन्हें ऐसी स्थिति में अस्पताल जाने की भी सलाह दी जाती है.