Sex For Sanitary Products: केन्या में लड़कियों को सैनिटरी उत्पादों के बदले सेक्स के लिए किया जाता है मजबूर?
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: Newsplate)

Sex For Sanitary Products: महावारी (Periods) से गुजरने वाली लड़कियों के लिए सैनिटरी उत्पादों (Sanitary Products) का इस्तेमाल बेहद आवश्यक होता है, लेकिन क्या सैनिटरी उत्पादों के बदले किसी लड़की को सेक्स (Sex) के लिए मजबूर किया जा सकता है? दरअसल, केन्या (Kenya) से ऐसा ही हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जहां सैनेटरी प्रोडक्ट्स के बदले में लड़कियों को सेक्स के लिए मजबूर किया जाता है. रिपोर्ट के अनुसार, गरीबी, पीरियड्स, कलंक और सार्वजनिक स्वास्थ्य की गलत जानकारी होने के कारण लड़कियां इसकी शिकार होती हैं. यूनिसेफ (UNICEF) ने शोध पर प्रकाश डाला है, जिसमें पाया गया है कि 10 फीसदी युवा किशोरियों ने पश्चिमी केन्या में पैड्स के लिए यौन संबंध बनाने की बात स्वीकार की है.

रिसर्च में पाया गया है कि केन्याई लड़कियों में से 54 फीसदी ने मासिक धर्म स्वच्छता प्रबंधन उत्पादों तक पहुंचने के साथ चुनौतियों की सूचना दी और स्कूल में जानेवाली 22 फीसदी लड़कियों ने संकेत दिया कि उन्होंने खुद सैनिटरी उत्पाद खरीदे हैं. वाटर, सैनिटेशन और हाईजीन के यूनिसेफ केन्या प्रमुख Andrew Trevett ने इंडिपेंडेंट को बताया कि मानवीय संगठन ने पाया था कि सैनिटरी आइटम के बदले में लड़कियों का यौन शोषण किया जाना असामान्य नहीं था. यह भी पढ़ें: केन्या में कोरोना वायरस: कर्फ्यू के 20 मिनट बाद घर के बालकनी में खेल रहे 13 वर्षीय लड़के को पुलिस ने मारी गोली, मौत के बाद जांच के आदेश

उन्होंने कहा कि हमारे पास मोटर साइकिल टैक्सी हैं, जिन्हें बोड़ा-बोड़ा कहा जाता है. उनके ड्राइवरों के साथ लड़कियां सैनिटरी पैड के बदले सेक्स करने को मजबूर हो जाती हैं. उन्होंने कहा कि यह दो कारणों से हो रहा है, जिनमें से पहला स्पष्ट कारण है गरीबी और दूसरा कारण है सैनिटरी उत्पाद खरीने के लिए वित्तीय साधन का न होना.

उन्होंने यह भी बताया कि सैनिटरी उत्पादों की आपूर्ति भी एक बड़ा मुद्दा है. सैनिटरी आइटम के लिए लेन-देन सेक्स होता है, क्योंकि आइटम लड़कियों के गांवों में उपलब्ध नहीं है. ग्रामीण इलाकों में लड़कियों को परिवहन साधनों की कमी से जूझना पड़ता है और उनके पास बस का किराया देने के लिए पैसे भी नहीं होते हैं. कुछ दूरदराज के गावों में सड़के भी इतनी खस्ताहाल हैं कि वहां बस सेवा भी उपलब्ध नहीं है.