Indonesian Gay Nurse Under Investigation for Having Sex With COVID-19 Patient: नर्स ने कोरोना संक्रमित मरीज के साथ किया SEX, हुई ये कार्रवाई
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: Pixabay)

Sex With COVID-19 Patient: कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus Pandemic) के दौरान लोगो से लगातार सोशल डिस्टेसिंग (Social Distancing) का पालन करने की अपील की जा रही है. ऐसे में इंडोनेशिया (Indonesia) से एक बेहद ही चौंकाने वाला मामला सामने आया है. जहां एक इंडोनेशियाई गे नर्स (Indonesian Gay Nurse) को कोविड-19 मरीज (COVID-19 Patient) के साथ अस्पताल के टॉयलेट में सेक्स (Sex) करने के बाद गिरफ्तार किया गया है. अस्पताल के टॉयलेट (Hospital Toilet) में कोरोना संक्रमित मरीज से सेक्स करने के बाद आरोपी गे नर्स को पुलिस की जांच का सामना करना पड़ रहा है. इंडोनेशिया एक्सपैट के मुताबिक, यह घटना जकार्ता के विस्मा एटलेट इमरजेंसी अस्पताल की है, जो देश की सेना द्वारा चलाए जा रहे कोरोना वायरस रोगियों के लिए एक आपातकालीन सुविधा है.

रोगी ने 25 दिसंबर को ट्विटर पर गे नर्स के साथ अपनी मुठभेड़ का विवरण साझा किया, जिसके बाद अधिकारियों को सतर्क किया गया. इस विवरण में नर्स के साथ एक वॉट्सऐप चैट का स्क्रीनशॉट और बाथरूम के फर्श पर नर्स के पीपीई किट की एक तस्वीर शामिल थी. यह भी पढ़ें: Sex For Sanitary Products: केन्या में लड़कियों को सैनिटरी उत्पादों के बदले सेक्स के लिए किया जाता है मजबूर?

इस घटना के सामने आने के बाद नर्स और रोगी को गिरफ्तार किया गया और उनकी पहचान करके उन्हें सेक्सुअल एनकाउंटर में भर्ती कराया गया. सेंट्रल जकार्ता पुलिस को सौंपे जाने से पहले कोविड-19 के लिए पुरुषों का परीक्षण किया गया था. नर्स का कोविड-19 रिपोर्ट नेगेटिव आया, जिसके बाद उसे हिरासत में ले लिया गया, जबकि रोगी ने कोविड-19 के लिए सकारात्मक परीक्षण किया और उसे आइसोलेशन के लिए फिर से अस्पताल में भेजा गया.

इंडोनेशियाई नेशनल नर्सेज एसोसिएशन ने एक बयान में कहा- यह सच है कि एक स्वास्थ्य कार्यकर्ता और विस्मा एटलेट इमरजेंसी अस्पताल में एक कोविड-19 संक्रमित मरीज के साथ सेक्स की घटना सामने आई है. हमारी प्रतिक्रिया यह है कि कथित नर्स को कानूनी प्रक्रिया का पालन करना चाहिए. LGBTQ अधिकार इंडोनेशिया में नहीं है. बहुसंख्यक मुस्लिम राष्ट्र में समलैंगिकता का अपराधीकरण करने वाला कोई राष्ट्रीय कानून नहीं है. कम से कम तीन क्षेत्रों या नगर पालिकाओं ने सोडोमी पर प्रतिबंध लगाने वाले कानून पारित किए हैं.