हाल ही में सोशल मीडिया पर एक फर्जी पत्र तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें दावा किया गया है कि इसे भारतीय साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर (I4C) की ओर से जारी किया गया है. इस पत्र में प्राप्तकर्ताओं पर चाइल्ड पोर्नोग्राफी और पैडोफिलिया में संलिप्त होने का आरोप लगाया गया है, और इसे I4C के सीईओ राजेश कुमार के हस्ताक्षर के साथ भेजा गया है.
MHA ने किया खुलासा
गृह मंत्रालय के साइबर सुरक्षा जागरूकता अभियान 'साइबर दोस्त' ने इस पत्र को लेकर लोगों को सावधान किया है. 21 अगस्त को साझा किए गए एक पोस्ट में, साइबर दोस्त ने स्पष्ट किया कि यह पत्र पूरी तरह से फर्जी है और किसी भी सरकारी संगठन द्वारा जारी नहीं किया गया है. यह पत्र केवल लोगों को भ्रमित करने और धोखाधड़ी का शिकार बनाने के लिए बनाया गया है.
In a letter purportedly issued by Indian Cyber Crime Coordination Center (I4C), several allegations are being leveled at the recipient & a reply is being sought to the letter
✅This letter is #fake
✅No such letter has been issued by any organization under GOI #I4C #MHA pic.twitter.com/wdc7cvZ3fE
— Cyber Dost (@Cyberdost) May 14, 2024
कैसे बचें ऐसे फर्जीवाड़ों से?
साइबर दोस्त ने जनता से अपील की है कि वे ऐसे किसी भी पत्र को देखकर घबराएं नहीं और इसे सच मानकर किसी भी धोखाधड़ी का शिकार न बनें. साथ ही, साइबर दोस्त ने यह भी सलाह दी है कि यदि किसी को साइबर क्राइम से जुड़ी कोई समस्या होती है, तो वे इसे आधिकारिक पोर्टल https://cybercrime.gov.in के माध्यम से रिपोर्ट करें.
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इस प्रकार की धोखाधड़ी वाली गतिविधियों से बचने के लिए सावधान रहना और सही सूचना के लिए आधिकारिक स्रोतों पर भरोसा करना बेहद ज़रूरी है.