एक अमेरिकी न्यायाधीश ने शुक्रवार को फैसला सुनाया कि इज़राइल की NSO ग्रुप, जो व्हाट्सएप एप्लिकेशन में एक बग का फायदा उठाकर जासूसी सॉफ़्टवेयर इंस्टॉल कर रही थी, अब इसके लिए जिम्मेदार ठहराई जाएगी. कैलिफोर्निया के ओकलैंड में अमेरिकी डिस्ट्रिक्ट जज फिलिस हैमिल्टन ने व्हाट्सएप के पक्ष में यह निर्णय लिया और NSO को हैकिंग और अनुबंध उल्लंघन के लिए जिम्मेदार ठहराया.
व्हाट्सएप ने 2019 में NSO के खिलाफ यह मामला दायर किया था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि कंपनी ने व्हाट्सएप सर्वर को बिना अनुमति के एक्सेस कर पेगासस सॉफ़्टवेयर इंस्टॉल किया, जिससे 1,400 लोगों की जासूसी की गई, जिनमें पत्रकार, मानवाधिकार कार्यकर्ता और विपक्षी लोग शामिल थे. व्हाट्सएप के प्रमुख विल कैथकार्ट ने इस फैसले को गोपनीयता की जीत बताया और कहा कि यह निर्णय इस बात को साबित करता है कि जासूसी कंपनियां अपनी अवैध गतिविधियों से बच नहीं सकतीं.
कनाडा की इंटरनेट निगरानी संस्था सिटिजन लैब के शोधकर्ता जॉन स्कॉट-रेल्टन ने इसे एक ऐतिहासिक फैसला बताया, जिसके बड़े प्रभाव हो सकते हैं. उन्होंने कहा कि यह निर्णय यह स्पष्ट करता है कि NSO ग्रुप अपनी जासूसी तकनीक का इस्तेमाल करने में जिम्मेदार है और अब इसे कई कानूनों का उल्लंघन करने के लिए जवाबदेह ठहराया जाएगा.
इस मामले की अब केवल मुआवजे के मुद्दे पर सुनवाई होगी, जबकि NSO ने पहले इस मामले में "व्यवहार-आधारित इम्यूनिटी" का दावा किया था, जिसे अदालत ने खारिज कर दिया था. US सुप्रीम कोर्ट ने भी पिछले साल NSO की अपील को अस्वीकार कर दिया था, जिससे यह मामला आगे बढ़ सका.