World Sparrow Day 2024: कब और क्यों मनाया जाता है विश्व गौरैया दिवस? जानें इसका महत्व, इतिहास और उनसे जुड़ी रोचक बातें!
World Sparrow Day 2024

एक समय था, जब सुबह-सवेरे गौरैयों की सुरीली चहचहाहट से नींद टूटती थी. चिकने, गोल सिर और काले भूरे धारी दार पंखों वाली नन्हीं गौरैया हर किसी का प्रिय पक्षी है. लेकिन पर्यावरण, एवं अन्य कई कारणों से यह पक्षी भी गुम होने की कगार पर है. गौरैया की निरंतर खत्म होती प्रजाति को ध्यान में रखते हुए दुनिया भर में प्रत्येक वर्ष 20 मार्च को विश्व गौरैया दिवस मनाया जाता है. इसका मुख्य उद्देश्य लोगों को गौरैया के संरक्षण के प्रति जागरूक करना है. आइये जानते हैं विश्व गौरैया दिवस के महत्व, इतिहास एवं गौरैया से जुड़े कुछ रोचक तथ्य...

गौरैया का महत्व

प्रत्येक वर्ष 40 से अधिक राष्ट्र इस दिवस पर गौरैया पर उन संभावित खतरों को उजागर करने के लिए मनाते हैं, जिनका सामना गौरैया करती है, साथ ही गौरैया की जनसंख्या में आई गिरावट को नियंत्रित करने के उपायों पर विचार करते हैं. गौरैया मानव जाति के लिए एक लाभकारी पक्षी भी है. वह खाद्य एवं और पारिस्थितिक संतुलन को बरकरार रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. बीज, अनाज और लार्वा खाकर यह पक्षी एक प्रभावशाली कीट नियंत्रक एजेंट साबित होती है. पराग कण पौधों के लिए एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है, जो गौरैया द्वारा भी जाने-अनजाने होती है, क्योंकि वे भोजन की खोज के दौरान पौधों के फूलों पर भी बैठती है, जिससे पराग कणों को स्थानांतरित करने में भी अप्रत्यक्ष रूप से मदद करती हैं. यह भी पढ़ें : Kharmas 2024: खरमास काल में प्रतिदिन में ये चार कार्य अवश्य करें.

विश्व गौरैया दिवस का इतिहास

विश्व गौरैया दिवस की शुरुआत भारत की नेचर फॉरएवर सोसायटी एवं फ्रांस की इको एसवाईएस एक्शन फाउंडेशन के सहयोग से 20 मार्च 2010 में हुई थी. इस दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य लोगों को घरेलू गौरैया की सुरक्षा एवं संरक्षा के लिए जागरूकता पैदा करना है. ताकि उनके विलुप्त होती प्रजाति को बचाया जा सके. कहा जाता है कि इस दिवस विशेष का श्रेय नासिक (महाराष्ट्र) के मोहम्मद दिलावर को जाता है. संरक्षणवादी मोहम्मद दिलावर ने नासिक में घरेलू गौरैया की विशेष देखभाल के लिए एक अभियान शुरू किया था. अभियान को आधिकारिक बनाने का विचार नेचर फॉरएवर सोसायटी के कार्यालय में एक अनौपचारिक चर्चा के दौरान गौरैया दिवस मनाने का विचार पैदा हुआ था.

ऐसे करें गौरैया की सुरक्षा और संरक्षा

* गौरैया पक्षियों का संरक्षण करने के लिए घर की छत, बाउंड्री, खुले आंगन में उनके लिए दाने और पानी की व्यवस्था करें.

* अकसर बच्चे गौरैया पर पत्थर अथवा गुलेल से निशाने लगाते हैं, उन्हें ऐसा करने से रोकें.

* अगर आपकी बालकोनी में गौरैया घोंसला बना रही है, तो उसे हटाने के बजाय संरक्षण दें. एक माह में वे बच्चों के साथ उड़ जाते हैं.

* अगर आपके घर के अंदर गौरैया घुस गई है तो पंखा एवं कूलर बंद कर दें, वरना वे घायल अथवा मर सकती हैं.

* घर के आसपास ज्यादा से ज्यादा वृक्ष लगाएं, ताकि उनके फल-फूल का सेवन वे कर सकें.

* अगर गौरैया ने अंडे दिए हैं तो उन्हें नुकसान न होने दें, उन्हें चील कौवों से बचाएं.

गौरैया से जुड़े रोचक तथ्य

- गौरैया झुंड बनाकर मानव बस्तियों में रहती है.

- खतरा होने की स्थिति में वे पानी में तेज गति से तैर भी सकती हैं.

- गौरैया स्वभाव से सुरक्षात्मक हैं और अपने घोंसले का निर्माण स्वयं करती हैं

- नर गौरैया अपनी मादा गौरैया को आकर्षित करने के लिए घोंसले का निर्माण करते हैं.

- घरेलू गौरैया शहरी या ग्रामीण परिवेश में रह सकती हैं क्योंकि वे मानव के आवासों से संबद्ध होती हैं.

- वे व्यापक रूप से विभिन्न आवासों और जलवायु में पाई जाती हैं, न कि जंगलों, रेगिस्तानों और घास के मैदानों में.

- गौरैया की औसत आयु 4 से 5 साल होती है.