World Mosquito Day 2022: दिखने में मामूली कीट लगने वाले मच्छर,खून चूसने वाले वे कीट हैं, जो मलेरिया जैसी गंभीर बीमारियों के जनक हैं. आज तक मलेरिया के लिए कोई वैक्सीन नहीं बन सका है. अंटार्कटिका को अपवाद मान लें तो दुनिया भर में मलेरिया का आतंक छाया हुआ है. सहारा अफ्रीका, दक्षिण एशिया और कैरिबियन सहित दुनिया के कुछ हिस्सों में मच्छर जनित मलेरिया चिंता का विषय बना हुआ है.
जहां तक भारत में मलेरिया के हालिया आंकड़ों की बात करें तो विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट 2020 के अनुसार भारत दुनिया का अकेला देश है, जहां 2018 के मुकाबले 2019 में मलेरिया में 17.6 फीसदी की कमी आई है. लेकिन हमें मलेरिया मुक्त होना है, तो मच्छरों पर नियंत्रण रखना होगा, तभी विश्व मच्छर दिवस की सार्थकता सिद्ध होगी.
विश्व मच्छर दिवस का इतिहास विश्व मच्छर दिवस प्रत्येक वर्ष 20 अगस्त को मनाया जाता है. सर्वप्रथम 1897 में ब्रिटिश सेना में सर्जन सर रोनाल्ड रॉस ने मच्छर औऱ इससे जनित बीमारी पर शोध किया था. अपनी शोध में डॉक्टर रोनाल्ड ने पाया था कि मादा मच्छरों के काटने से मनुष्य को मलेरिया होने की संभावना होती. इस खोज ने बीमारी के बारे में हमारे ज्ञान में क्रांति लाई, और नए निवारक उपायों का नेतृत्व किया. रॉस ने 1902 में फिजियोलॉजी या मेडिसिन के लिए नोबेल पुरस्कार जीता.
कैसे मनायें विश्व मच्छर दिवस?
विश्व मलेरिया दिवस के अवसर पर विभिन्न स्थानों पर पार्टियां और प्रदर्शनियां लगाई जाती हैं. मच्छरों से होनेवाली बीमारियों के शोधकर्ता सर रॉस और उनके बाद इस पर काम करने वाले वैज्ञानिकों के काम को श्रद्धांजलि दी जाती है. विभिन्न कार्यक्रमों के जरिए मलेरिया विरोधी संगठन के लिए धन जुटाने का प्रयास किया जाता है. क्योंकि मलेरिया जैसी संक्रामक बीमारी से मुक्ति के लिए वैज्ञानिकों द्वारा निरंतर शोधों कार्य चल रहे हैं, इसके लिए विपुल फंड की जरूरत होती है. अगर हम विश्व मलेरिया दिवस को सफल बनाना चाहते हैं तो इसके लिए विश्व मलेरिया दिवस श्रेष्ठ मंच हो सकता है
मच्छरों के बारे में 5 रोचक तथ्य
* सबसे घातक कीट हैं मच्छरः पृथ्वी कीट अथवा पशुओं की तुलना में मच्छरों के कारण अधिक मौतें होती हैं.
* मादा काटती हैः
जब वे प्रजनन की कोशिश करते हैं,तो मादा मच्छर प्रोटीन की जरूरत पूरी करने के लिए रक्त पान करते हैं, जो उन्हें इंसानों से मिल जाता है
* सिंक्रोनाइज्ड विंग बीट्स नर और मादा मच्छर अपने पंखों की धड़कन को अपने साथी के साथ सिंक्रनाइज़ करते हैं.
* मच्छर प्रकाश की ओर आकर्षित नहीं होतेः मच्छर प्रकाश की ओर नहीं, बल्कि कार्बन डाइऑक्साइड की ओर आकर्षित होते हैं. इससे उन्हें संकेत मिलता है कि स्वादिष्ट रक्त वाला स्तनपायी आसपास ही है.
* हाइपोडर्मिक सुई मच्छरों से प्रेरित होकर बनी हैः मच्छर रक्त खींचने के लिए जिस तेज सूंड का उपयोग करते हैं, उसी आधार पर वैज्ञानिकों ने दवा में उपयोग की जाने वाली कम पीड़ादायक हाइपोडर्मिक सुइयों की डिजाइन तैयार किया है.
विश्व मच्छर दिवस क्यों महत्वपूर्ण है?
* यह मलेरिया के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देता है.
* यह आम बीमारी है और दुनिया में कहीं भी दिख सकती है. आपको यह जानना बहुत जरूरी है कि यह कैसे फैलता है, और आप इससे कैसे कैसे सुरक्षित रह सकते हैं.
* मलेरिया दिवस के जरिये मलेरिया अनुसंधान और उपचार के लिए धन एकत्र किया जाता है.
* आज भी कई देश हैं, जो वैक्सीन के बिना मलेरिया का शिकार बन रहे हैं. वैक्सीन और बेहतर इलाज खोजने के लिए अनुसंधान संगठन लगातार काम कर रहे हैं.
* यही वह अवसर है, जब हम इस दिशा में प्रयोग और कार्य करने वाले वैज्ञानिकों की प्रशंसा और प्रोत्साहित करने की कोशिश कर सकते हैं
* यद्यपि मलेरिया उन्मूलन के लिए अभी लंबा रास्ता तय करना है, चिकित्सा विज्ञान की सफलता ने रोगियों के लिए बेहतर उपचार,रोकथाम और इसके प्रति सतर्कता की समझ दी है.