सर्दी के दिनों में हार्ट अटैक के मामलों में कई गुना वृद्धि हो जाती है. विशेषज्ञों की मानें तो ठंड के मौसम में नसें ज्यादा सिकुड़ती और सख्त रहती हैं. इससे नसों को गर्म और सक्रिय रखने के लिए रक्त का फ्लो अपेक्षाकृत बढ़ जाता है, जिससे रक्त का प्रेशर भी बढ़ता है. रक्त में प्रेशर बढ़ने से हार्ट अटैक के खतरे बढ़ जाते हैं. ऐसे में हृदय के रोगियों को ठंड से बचने के हर उपाय अमल में लाना चाहिए, और जिन्हें पहले कभी हार्ट अटैक आ चुका है, उनके लिए ठंड ज्यादा घातक साबित हो सकता है. यहां 5 सहज उपाय बताये जा रहे हैं, जिनसे हार्ट अटैक पर काफी हद तक नियंत्रण पाया जा सकता है.
सर्दी के दिनों में हार्ट अटैक रोकने के लिए उपाय
सुबह के समय हार्ट अटैक की घटनाएं ज्यादा होती हैं, क्योंकि इस समय रक्त के थक्के बनने की संभावनाएं ज्यादा होती है. इसलिए इस समय मेहनत वाले कार्य करने से बचना चाहिए. मेहनत वाले कार्य थोड़ा धूप निकलने के बाद करना चाहिए, ताकि तब तक आपका शरीर थोड़ा गर्म हो जायेगा. यह भी पढ़ें : Top Winter Superfoods: शीत ऋतु में अपने भोजन में करें ये पांच सुपर फूड शामिल! सेहत ही नहीं सौंदर्य की भी होगी हिफाजत!
नमक और फैट का सेवन कम करें
आप भले ही पूरी तरह स्वस्थ हों, आपको दिल संबंधित कोई समस्या न हो, इसके बावजूद आपको ठंड के दिनों में घी, नमक अथवा मक्खन जैसी चीजों का कम से कम सेवन करना चाहिए. भोजन में ऊपर से नमक हर्गिज नहीं मिलाना चाहिए.
शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनें
सर्दी के दिनों में बाहर निकलने से पहले हाथ, सिर और मुंह को अच्छी तरह से ढक लें. अपने चेहरे को स्कार्फ से ढकने से आपको गरम हवा में सांस लेने में मदद होगी, इससे शरीर को गर्मी प्राप्त होती है.
सर्दी में ज्यादा पानी पीने से बचें
जब ठंड ज्यादा हो तो सुबह उठकर बहुत ज्यादा पानी ना पिएं. बेहतर होगा कि आप पानी गुनगुना करके ही पीएं. क्योंकि हृदय रक्त को पंप करता है और अगर आप ठंडा पानी पीते हैं तो दिल पर दबाव पड़ता है. बेहतर होगा कि आप पानी का ज्यादा से ज्यादा कोटा दिन के समय पर पी लें. सुबह उठने पर कम से कम पानी पीएं.
ज्यादा ठंड के दिनों सुबह देर से उठे, देर से नहाएं
अकसर कुछ लोग आदतन सुबह छ बजे उठ जाते हैं और स्नान आदि से भी फारिग हो जाते हैं. लेकिन बेहतर होगा कि आप अपनी आदत में परिवर्तन करते हुए सूर्योदय के बाद ही उठें और सुबह की धूप में कुछ घंटे बिताए. इसके बाद ही स्नान करें, और स्नान करते समय ध्यान रहे पानी सीधा सर पर नहीं गिराना चाहिए, पहले पैरों को भिगोएं उसके बाद ही पूरा स्नान करें.