Vastu Tips: क्या आपको बहुत गुस्सा आता है? जानें क्रोध दूर करने के कुछ सरल, सहज और सटीक वास्तु टिप्स!
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एक कहावत मशहूर है ‘क्रोध पाप का मूल है’, क्रोध पाप और सभी दुर्गुणों की जननी है. इससे जितनी जल्दी मुक्ति मिले जीवन में सुख और शांति आती है. हालांकि क्रोध एक सामान्य प्रक्रिया है. लेकिन जब यह नियंत्रण से बाहर होने लगे तो घर-परिवार ही नहीं प्रोफेशनल जीवन भी प्रभावित होता है. कोशिश करें कि क्रोध को स्वयं पर हावी न होने दें. यह भी पढ़ें: Heart Attack Symptoms: सिर्फ सीने में दर्द नहीं है हार्ट अटैक का संकेत, महिलाओं और पुरुषों में दिखते हैं अलग लक्षण- स्टडी

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हमारे चारों ओर पंच माह-बूट (पांच तत्व) का एक मिश्रण हमें सद्भाव बनाए रखने में मदद करता है. यह क्रोध को कम कर घर एवं कार्यस्थल पर शांति और सद्भाव का माहौल बनाता है. आपकी जन्म-तिथि के आधार पर वास्तु विशेषज्ञ भी आपकी अनुकूल दिशा और रंग के बारे में सुझाव दे सकता है, जिसका अमल कर आप स्वयं के क्रोध पर नियंत्रण प्राप्त करते हैं. वास्तु शास्त्री रवींद्र पांडेय बता रहे हैं वास्तु टिप्स के माध्यम से आप कैसे क्रोध पर नियंत्रण पा सकते हैं.

घर को अस्त-व्यस्त न रखें

घर में सारी वस्तुएं व्यवस्थित ढंग से रखें. घर में पुरानी और व्यर्थ की वस्तुएं न रखें, इससे ऊर्जा का प्रवाह अवरुद्ध होता है. करीने से रखी वस्तुओं से मूड बेहतर रहता है.

क्रिस्टल नमक

वास्तु में काला नमक की अहम भूमिका होती है. कमरे के हर कोने में प्रतिदिन ढोके वाले काले नमक का एक क्रिस्टल रखें. यह घर की अतिरिक्त नमी को अवशोषित करती है, और वायु को शुद्ध रखती है. जो पर्यावरण को सकारात्मक बनाती है.

मोबाइल अथवा बिजली के टावर

नया घर खरीदते समय यह सुनिश्चित कर लें कि घर के आसपास या छत पर मोबाइल टॉवर अथवा बिजली का ट्रांसफार्मर नहीं हो. ये उपकरण घर में अशांति लाते हैं. अगर पहले से ऐसा कुछ है तो अपने वास्तु विशेषज्ञ को सही स्थिति बताएं, वह इसका उपाय बताएंगे.

सुगंध घर में लाती है सकारात्मकता

घर में खुशबू देने वाले फूल के पौधे लगाएं. इससे घर में सकारात्मकता आती है. इसके अलावा सुगंध वाली अगरबत्ती जलाएं, लेकिन ध्यान रहे उसका धुआं कमरे में न भरा रहे, इसके लिए खिड़की खोलकर रखें.

धीमी गति से सांस लें

जितनी देर आप सांस लेते हैं उससे अधिक क्रम में सांस छोड़ें, सांस छोड़ते हुए आराम करें. श्वास पर ध्यान केंद्रित करने से, श्वास चक्र सांस के साथ सक्रिय होता है, हम सांस के साथ तन और मन को अपनी आंतरिक जागरूकता में एकीकृत करते हैं, जिसे मन को शांति मिलती है.

कुछ क्रिएटिविटी वाले कार्य करें

क्रिएटिविटी से मन अन्य दुर्भावों से अलग होकर चित्त को शांति देता है. इसके लिए लिखना, गीत-संगीत रचना, नृत्य करना या पेंटिंग जैसे कार्य कर सकते हैं, यह क्रोध की भावना को कम करती है.

आग्नेय कोण में न बैठें

क्रोध से बचने के लिए कोशिश करें कि घर अथवा दफ्तर में अग्नि कोण की दिशा में नहीं बैठें.

गुरु मंत्र का जाप अथवा माता-पिता का स्मरण करें

जब भी कभी क्रोध आये अथवा मन अशांत हो तब गुरु मंत्र ‘ॐ बृं बृहस्पतये नमः’ जाप अथवा माता-पिता का स्मरण करें, तन और मन शांत होगा.