Ayurvedic Rules For Better Sex Life: अच्छी सेक्स लाइफ के लिए इन 5 आयुर्वेद के नियमों का करें पालन
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: Pexels)

नवविवाहित जोड़े को देख कर महिलाएं परिवार के लोगों से कहती हैं कि उन्हें एक दूसरे के साथ ज्यादा समय बिताने के लिए थोड़ा समय दें. हम में से कई का मानना है कि एक जोड़े के सेक्स करने का उद्देश्य सिर्फ बच्चे पैदा करना है. हालांकि, आयुर्वेद पूरी तरह से उस विचारधारा पर विश्वास नहीं करता है. आयुर्वेद के अनुसार, सेक्स केवल प्रजनन तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक टाइम टू टाइम सेलिब्रेशन है जो हमें गहराई से पोषित कर सकता है. आयुर्वेद के अनुसार, संतुलित और स्वस्थ सेक्स लाइफ भावनात्मक अंतरंगता और पार्टनर्स के बीच आपसी समझ में सुधार करता है. आज हम आपको बताएंगे आयुर्वेद द्वारा सुझाए गए 5 गोल्डन सेक्स नियम जो आपकी सेक्स लाइफ को अधिक संतोषजनक और पैशनेट बना सकते हैं. यह भी पढ़ें: Habits That Lower Sperm Count: इन आदतों से पहुंचता है आपके स्पर्म को नुकसान

पीरियड्स के दौरान सेक्स करने से बचें: मासिक धर्म के दौरान हेवी ब्लीडिंग की वजह से महिलाएं कमजोर हो जाती हैं, जिसकी वजह से उन्हें सेक्स की इच्छा नहीं होती है. साथ ही सेक्स पैशनेट होने के लिए दोनों पार्टनर का शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ होना चाहिए. इसलिए, जब महिला पार्टनर अपने पीरियड्स में हो तब सेक्स करने से बचें. एक अध्ययन के अनुसार, पीरियड्स के दौरान सेक्स करने से आगे चलकर विभिन्न स्वास्थ्य समस्याएं होती हैं.

आदर्श सेक्स पोजीशन: आयुर्वेद के अनुसार, परफेक्ट सेक्स पोजीशन शीर्ष पर पुरुष और बिस्तर पर लेटी हुई महिला के साथ होगी. यह स्थिति दोनों पार्टनर की इच्छाओं को पूरा करेगी और उनकी यौन अंतरंगता को और अधिक रोमांचक बनाएगी.

कमिटेड पार्टनर के साथ सेक्स करें: आयुर्वेद लंबे समय तक और मजबूत रिश्तों के लिए वफादारी और विश्वास को प्रमुख कारक मानता है, जबकि एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर (adultery), बेवफाई और साथी को धोखा देना अपराध माना जाता है. यह केवल प्रतिबद्ध और वफादार पार्टनर के साथ यौन संबंध रखने की सलाह देता है. यह भी पढ़ें: Kamasutra Tips: ये कामसूत्र टिप्स आपको एक बेहतर पार्टनर बनने में मदद करेंगे

गर्भावस्था के दौरान या प्रसव के तुरंत बाद सेक्स से बचें: आयुर्वेद में यह सुझाव दिया गया है कि एक जोड़े को गर्भावस्था के दौरान या प्रसव के तुरंत बाद संयम का अभ्यास करना चाहिए. सी-सेक्शन मामलों के लिए कम से कम 3 महीने की अवधि और सामान्य प्रसव के मामलों के लिए 5-महीने का समय महिला को अच्छी तरह से ठीक होने में मदद करेगा, और इस प्रकार, यौन आग्रह (sexual urges) पर नियंत्रण रखने की आवश्यकता होती है.

सेक्स करने का आदर्श समय: मानसून और गर्मियों के दौरान सेक्स करने का सही समय 15 दिनों में एक बार, वसंत के दौरान तीन दिन में एक बार और सर्दियों के दौरान रोज एक बार होता है. हर मौसम युगल के शरीर और मानसिक शक्ति को प्रभावित करता है.

नोट- इस लेख में दी गई सेहत से जुड़ी तमाम जानकारियों को सूचनात्मक उद्देश्य से लिखा गया है. इसे किसी बीमारी के इलाज या फिर चिकित्सा सलाह के लिए प्रतिस्थापित नहीं किया जाना चाहिए और लेख में बताए गए टिप्स पूरी तरह से कारगर होंगे इसका हम कोई दावा नहीं करते हैं, इसलिए लेख में दिए गए किसी भी टिप्स या सुझाव को आजमाने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें.