दिल्ली: चुनावों से पहले किसका पलड़ा है भारी
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credit: Image File)

दिल्ली विधानसभा चुनावों में पांच फरवरी को मतदान होगा. 'आप' का दिल्ली की राजनीति में एक दशक से दबदबा है लेकिन क्या पार्टी आज भी दिल्ली में उतनी ही लोकप्रिय है जितनी वह पहले थी?दिल्ली में विधानसभा चुनावों के नजदीक आने की वजह से इन दिनों चुनावी राजनीति उबाल पर है. मुख्य विपक्षी पार्टी बीजेपी कई मोर्चों पर 'आप' को घेरने की कोशिश कर रही है. आप भी पलटवार कर रही है और इन दोनों मुख्य खिलाड़ियों के बीच कांग्रेस भी अपना खोया हुआ दर्जा फिर से पाने की कोशिश कर रही है.

बीजेपी के लिए दिल्ली की लड़ाई कितनी महत्वपूर्ण है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि मतदान के महीने भर पहले से ही आप के खिलाफ बीजेपी के कैंपेन की कमान खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संभाली हुई है.

मोदी ने 'आप' को बताया 'आप-दा'

तीन जनवरी को उत्तर पश्चिमी दिल्ली के अशोक विहार में बीजेपी के चुनाव अभियान की शुरुआत करते हुए मोदी ने करोड़ों रुपयों की कई परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया और 'आप' पर खुल कर हमला किया.

'आप' को 'आप-दा' से जोड़ते हुए मोदी बोले, "10 वर्षों से दिल्ली एक बड़ी आप-दा से घिरी हुई है. अन्ना हजारे जी को सामने करके कुछ कट्टर बेईमान लोगों ने दिल्ली को आप-दा में धकेल दिया."

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'आप' की दिल्ली सरकार पर कई तरह के घोटालों का आरोप लगाते हुए, प्रधानमंत्री ने 'आप' के संयोजक अरविंद केजरीवाल पर लग रहे अपने सरकारी आवास पर करोड़ों खर्च करने के आरोपों का भी जिक्र किया. बीजेपी ने इस आवास को केजरीवाल के 'शीशमहल' का नाम दिया है.

'शीशमहल' बनाम 'राजमहल'

मोदी का यह भाषण बीजेपी के अन्य नेताओं के लिए एक तरह का संकेत साबित हुआ. उनके भाषण के बाद पार्टी के कई नेताओं ने केजरीवाल और आप पर 'शीशमहल' को लेकर निशाना साधा.

मीडिया रिपोर्टों में दावा किया जा रहा है कि सीएजी की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि आप सरकार की देखरेख में मुख्यमंत्री आवास के रेनोवेशन का खर्च दो सालों में आठ करोड़ से 33 करोड़ रुपए हो गया. यह रिपोर्ट अभी सार्वजनिक नहीं की गई है लेकिन इसके अंश मीडिया में लीक हो गए हैं.

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, इस खर्च में 96 लाख के पर्दे, 66 लाख का संगमरमर, 39 लाख के किचन उपकरण, 20 लाख के टीवी कॉन्सोल, 16 लाख के रेशमी कालीन, 4.80 लाख की मिनीबार आदि शामिल हैं.

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आप का कहना है कि मुख्यमंत्री आवास पर हुए खर्च को बढ़ा चढ़ा कर दिखाया जा रहा है, जबकि मोदी की कार्यकाल में प्रधानमंत्री आवास पर 2,700 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं. आप ने 'शीशमहल' के जवाब में प्रधानमंत्री आवास को बीजेपी का 'राजमहल' बताया है.

कथित 'शराब घोटाले' की आंच

भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन के दम पर बनी आम आदमी पार्टी इस बार खुद भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों का सामना कर रही है. 2021 में आप सरकार दिल्ली में नई आबकारी नीति ले कर आई, जिसके तहत दिल्ली सरकार को शराब की बिक्री के व्यापार से पूरी तरह बाहर निकालने की योजना बनाई गई थी.

एक रिपोर्ट के अनुसार, इससे दिल्ली सरकार के राजस्व में 27 फीसदी की वृद्धि हुई और राज्य ने लगभग 8,900 करोड़ रुपये कमाए. लेकिन अप्रैल 2022 में जब दिल्ली में नए मुख्य सचिव नरेश कुमार की नियुक्ति हुई तो उन्होंने नई नीति में जांच के आदेश दिए.

जुलाई 2022 में मुख्य सचिव ने उप राज्यपाल वीके सक्सेना को एक रिपोर्ट पेश की जिसमें उन्होंने नीति में अनियमितताओं का दावा किया. इस रिपोर्ट में आरोप लगाए गए कि बतौर आबकारी मंत्री मनीष सिसोदिया ने शराब विक्रेताओं को लाइसेंस देने के बदले कमीशन और रिश्वत ली.

नरेश कुमार ने रिपोर्ट में यह भी कहा कि लाइसेंस फीस और शराब की कीमतों में नियमों को ताक पर रखकर छूट दी गई, जिससे सरकार को करीब 144 करोड़ रुपयों का नुकसान हुआ. यह भी दावा किया गया कि कमीशन और रिश्वत से मिली रकम का इस्तेमाल आम आदमी पार्टी ने फरवरी 2022 में हुए पंजाब विधानसभा चुनावों में किया.

बाद में उप राज्यपाल ने पूरे मामले की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को सौंप दी और सीबीआई ने अगस्त 2022 में सिसोदिया समेत 15 लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया. सिसोदिया के घर छापे मारे गए और कई बार पूछताछ के बाद 26 फरवरी 2023 को उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया.

अक्टूबर 2023 में इसी मामले में पार्टी के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह भी गिरफ्तार गए. आप सरकार में दिल्ली के गृह मंत्री रह चुके सत्येंद्र जैन को एक अन्य मामले में 2022 में ही गिरफ्तार किया जा चुका था.

आबकारी नीति मामले में सीबीआई की एफआईआर के आधार पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने इस मामले में अगस्त, 2022 में मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया और 21 मार्च, 2024 को इसी मामले में केजरीवाल को भी गिरफ्तार कर लिया गया.

आप की 'मैली चादर'

2024 में धीरे धीरे केजरीवाल समेत इन सभी नेताओं को जमानत पर रिहा कर दिया गया, लेकिन इस पूरे प्रकरण ने बीजेपी और कांग्रेस को दिल्ली को 'भ्रष्टाचार से मुक्त' कराने का मुद्दा दे दिया.

राजनीतिक समीक्षकों का मानना है कि इन चुनावों में भ्रष्टाचार के इन आरोपों से पीछा छुड़ाना आप के लिए सबसे बड़ी चुनौती है. वरिष्ठ पत्रकार उमाकांत लखेड़ा कहते हैं कि उनके अनुमान से इस बार आप को 45-50 सीटें मिल सकती हैं, जो पिछली बार की 67 सीटों के मुकाबले काफी कम हैं.

उन्होंने डीडब्ल्यू को बताया, "आप पर भ्रष्टाचार के आरोप भी लग गए, उसके शीर्ष नेता जेल भी हो आए. आप की चादर मैली तो हो चुकी है, लेकिन पूरी तरह मैली नहीं हुई है. इनके कई विधायकों के खिलाफ स्थानीय एंटी-इंकम्बेंसी ज्यादा थी. इसलिए उन्होंने 20 विधायकों को दोबारा टिकट ना देने की जगह नए चेहरों को उतारा है, लेकिन लोग तो नाराज हो ही गए हैं."

वहीं हार्ड न्यूज पत्रिका के संपादक संजय कपूर का मानना है कि आप पहले के मुकाबले कमजोर नजर तो आ रही है, लेकिन ज्यादा कमजोर नहीं. उन्होंने डीडब्ल्यू से कहा, "बीजेपी पूरी ताकत के साथ आप को कमजोर करने की कोशिश कर रही है लेकिन आप ने हर बार दिखाया है कि उसमें काफी तीव्र पलटवार करने की भी क्षमता है और वो भी वहां जहां बीजेपी को सबसे ज्यादा चोट लगे. जिस तरह बीजेपी के 'शीशमहल' अभियान को आप ने 'शीशमहल' बनाम 'राजमहल' बना दिया, यह उसी क्षमता का उदाहरण है."