Rajasthan Diwas 2024: 30 मार्च को ही क्यों मनाया जाता है राजस्थान दिवस? जानें क्या है इस राज्य का गौरवशाली इतिहास?
Rajasthan Diwas 2024

15 अगस्त 1947 को जब भारत को ब्रिटिश हुकूमत से पूर्ण आजादी मिली, तब यहां की साढ़े पांच सौ से ज्यादा बिखरी रियासतों को एकीकृत करने 'भागीरथ प्रयास' सरदार वल्लभ भाई पटेल द्वारा शुरू किया गया. भारत के अन्य हिस्सों की तरह मध्य पश्चिमी भारत में कई राजाओं की रियासतों का एकीकरण कर राजस्थान संघ की स्थापना की गई. राजस्थान जिसे ब्रिटिश हुकूमत में ‘राजपुताना’ के नाम से जाना जाता था. अलवर, भरतपुर, धौलपुर, करौली, जयपुर, जोधपुर, जैसलमेर और बीकानेर की रियासतों को 7 चरणों में एकीकृत कर इस संघीय ढांचे को 30 मार्च 1949 में अंतिम रूप दिया गया, और जयपुर को इसकी राजधानी बनाई गई. इसके बाद से प्रत्येक वर्ष इसी दिन राजस्थान स्थापना दिवस मनाया जा रहा है. इस वर्ष 30 मार्च को राजस्थान अपनी स्थापना का हीरक जयंती (75वां वर्ष) मनाएगा. आइये जानते हैं राजस्थान के संदर्भ में कुछ छुए अनछुए पहलू.

राजस्थान का प्राचीन एवं समृद्ध इतिहास

लगभग 700 ई पूर्व से राजस्थान के अधिकांश हिस्सों पर राजपूत वंश का शासन था, इसलिए इसे ‘राजपुताना’ कहा जाता था. इससे पूर्व यह मौर्य साम्राज्य का प्रमुख हिस्सा था. 13वीं शताब्दी की शुरुआत में मेवाड़ राजपुताना में 19 उन्नीस रियासतें तथा अजमेर और मेवाड़ जैसे दो ब्रिटिश जिले शामिल थे. प्राचीन इतिहास में राजस्थान के कुछ हिस्से सिंधु घाटी सभ्यता का हिस्सा भी रहे हैं, जैसे कालीबंगा, बालाथल और दिलवाड़ा मंदिर इत्यादि. इसमें कालीबंगा को सिंधु घाटी सभ्यता की प्रमुख प्रांतीय राजधानी बताया जाता है. मुगल बादशाह अकबर द्वारा राजस्थान पहली बार राजनीतिक रूप से एकजुट हुआ था. 15 अगस्त 1947 को राजस्थान की सभी रियासतों को भारतीय संघ में मिला दिया गया था. यह भी पढ़ें : Shiv Jayanti 2024 Wishes: शिव जयंती की इन शानदार हिंदी WhatsApp Messages, Quotes, Facebook Greetings के जरिए दोस्तों-रिश्तेदारों को दें शुभकामनाएं

राजस्थान का गौरव

देश के उत्तर-पूर्वी हिस्से में बसा राजस्थान आर्थिक रूप से सुसम्पन्न राज्यों में शुमार है. वर्तमान में 10.20 लाख करोड़ रुपये जीडीपी के साथ राजस्थान देश की सातवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है. अपने टेक्सटाइल और हैंडीक्राफ्ट के लिए यह दुनिया भर में मशहूर है. इसके साथ-साथ यह राज्य देशी-विदेशी पर्यटकों के आकर्षण का प्रमुख केंद्र रहा है. राज्य के अनमोल धरोहरों में उम्मेद पैलेस विश्व का सबसे बड़ा प्राइवेट रेजीडेंस है, इसके अलावा यहां के प्राचीन महल, करणी मंदिर आमेर पैलेस, जैसलमेर किला, मेहरानगढ़ किला, जयगढ़ किला, चित्तौड़गढ़ किला, हवा महल, जंतर मंतर, बिड़ला मंदिर विशेष रूप से विदेशी पर्यटकों को बहुत रास आते हैं. राजस्थान की सीमा 5 प्रमुख राज्यों उत्तर में पंजाब, उत्तर पूर्व में उत्तर प्रदेश एवं हरियाणा, दक्षिण पश्चिम में गुजरात और दक्षिण पूर्व में मध्य प्रदेश से साझा करता है.

30 मार्च को ही राजस्थान दिवस क्यों मनाया जाता है?

राजस्थान जिसे कभी ‘राजाओं की भूमि’ के नाम से जाना जाता है. ब्रिटिश शासनकाल में इसे ‘राजपुताना’ नाम हासिल था. 30 मार्च 1949 के दिन उत्तरी भारत में स्थित भारत सरकार के निर्देश पर चार बड़े रियासतों जोधपुर, जयपुर, बीकानेर और जैसलमेर को संयुक्त राजस्थान राज्य में मिला लिया गया, इस तरह एक स्वतंत्र राज्य राजस्थान अस्तित्व में आया. जयपुर को राज्य की राजधानी घोषित किया गया. चार बड़ी रियासतों के एकाकार होने के बाद राजस्थान क्षेत्रफल के हिसाब से देश के सबसे बड़ा राज्य के रूप में स्थापित हुआ. इसके बाद से हर वर्ष 30 मार्च के दिन राजस्थान दिवस के रूप में मनाया जा रहा है.