Lavender Oil Benefits: लैवेंडर ऑयल को क्यों मानते हैं अमृत? जानें कैसे करते हैं ये आपकी सेहत और सौंदर्य की रक्षा?
Oil

लैवेंडर ऑयल पुदीना फैमिली से जुड़ी एक विशेष प्रजाति है. बैंगनी रंग के इन फूलों में अमृत जैसा चमत्कार पाया जाता है. लैवेंडर के फूलों को उसकी विशेष खुशबू के लिए जाना जाता है. लैवेंडर का तेल अपने औषधीय गुणों के कारण बहुत लाभकारी माना जाता है. इसके इस्तेमाल से सेहत के साथ-साथ सौंदर्य संबंधित समस्याओं का भी उपचार किया जाता है. यह एक खास एसेंशियल ऑयल है, जो थकान और स्ट्रेस के साथ-साथ, तमाम शारीरिक समस्याओं से निजात दिलाता है, चूंकि हर शारीरिक समस्या अथवा बीमारी का एक स्तर होता है, जिस तरह हर तरह की खांसी की एक दवा नहीं होती है, उसी तरह हर समस्या का निवारण लैवेंडर ऑयल मात्र से नहीं हो सकता. इसलिए अगर समस्या ज्यादा गंभीर है तो लैवेंडर ऑयल का इस्तेमाल करने से पूर्व अपने चिकित्सक से अवश्य सलाह-मशविरा कर लें. यहां जानेंगे किन-किन समस्याओं का उपचार लैवेंडर ऑयल से किया जा सकता है.

हल्के बुखार के लिएः अगर हरारत अथवा हलका बुखार लग रहा है तो हथेलियों के बीच लैवेंडर के तेल की दो बूंदें निकालकर रगड़ें. इसके बाद इसे नाक से देर तक सूंघने, और इसकी खुशबू को नाक के अंदर लेने से आराम मिलेगा.

पर्याप्त नींद के लिएः लैवेंडर ऑयल की खुशबू तन और मन को शांत रखती है, इससे अच्छी और सुकून की नींद आती है. इसके लिए लैवेंडर ऑयल की अरोमाथेरेपी का उपयोग किया जा सकता है. इसके लिए

चिंता और अवसाद के लिएः लैवेंडर ऑयल में चिंता विरोधी (Anti-Anxiety) और अवसाद विरोधी (Anti- Depressant) गुण होते हैं, जो चिंता और अवसाद के असर को कम करते हैं. इसके लिए लैवेंडर ऑयल में रोजमेरी और टी ट्री एसेंशियल ऑयल को मिलाकर इस्तेमाल करने से मूड स्विंग और स्ट्रेस को कम किया जा सकता है. आप चाहें तो अपने बेडरूम के किसी कोने में डिफ्यूजर में लैवेंडर ऑयल की कुछ बूंदे डालकर रख दें. पूरी रात सुकून महसूस करेंगे.

सिर दर्द या माइग्रेन

पिछले दिनों हुए कुछ शोधों में पाया गया है कि माइग्रेन की पीड़ा को लैवेंडर ऑयल की अरोमाथेरेपी करने से राहत मिलती है. सिर दर्द होने पर डिफ्यूजर में लैवेंडर ऑयल की कुछ बूंदे डालकर अरोमाथेरेपी लेने से सिर-दर्द से मुक्ति मिलती है.

घाव भरने के लिए

लैवेंडर ऑयल कोलेजन को बढ़ाने में मदद करता है, इससे त्वचा की सूजन, लाली एवं दर्द को भी कम करने में मदद करता है. ऐसी स्थिति में घाव पर लैवेंडर ऑयल लगाने से लाभ मिलता है. लेकिन घाव की प्रकृति को देखते हुए लैवेंडर ऑयल के इस्तेमाल से पूर्व अपने चिकित्सक से सलाह-मशविरा अवश्य कर लें.

मितली आती है तो

खाने में एलर्जी, गैस या दवा आदि के दुष्प्रभाव के कारण मितली आ रही है तो लैवेंडर ऑयल की अरोमाथेरेपी लेने राहत मिलती है. अगर मितली बनी हुई है तो लैवेंडर ऑयल की कुछ बूंदे डिफ्यूजर में डालकर सोने से भी रिलीफ मिलती है.

मांसपेशियों की समस्या

अगर मांसपेशियों में किसी तरह की पीड़ा है, तो उससे मुक्ति के लिए लैवेंडर ऑयल का उपयोग किया जा सकता है. लैवेंडर के तेल के गुण मांसपेशियों को रिलैक्स करने में मदद करते हैं. इससे जोड़ों के दर्द से भी राहत मिलती है. इसके लिए लैवेंडर ऑयल की कुछ बूंदें अमुक स्थान पर लगाकर मसाज कर सकते हैं.

एक्जिमा

एक्जिमा के कारण त्वचा कड़ी और रूखी हो जाती है, उस पर रैशेज पड़ जाते हैं, जो देखने में बहुत खराब लगता है और वे इरिटेट भी करते हैं. इससे राहत पाने के लिए लैवेंडर ऑयल का इस्तेमाल इस तरह से किया जा सकता है. लैवेंडर ऑयल, नारियल तेल एवं ट्री ऑयल की समान मात्रा लेकर मिलाएं. इस तेल से एक्जिमा वाले स्थान पर हलके हाथों से मालिश करें. हालांकि यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि एक्जिमा कि स्टेज पर है. बेहतर होगा किसी चिकित्सक से भी सलाह मशविरा कर लें.

कील मुहांसे

लैवेंडर ऑयल एक कारगर एंटी एक्ने की तरह भी कार्य करता है. अगर आपके चेहरे पर एक्ने है तो लैवेंडर ऑयल की दो-तीन बूंदे एक चम्मच में निकालकर किसी नरम रूई के फाहे से प्रभावित स्थान पर हलके-हलके मसाज करें. इसे दिन में दो या तीन बार किया जा सकता है. मुहांसों से आराम मिलेगा.