Lal Bahadur Shastri's Quotes 2024: ‘बल का जवाब बल से दिया जाएगा’ छोटे कद और सादगी की प्रतिमूर्ति लाल बहादुर शास्त्री जी के प्रेरक विचार!
लाल बहादुर शास्त्री 2023 (Photo Credits: File Image)

आजाद भारत के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री को उनकी सादगी, शालीन व्यवहार और ईमानदार नेता के रूप में याद किया जाता है. छोटे कद मगर ऊंचे आदर्श और विचारों के प्रतीक लाल बहादुर शास्त्री का जन्म 02 अक्टूबर 1904 को मुगलसराय (उप्र) में हुआ था. 16 साल की आयु में लाल बहादुर आजादी की जंग में कूदे और 17 साल की आयु में जेल भी गये. लाल बहादुर शास्त्री के प्रभावशाली व्यक्तित्व का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है, कि उनके साहस और निडरता की कहानी विदेशों तक लोकप्रिय है. यह उनके विचारों से पता चलता है, लाल बहादुर शास्त्री की पुण्य-तिथि पर आइये जानते हैं साहस और कर्मवीर व्यक्तित्व वाले लाल बहादुर शास्त्री के महान और प्रेरक विचार

* हमारे देश की स्वतंत्रता की रक्षा करना, केवल सैनिकों का काम नहीं है, पूरे देश को मजबूत होना होगा.

* जैसा कि मैं देखता हूं, शासन का मूल विचार समाज को एक साथ रखना है, ताकि वह विकसित हो सके और अपने लक्ष्यों की ओर बढ़ सके.

* अगर पाकिस्तान हमारे क्षेत्र के किसी भी हिस्से पर बलपूर्वक कब्जा करने का विचार रखता है, तो उसे नए सिरे से सोचना होगा. मैं स्पष्ट रूप से कहना चाहता हूं कि बल का जवाब बल से दिया जाएगा और हमारे खिलाफ आक्रामकता को कभी सफल नहीं होने दिया जाएगा.

* देश के प्रति निष्ठा अन्य सभी निष्ठाओं से ऊपर है, यह एक पूर्ण निष्ठा है, क्योंकि कोई इसे प्राप्त होने वाली चीज़ों के आधार पर नहीं आंक सकता.

* यदि एक भी व्यक्ति ऐसा बचेगा, जिसे किसी भी तरह से 'अछूत' कहा जाए, भारत को शर्म से अपना सिर झुकाना पड़ेगा.

* सच्चा लोकतंत्र या जनता का स्वराज कभी भी असत्य और हिंसक तरीकों से नहीं आ सकता.

* हमारे सामने आने वाले प्रमुख कार्यों में से कोई भी हमारी ताकत और स्थिरता के लिए हमारी एकता और एकजुटता के निर्माण के कार्य से अधिक महत्वपूर्ण नहीं है.

* हम शांति और शांतिपूर्ण विकास में विश्वास करते हैं, न कि केवल अपने लिए बल्कि पूरी दुनिया के लोगों के लिए.

* कानून के शासन का सम्मान किया जाना चाहिए, ताकि हमारे लोकतंत्र की बुनियादी संरचना बनी रहे और इसे ज्यादा मजबूत किया जा सके.

* हमें अब शांति के लिए उसी साहस और दृढ़ संकल्प के साथ लड़ना होगा, जैसे हमने आक्रामकता के खिलाफ लड़ा था.

* भ्रष्टाचार का पता लगाना बहुत कठिन है, लेकिन मैं पूरी गंभीरता से कहता हूं कि अगर हम इस समस्या से गंभीरता और दृढ़ संकल्प के साथ नहीं निपटते हैं, तो हम अपने कर्तव्य में अवश्य असफल होंगे.

* जो लोग शासन करते हैं उन्हें यह अवश्य देखना चाहिए कि लोग प्रशासन पर कैसे और कितना विश्वास करते हैं.

* विज्ञान और वैज्ञानिक कार्यों में सफलता असीमित या बड़े संसाधनों के प्रावधान से नहीं, बल्कि समस्याओं और उद्देश्यों के बुद्धिमानी पूर्ण और सावधानीपूर्वक चयन से आती है. सबसे बढ़कर, कड़ी मेहनत और समर्पण की आवश्यकता है.

* हम सभी को अपने-अपने क्षेत्रों में उसी समर्पण, उसी उत्साह और उसी दृढ़ संकल्प के साथ काम करना होगा, जिसने युद्ध के मोर्चे पर योद्धा को प्रेरित किया. इसे केवल शब्दों से नहीं, बल्कि वास्तविक कार्यों से दिखाना होगा.