Jharkhand Foundation Day 2022 (Photo: File Photo)
आजादी से पूर्व सैकड़ों छोटे-छोटे राज्यों में बिखरा भारत आज संगठित होकर एक सूत्र में बंध चुका है, हालांकि इसकी विभिन्न संस्कृतियां, परंपराएं, खानपान, भाषाओं और परंपराओं की वही पुरानी खुशबू और खूबसूरती आज भी बरकरार है. ऐसा ही एक राज्य है झारखंड, जिसकी 22वीं वर्षगांठ आज पूरे भारत में बड़ी ही धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है.15 नवंबर 2000 के दिन बिहार से अलग हुए झारखंड राज्य के बारे में आइये जाने विस्तार से.. वह सब कुछ, जो हमें जानना चाहिए.
झारखंड के प्राकृतिक सौंदर्य की बात करें तो इसकी व्याख्या ‘झारखंड’ शब्द में ही छिपा हुआ है. वास्तव में यह झार और खंड शब्द का संधि है. यहां झार का आशय जंगल और खंड यानी भूमि. खूबसूरत एवं मनोहारी जंगलों से पटे पड़े झारखंड की पहली पहचान यहां के बहुमूल्य खनिज हैं, जो इसकी धरा की गर्भ में भरा पड़ा है. झारखंड वस्तुतः बिहार, उत्तर पश्चिम में
उत्तर प्रदेश, पश्चिम में छत्तीसगढ़, दक्षिण में ओडिशा और पूर्व में पश्चिम बंगाल से घिरा हुआ है. यह भी पढ़ें : Children's Day 2022 HD Images: बाल दिवस पर इन शानदार WhatsApp Stickers, Photo SMS, Wallpapers, GIF Greetings को भेजकर दें बधाई
बिरसा मुंडा को समर्पित झारखंड
बिहार पुनर्गठन अधिनियम 2000 पारित करने के बाद झारखंड को भारत के 28 वें राज्य के रूप में मनोनीत किया गया. इससे पूर्व यह बिहार के दक्षिणी आधे भूभाग का हिस्सा था. गौरतलब है कि जिस दिन झारखंड का गठन किया गया, उसी दिन आदिवासी नेता बिरसा मुंडा की जयंती भी मनाई जाती है, जिन्होंने आजादी से पूर्व से ही इसे एक अलग राज्य चाहते थे. झारखंड के लोग बिरसा मुंडा को ईश्वर के समान पूजा करते हैं. वस्तुतः यह भूभाग उन आदिवासियों की पैतृक भूमि है, इसलिए केंद्र सरकार ने बिरसा मुंडा की जयंती के दिन उनके त्याग और संघर्ष को सम्मान देते हुए झारखंड को एक नये राज्य के रूप में मनोनीत किया गया.
क्यों अलग है झारखंड अन्य राज्यों से
झारखंड के गर्भ में किसी भी अन्य राज्य की तुलना में सबसे ज्यादा खनिज पदार्थ भरे पड़े हैं. जानकारों के अनुसार इसकी झारखंड कोयला, लौह अयस्क, तांबा अयस्क, यूरेनियम, अभ्रक, बॉक्साइट, ग्रेनाइट, चूना पत्थर, चांदी, ग्रेफाइट, मैग्नेटाइट और डोलोमाइट जैसे बेशकीमती खनिजों से समृद्ध है. हालांकि यहां के लोगों का मुख्य व्यवसाय खेती है. इस प्रदेश की 80 प्रतिशत
आबादी गांव में बसती है, जिसकी मुख्य फसल चावल है. यहां के चावल की पूरी दुनिया में भारी मांग है.
प्रकृति का अनुपम नजराना है झारखंड!
प्राकृतिक सुंदरता के कारण झारखंड का हर कोना दर्शनीय स्थल है. झारखंड की राजधानी रांची अपने आप में तमाम प्राकृतिक विरासत को समेटे हुए है. अगर आप पर्यटन के दीवाने हैं और अभी तक रांची नहीं गये हैं तो समझ लीजिये आपने कुछ भी नहीं देखा. यहां के प्रमुख दर्शनीय स्थल हैं जगन्नाथ मंदिर, रांची झील, पत्थर बाग, कांके डैम, सूर्य मंदिर, टैगोर हिल, नक्षत्र वन, राजकीय संग्रहालय एवं दशम जलप्रपात, जोन्हा जलप्रपात, पतरातू घाटी, बिरसा जूलॉजिकल पार्क एवं पंचघाघ झरना इत्यादि.