World Yoga Day 2022: सेक्स लाइफ को बेहतर बनाते हैं ये 7 योगासन! जानें इन आसनों की प्रक्रिया एवं सेक्स के दौरान होने वाले लाभ!
योगा से सेक्स लाइफ में भी होता है फायदा (Pixabay)

World Yoga Day 2022: योग न केवल शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है, बल्कि यह बिस्तर पर भी आपको मास्टर बनने में भी मदद कर सकता है. बेड के लिए ऐसे कई आसन हैं, जो आपके रक्त संचार को सुचारु और श्रोणि क्षेत्र की मांसपेशियों को मजबूत बनाता है. यहां कुछ ऐसे ही आसान आसन बताये जा रहे हैं, जिसके बारे में मान्यता है कि यह आपके परम आनंद को शिखर तक पहुंचाने में मदद कर सकता है.

‘योग मुद्राएं आपको कोमल और तनावमुक्त बनाती हैं, जिससे आपका शरीर खूबसूरती से अपना कार्य करता है. योग आपके कामुक, मानसिक एवं शारीरिक पहलुओं को एक साथ मिलकर कार्य करने में मदद करता है.’ फिटनेस गुरु कहते हैं, ‘यौन ऊर्जा और कामेच्छा (विशेषकर पुरुषों में) को बढ़ाने में योग की अहम भूमिकाओं का उल्लेख किया गया है. पेल्विक लिफ्ट्स और सूर्य नमस्कार जैसे आसन रक्त संचार को सुधार करते हैं, और सेक्स के लिए महत्वपूर्ण होते हैं.’

भुजंगासन (Bhujangasana)

पेट के बल सीधे लेटें. पैर के तलवे ऊपर हों. दोनों अंगूठा एक दूसरे से मिलाएं. हाथों को छाती के पास ऐसे रखें ताकि शरीर को नाभि तक धीरे-धीरे उठा सके. आपका शरीर पेट से नाभि तक सीधा होना चाहिए. हथेली फर्श पर रखें. 2-3 सेकेंड तक ऐसे ही रुकें, फिर सांस छोड़ते हुए शरीर को पूर्व अवस्था में लाएं. यह पोजीशन सेक्स चक्र को उत्तेजित करता है, जिससे व्यक्ति के सेक्स प्रदर्शन में सुधार होता है. इस आसन से शुक्राणुओं की कमी अथवा वीर्य के पतलेपन की समस्या में सुधार आता है, तथा यौन ग्रंथियां मजबूत होती हैं.

उष्ट्रासन (Ustrasana)

उष्ट्रासन सरल आसन है. पीठ को सीधा करके बैठें. पैरों को अंदर की ओर मोड़कर हाथों को घुटनों पर रखें और सांस छोड़ें. इसके बाद सांस को रोकें. इस दरम्यान यूरिन पास करना बंद करने की कल्पना करें. अपने जननांग अथवा गुदा की मांसपेशियों को सिकोड़ें, 5-10 सेकंड तक रुकें. फिर श्वास लेते हुए धीरे-धीरे छोड़ें. यह प्रक्रिया 3 बार करें. यह आसन कूल्हों और रीढ़ को खोलकर, बेहतर सहनशक्ति लाते हुए पूरे शरीर को स्वतंत्र करता है. इससे आपका पूरा सिस्टम तनाव मुक्त होता है. बिस्तर पर सेक्स क्रिया के समय आप पर्याप्त ऊर्जावान महसूस करेंगे.

मार्जरीआसन (Marjariasana)

घुटनों और हाथों को फर्श पर लंबवत रखें. धीरे-धीरे लयबद्ध सांस लेते हुए पीठ को फर्श की ओर लाएं. एक पल रुके, फिर धीरे-धीरे साँस छोड़ते हुए पीठ को ऊपर, (बिल्ली की तरह) की ओर ले जाएं. इसे 10-20 बार करें. इससे रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है. निचले हिस्से को आराम मिलता है, तथा लयबद्ध सांस लेने से, आपके पार्टनर के साथ आपकी सांसों का सामंजस्य बिठाने में मदद मिलती है. इस आसन से मुख्य रूप से कूल्हों एवं भीतरी जांघ खुलते हैं. आपकी सहनशक्ति और लचीलापन बढ़ता है.

बढ कोणासन (Baddha Konasana)

पीठ सीधी करके बैठें. पैरों को आपस में मिलाएं. घुटनों को धीरे से हथेलियों से कमर के क्षेत्र में फैलाते हुए दबाएं और फिर घुटनों को फर्श पर लाने की कोशिश करें. यह आसन तीन बार करें. मगर हर बार 20-30 सेकंड के रेस्ट अवश्य लें. इस आसन से कूल्हों और भीतरी जांघ खुलते हैं, और अधिक पदों को आजमाने के लिए आपकी सहनशक्ति और आपके लचीलेपन (कमर क्षेत्र में) को बढ़ाते हैं.

सेतु बंधासन (Setu Bandhasana)

घुटनों के साथ पीठ के बल लेटें, पैरों को जितना हो सके नितंबों के करीब लाएं. जांघों और नितंबों को सिकोड़ें, फिर धड़ को ऊपर उठाएं, और पैरों पर दबाएं. नाभि के हिस्से को यथासंभव ऊपर उठायें. 30 सेकेंड तक इसी स्थिति में रहें. अब धीरे-धीरे पीठ को एक समय में एक कशेरुका की मैट पर तब तक नीचे करें जब तक अपनी पीठ के बल सपाट न हो जायें. इस दौरान घुटने मुड़े होने चाहिए. इसे 3 बार करें. इस प्रक्रिया से पेल्विक मांसपेशियों और कोर मजबूत होती हैं. यह आपके जननांग क्षेत्र में रक्त संचार को सुनिश्चित करेगा, क्योंकि ये आपके शरीर में मूल चक्र को उत्तेजित करता है, जिससे आप में कामेच्छा की वृद्धि होती है.

अंजनेयासन (Anjaneyasana)

सीधे खड़े हों. दाहिना पैर आगे बढ़ाएं. बाएं पैर को सीधा रखते हुए दाहिने घुटने को मोड़ें. घुटना फर्श से समकोण में हों. घुटनों को टखने से आगे न बढ़ाएं. भीतर के बाएं पैर में खिंचाव और दाहिने पैर में मजबूती महसूस करें. इसी स्थिति रुक कर 10 बार धीमी एवं गहरी सांस लें. अब पुनः खड़े हों, और दूसरी तरफ भी ऐसा ही करें. जांघों को फैलाने के अलावा, यह स्थिति आपकी श्रोणि तल को मजबूत करती है. आपके श्रोणि पर वजन बढ़ने से शरीर में रक्त प्रवाह में वृद्धि होगी. सेलुलर पुनर्जनन (एक प्रक्रिया जो आपकी उम्र के अनुसार धीमी हो जाती है, आपकी कामेच्छा को कम करती है) में सहायता करती है. इस आसन से खड़े होकर सेक्स करने की स्थिति में आपकी संतुलन क्षमता बढ़ती है.

मण्डूकासन (Mandukasana)

मैट पर टेबल पोज़ में आयें. टखनों को घुटनों के पीछे रखें. पैरों को मोड़ें. हथेलियों को फर्श पर दबाते हुए स्वयं को कोहनियों और बाजुओं के बल नीचे करें. सांस छोड़ें और कूल्हों और जांघों में खिंचाव लाने के लिए कूल्हे को पीछे की ओर दबाएं. अब सांस अंदर लें और 30 तक गिनें. अब सांस को आराम देते हुए कूल्हे को आगे झुकाएं. सामान्य स्थिति में वापस आएं और पुनः दोहराएं. इस आसन के लिए धैर्य जरूरी है. सेक्स के दरम्यान इसका अभ्यास आपको अच्छी स्थिति में खड़ा करेगा. यह कमर और जांघ को लचीला भी बनाता है.