Home Remedies For Sore Throat: सर्दी के दिनों में गले में खराश या खुस्की आम समस्या है. लेकिन अकसर ऐसी बातें खीझ या चिड़चिड़ेपन का कारण भी बनती है. दिक्कत यह है कि गिरते तापक्रम के साथ-साथ इस तरह की समस्याएं तेजी से बढ़ती है. ऐसी स्थिति में कुछ लोग गर्मागरम चाय अथवा काढ़ा पीकर इसे दूर करने की कोशिश करते हैं, लेकिन यह इलाज नहीं है, अगर आप इस समस्या से जूझ रहे हैं, तो परेशान होने की जरूरत नहीं, क्योंकि इसका अचूक इलाज आपकी रसोई में ही है. आइये जाने इसका क्या इलाज है? लेकिन इसके साथ-साथ इस बात का भी ध्यान रखें कि अगर ये उपाय कारगर नहीं हो रहे हैं, तो किसी ईएनटी विशेषज्ञ से सलाह लेनी चाहिए.
नमक के पानी से गरारा
तमाम शोधों के एवं मेडिकल विशेषज्ञों ने भी माना है कि ठंड से गले में खरास आदि होने पर नमक का गरारा करना लाभदायक होता है. इसके लिए गुनगुने पानी में सादा पिसा नमक मिलायें और दिन में 3 से 4 बार गरारा करें. इससे गले के भीतर अगर सूजन अथवा मांसपेशियों की पीड़ा से राहत मिलेगी, साथ ही बैक्टीरिया भी नष्ट होंगे. अगर नमक का स्वाद पसंद नहीं, तो नमक की जगह शहद का भी इस्तेमाल किया जा सकता है. लेकिन गरारा करते समय पानी गले के भीतर नहीं लेनी चाहिए.
हल्दी
नमक के बाद हल्दी ही है, जिसका सर्वाधिक इस्तेमाल रसोईघर में किया जाता है. इसके बिना किसी भी व्यंजन के स्वाद की कल्पना भी नहीं की जा सकती. लेकिन स्वाद के विपरीत इसमें स्वास्थ्य के भी तमाम तत्व मौजूद हैं. हल्दी का प्रयोग कीटाणुओं को नष्ट करने में एंटीबायोटिक के रूप में होता है. गले में खुस्की होने अथवा खरास होने पर एक प्याला गर्म दूध में चुटकी भर हल्दी मिलाकर पीने से राहत मिलती है. लेकिन हल्दी मिला यह दूध ठंडा होने से पहले पीना जरूरी है.
मुलैठी
मुलेठी वास्तव में एक तमाम औषधियों से युक्त जड़ी होती है. इसके सेवन से गले की तमाम बीमारियां दूर की जा सकती हैं. इसके इस्तेमाल से गले में सूजन, खरास, शुष्कपन इत्यादि दूर किये जा सकते हैं. इसके सेवन के लिए एक चुटकी मुलेठी का पाउडर पान के पत्ते पर रखकर खायें, अथवा सोने से पूर्व इसकी छोटी-सी गांठ मुंह में रखकर इसका रसास्वादन करें. प्रातःकाल उठने पर गले में राहत मिलती है.
शहद
अगर सर्दी के कारण गले में खांसी अथवा खराश है, तो इसे हल्के से लेना उचित नहीं, क्योंकि कोरोना के मुख्य लक्षणों में एक समस्या यह भी है. गले के लिए, शहद भी कम उपयोगी नहीं है. इसमें एंटीमाइक्रोबियल्स और घाव भरने के गुण होते हैं तथा गले में दर्द अथवा खरास में भी इसका इस्तेमाल लाभदायक होते हैं. एक चम्मम शहद में नींबू रस या अदरक का रस मिलाकर सेवन चाटें. यह गले के लिए लाभदायक हो सकता है. वैसे एक गिलास गुनगुने पानी में दो चम्मच शहद मिलाकर पीने से भी गले की समस्याओं से राहत मिलती है.
तुलसी
वैद्य से लेकर चिकित्सक तक मानते हैं कि किसी भी पत्तों की तुलना में तुलसी में सबसे ज्यादा औषधीय गुण होते हैं. इस छोटे से पत्ते में इम्युनिटी को बूस्ट करने की जबरदस्त क्षमता होती है. अगर गले में खिच-खिच, खरास या शुष्कपन हो तुलसी के पत्तों का काढ़ा बनाकर इसका गरारा करें. इससे गले को राहत मिलती है.
नींबू
गले में किसी भी खरास अथवा सूजन आदि को दूर करने में नींबू की उपयोगिता को नकारा नहीं जा सकता, क्योंकि नींबू में विटामिन C प्रचुर मात्रा में उपलब्ध होता है, जिसकी वजह से शरीर की इम्यूनिटी मजबूत होती है. गले में खराश से निपटने के लिए तो इसे रामबाण ही माना जाता है. नींबू की चाय अथवा गुनगने पानी में आधा नींबू रस मिलाकर पीने से गले के तमाम संक्रमण से मुक्ति मिलती है.
अदरक
तमाम औषधीय गुणों से युक्त अदरक में एंटी-इन्फ्लेमेट्री के विशेष गुण भी निहित होते हैं, इनके रस को शहद के साथ पीने से गले में राहत मिलती है. इसके अलावा शहद और तुलसी का काढ़ा भी गले के तमाम संक्रमण को दूर करता है. गौरतलब है कि अदरक के सेवन से प्रो-इन्फ्लेमेट्री प्रोटीन्स का निर्माण कम होता है.
काली मिर्च
काली मिर्च तमाम औषधीय गुण होते हैं यह कफ को नष्ट करती है और कफ तथा वायु को निकालती है. काली मिर्च और तुलसी का काढ़ा सर्दी जुकाम एवं गले में खराश को दूर करने के रामबाण साबित होता है. एक प्याले पानी में 5 से 6 दाने काली मिर्च और तुलसी की पत्तियां डालकर काढ़ा बनायें. रात में सोने से पूर्व इस काढ़े के सेवन से गले की खरास अथवा सूजन दूर होती है. चुटकी भर काली मिर्च को नींबू पर छिड़कर इसे गरम कर चाटने से भी गले की तमाम समस्याएं दूर होती हैं.