Cervical Pain And Treatment: ऑफिस में काम करने वाले ध्यान दें! सर्वाइकल के दर्द को न करें नजरअंदाज, जानिए कैसे बचें

क्या आपकी गर्दन में भी अक्सर अकड़न और दर्द रहता है? क्या यह दर्द धीरे-धीरे आपके कंधों और हाथों तक पहुंच जाता है? अगर हां, तो आप अकेले नहीं हैं. यह सर्वाइकल का दर्द हो सकता है, जो आजकल एक बहुत ही आम समस्या बन गया है, खासकर उन लोगों के लिए जो घंटों कंप्यूटर के सामने बैठकर काम करते हैं या लगातार मोबाइल फोन में झुके रहते हैं.

आखिर ये सर्वाइकल है क्या?

हमारी गर्दन में सात छोटी-छोटी हड्डियाँ होती हैं, जिन्हें सर्वाइकल वर्टिब्रा (Cervical Vertebrae) कहते हैं. ये हड्डियां हमारे सिर का वज़न संभालती हैं और गर्दन को घुमाने में मदद करती हैं. जब इन हड्डियों, इनके बीच की मुलायम गद्दियों (डिस्क) और मांसपेशियों में घिसाव, सूजन या अकड़न आने लगती है, तो इसी को आम भाषा में "सर्वाइकल का दर्द" कहा जाता है.

इसे आप एक मशीन की तरह समझ सकते हैं. अगर किसी हिस्से का गलत तरीके से या बहुत ज़्यादा इस्तेमाल हो, तो उसमें खराबी आना स्वाभाविक है. हमारी गर्दन के साथ भी कुछ ऐसा ही होता है.

सर्वाइकल दर्द के मुख्य कारण क्या हैं?

  1. गलत पोस्चर (सबसे बड़ा विलेन): घंटों तक गर्दन झुकाकर लैपटॉप या मोबाइल चलाना. ऑफिस में कुर्सी पर झुककर बैठना. इसी को "टेक नेक" (Tech Neck) भी कहते हैं.
  2. उम्र का बढ़ना: समय के साथ हड्डियों और डिस्क में प्राकृतिक रूप से घिसाव होता है.
  3. गलत तरीके से सोना: बहुत ऊँचा या मोटा तकिया लगाना, या पेट के बल सोने से गर्दन पर दबाव पड़ता है.
  4. मांसपेशियों का कमजोर होना: व्यायाम की कमी से गर्दन की मांसपेशियाँ कमजोर हो जाती हैं और वे हड्डियों को ठीक से सहारा नहीं दे पातीं.
  5. गर्दन पर चोट: किसी दुर्घटना या झटके की वजह से गर्दन में आई पुरानी चोट भी बाद में दर्द का कारण बन सकती है.
  6. तनाव (Stress): जब हम तनाव में होते हैं, तो अक्सर अनजाने में अपनी गर्दन और कंधे की मांसपेशियों को भींच लेते हैं, जिससे दर्द बढ़ता है.

कैसे पहचानें कि ये सर्वाइकल ही है?

अगर आपको नीचे दिए गए लक्षण महसूस हो रहे हैं, तो यह सर्वाइकल का संकेत हो सकता है:

  • गर्दन में लगातार हल्का या तेज दर्द और अकड़न.
  • गर्दन घुमाने पर "कट-कट" जैसी आवाज आना.
  • दर्द का कंधों, बाज़ुओं और हाथों की उंगलियों तक जाना.
  • हाथों या उंगलियों में झुनझुनी होना या उनका सुन्न पड़ जाना.
  • सिरदर्द, जो खासकर गर्दन के पिछले हिस्से से शुरू होता है.
  • कभी-कभी चक्कर आना या संतुलन बनाने में मुश्किल होना.

राहत के लिए क्या करें? आसान घरेलू उपाय

सर्वाइकल का दर्द भले ही परेशान करने वाला हो, लेकिन अच्छी बात यह है कि जीवनशैली में कुछ छोटे-छोटे बदलाव करके और कुछ आसान उपाय अपनाकर इससे काफी हद तक राहत पाई जा सकती है.

  • गर्म और ठंडी सिकाई: दर्द और अकड़न को कम करने के लिए गर्म पानी की थैली से सिकाई करें. अगर सूजन ज़्यादा है, तो बर्फ से सिकाई करना फायदेमंद हो सकता है.
  • पोस्चर सुधारें: बैठते समय अपनी पीठ सीधी रखें. कंप्यूटर की स्क्रीन आंखों के लेवल पर होनी चाहिए. हर आधे-एक घंटे में अपनी जगह से उठकर थोड़ा टहलें.
  • सही तकिये का चुनाव: सोते समय एक पतला और मुलायम तकिया इस्तेमाल करें जो आपकी गर्दन को सही सपोर्ट दे.
  • गर्दन के आसान व्यायाम:

    • चिन टक (Chin Tuck): सीधे बैठें और अपनी ठोड़ी को धीरे-धीरे पीछे की ओर ले जाएं, जैसे आप डबल चिन बना रहे हों. 5 सेकंड रुकें और फिर सामान्य हो जाएं.
    • गर्दन घुमाना: धीरे-धीरे अपनी गर्दन को दाईं ओर घुमाएं, 5 सेकंड रुकें. फिर बाईं ओर घुमाएं.
    • गर्दन झुकाना: अपनी ठोड़ी को धीरे-धीरे छाती से लगाने की कोशिश करें.
    • ध्यान दें: कोई भी व्यायाम करते समय झटका न दें और अगर दर्द बढ़े तो उसे तुरंत रोक दें.

डॉक्टर को कब दिखाना ज़रूरी है?

अगर दर्द बहुत ज़्यादा है, घरेलू उपायों से आराम नहीं मिल रहा, या हाथों-पैरों में कमजोरी और सुन्नपन बढ़ता जा रहा है, तो बिना देर किए डॉक्टर से सलाह लेना बहुत ज़रूरी है. डॉक्टर आपकी सही जांच करके फिजियोथेरेपी, दवाइयां या अन्य ज़रूरी इलाज की सलाह दे सकते हैं.

संक्षेप में, सर्वाइकल का दर्द हमारी आधुनिक जीवनशैली का एक साइड-इफेक्ट है. लेकिन थोड़ी सी जागरूकता, सही पोस्चर और नियमित व्यायाम से हम न सिर्फ इस दर्द से छुटकारा पा सकते हैं, बल्कि भविष्य में होने वाली गंभीर समस्याओं से भी बच सकते हैं. अपनी गर्दन का ध्यान रखें, आखिर यह आपके सिर का सारा बोझ जो उठाती है!