Monsoon Health Tips: आ गया बारिश का मौसम! मानसून में इन 5 बीमारियों से बचकर रहें, ये घरेलू उपाय आएंगे काम

Home Remedies For Monsoon Illness: मानसून की पहली फुहार किसे अच्छी नहीं लगती. चिलचिलाती गर्मी से राहत, चाय-पकौड़े और चारों तरफ हरियाली. मौसम तो सुहाना हो जाता है, लेकिन अपने साथ कई बीमारियां भी लेकर आता है. इस मौसम में नमी और जगह-जगह पानी भरने से बैक्टीरिया और वायरस तेजी से फैलते हैं.

लेकिन घबराने की जरूरत नहीं है. थोड़ी सी सावधानी और कुछ आसान घरेलू उपायों से आप और आपका परिवार इस मौसम का पूरा मजा ले सकते हैं. चलिए जानते हैं मानसून की 5 सबसे आम बीमारियों और उनसे बचने के आसान तरीकों के बारे में.

1. सर्दी-जुकाम और वायरल बुखार

मानसून में ये सबसे कॉमन प्रॉब्लम है. तापमान में उतार-चढ़ाव और नमी की वजह से शरीर का इम्यून सिस्टम थोड़ा कमजोर हो जाता है, जिससे वायरल इन्फेक्शन का खतरा बढ़ जाता है.

  • क्या करें:

    • हल्दी वाला दूध: ये तो दादी-नानी का बेस्ट नुस्खा है. रात को सोने से पहले एक गिलास गर्म दूध में चुटकी भर हल्दी मिलाकर पिएं. हल्दी इम्यूनिटी बढ़ाती है और इन्फेक्शन से लड़ती है.
    • अदरक और तुलसी की चाय: पानी में अदरक का टुकड़ा, तुलसी की 4-5 पत्तियां और थोड़ी काली मिर्च डालकर उबालें. इसे छानकर शहद मिलाकर पिएं. ये गले की खराश और जुकाम में तुरंत राहत देती है.
    • भाप लें: गर्म पानी में विक्स या पुदीने के पत्ते डालकर दिन में 2-3 बार भाप लें. इससे बंद नाक खुल जाती है.

2. डेंगू और मलेरिया

ये दोनों बीमारियां मच्छरों के काटने से होती हैं. मानसून में जगह-जगह पानी जमा होने से मच्छर तेजी से पनपते हैं. तेज बुखार, शरीर में दर्द और सिरदर्द इसके आम लक्षण हैं.

  • क्या करें:

    • पानी जमा न होने दें: घर के आसपास कूलर, गमलों, पुराने टायरों में पानी जमा न होने दें. यही मच्छरों का घर है.
    • लहसुन का इस्तेमाल: लहसुन की गंध से मच्छर दूर भागते हैं. आप चाहें तो खाने में इसका इस्तेमाल बढ़ा सकते हैं या इसकी कुछ कलियों को खिड़की-दरवाजों के पास रख सकते हैं.
    • नीम का तेल: नारियल के तेल में थोड़ा सा नीम का तेल मिलाकर शरीर पर लगाएं. ये एक नेचुरल मॉस्किटो रिपेलेंट (मच्छर भगाने वाला) है.
    • पपीते के पत्तों का रस: डेंगू के मामले में प्लेटलेट्स बढ़ाने के लिए पपीते के पत्तों का रस बहुत फायदेमंद माना जाता है. (डॉक्टर की सलाह पर ही लें).

3. पेट का इन्फेक्शन (डायरिया, उलटी-दस्त)

इस मौसम में पानी और खाने के जरिए इन्फेक्शन फैलने का खतरा सबसे ज्यादा होता है. बाहर का तला-भुना या खुला रखा खाना पेट खराब कर सकता है.

  • क्या करें:

    • बाहर के खाने से बचें: खासकर स्ट्रीट फूड और कटे हुए फल खाने से बचें.
    • नींबू पानी और ORS: शरीर में पानी की कमी न होने दें. नींबू पानी, नारियल पानी या ओआरएस (ORS) का घोल पीते रहें.
    • दही और केला: दही में अच्छे बैक्टीरिया होते हैं जो पेट को ठीक करते हैं. केला भी पेट को बांधने में मदद करता है.
    • उबला हुआ पानी पिएं: अगर पानी की शुद्धता को लेकर शक है, तो पानी को उबालकर और ठंडा करके पिएं.

4. टाइफाइड (Typhoid)

यह भी गंदे पानी और खाने से होने वाली एक गंभीर बीमारी है. इसमें लगातार तेज बुखार रहता है जो जल्दी उतरता नहीं है.

  • क्या करें:

    • सफाई का ध्यान रखें: खाना खाने से पहले और बाद में हाथ अच्छी तरह साबुन से धोएं.
    • लहसुन खाएं: कच्चा या भुना हुआ लहसुन सुबह खाली पेट खाने से इम्यूनिटी मजबूत होती है.
    • लौंग का पानी: 4-5 लौंग को पानी में उबालकर उस पानी को पिएं. लौंग में एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं.
    • आराम करें: टाइफाइड में शरीर बहुत कमजोर हो जाता है, इसलिए जितना हो सके आराम करें और डॉक्टर को जरूर दिखाएं.

5. पीलिया (Jaundice)

यह बीमारी भी दूषित पानी और भोजन से होती है. इसमें आंखें और नाखून पीले हो जाते हैं और बहुत कमजोरी महसूस होती है.

  • क्या करें:

    • गन्ने का रस: पीलिया में गन्ने का रस पीना फायदेमंद माना जाता है, लेकिन ध्यान रहे कि ये बिल्कुल साफ-सुथरी जगह पर निकाला गया हो.
    • मूली का रस: मूली के पत्तों का रस निकालकर पीने से लिवर को आराम मिलता है.
    • हल्का भोजन करें: तली-भुनी और मसालेदार चीजों से बिल्कुल दूर रहें. उबली हुई सब्जियां, खिचड़ी और दलिया खाएं.
    • पूरी तरह आराम: इस बीमारी में आराम सबसे जरूरी दवा है.

संक्षेप में, मानसून में स्वस्थ रहने का मूल मंत्र है - सफाई, ताजा और गर्म भोजन, और मच्छरों से बचाव. इन छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखकर आप इस खूबसूरत मौसम का पूरा आनंद ले सकते हैं. अगर लक्षण गंभीर लगें तो घरेलू उपायों के साथ डॉक्टर से सलाह लेने में देरी न करें.