भारत में डेंगू (Dengue) के मामलों में अचानक वृद्धि देखी गई है. दिल्ली-NCR समेत पूरे उत्तर भारत और देश के कई हिस्सों में इन दिनों डेंगू के मामलों में बड़ा इजाफा हो रहा है. हाल ही में भारी मानसूनी बाढ़ के बाद दिल्ली के कुछ हिस्सों में बाढ़ आ गई. उत्तर भारत के अन्य इलाकों में भी बाढ़ से मच्छर जनित बीमारियों में वृद्धि हो रही है. दिल्ली में बाढ़ के बाद से डेंगू के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. हाल ही में दिल्ली सरकार ने डेंगू जीनोम की पहचान के लिए 20 डेंगू के नमूने भेजे थे. इनमें से 19 मामलों में सबसे ज्यादा खतरनाक DENV-2 स्ट्रेन मिला था. डेंगू के इस स्ट्रेन ने स्वास्थ्य अधिकारियों और लोगों की चिंता बढ़ा दी है. दिल्ली के स्वास्थ्य विभाग ने पाया कि 20 में से 19 सैंपल टाइप 2 डेंगू के थे, जिसे सबसे खतरनाक माना जाता है. New COVID Variant: तेजी से रूप बदलता है कोरोना का नया वेरिएंट BA.2.86, क्या लोगों को सच में डरने की जरूरत है?
क्या है डेंगू टाइप-2 स्ट्रेन
डेंगू टाइप-2 एक खतरनाक स्ट्रेन है. यह डेंगू का सबसे ज्यादा खतरनाक स्ट्रेन है. डेंगू वायरस के DENV-1, DENV-2, DENV-3 और DENV-4 स्ट्रेन हैं, जिसमें DENV-2 स्ट्रेन सबसे ज्यादा खतरनाक होता है. दिल्ली में डेंगू के 90 फीसदी से ज्यादा मामले DENV-2 स्ट्रेन के हैं. इसकी वजह से मरीज की जान भी जा सकती है. यही वजह है कि दिल्ली सरकार ने सभी शासनिक एजेंसियों सहित आम लोगों से भी सतर्कता बरतने की अपील की है.
DENV-2 संक्रमण के लक्षण डेंगू के अन्य सीरोटाइप के समान हैं, लेकिन वे अधिक गंभीर हो सकते हैं. लक्षण आमतौर पर संक्रमित मच्छर द्वारा काटे जाने के 3-7 दिन बाद शुरू होते हैं.
डेंगू के लक्षण
- तेज बुखार
- गंभीर सिरदर्द
- मांसपेशियों, हड्डियों और जोड़ों में दर्द
- जी मिचलाना
- उल्टी करना
- त्वचा पर खुजली या लाल चकत्ते
- गंभीर कमजोरी महसूस होना
- आँखों के पीछे वाले भाग में गहरा दर्द
डेंगू से बचने के उपाय
- घर के आसपास कहीं भी पानी नहीं जमा होने दें. अगर कूलर, गमला या किसी अन्य चीज में काफी समय से पानी भरा है तो उसे खाली कर दें.
- पानी की टंकी को ढककर रखें.
- खिड़कियों और दरवाजों पर जाली लगवाएं ताकि बाहर से मच्छर अंदर न आ सकें.
- मच्छरों से बचाव के लिए घर के आस-पास मच्छर मारने वाली दवा का छिड़काव कराएं.
- मच्छरों से बचने के लिए मच्छरदानी लगाकर सोएं.
- मच्छरों से बचने के लिए फुल स्लीव के कपड़े पहनें.
- बुखार, दर्द, उल्टी जैसे लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर की सलाह लें.
डॉक्टर से परामर्श बेहद जरूरी
कई बार लोग डेंगू के हल्के लक्षणों को वायरल इन्फेक्शन या फ्लू समझने की भूल कर सकते हैं. सावधानी में ही सुरक्षा है किसी भी तरह के लक्षण दिखने पर डॉक्टर से परामर्श जरूर लें. इसका ठीक से इलाज किया जाना चाहिए क्योंकि गंभीर लक्षणों से डेंगू शॉक सिंड्रोम (Dengue Shock Syndrome) हो सकता है जिसके कारण डेंगू हैमरेजिक बुखार हो सकता है और – लिम्फ और रक्त वाहिकाओं को नुकसान, लिवर का बढ़ना, सर्कुलेटरी सिस्टम फेलियर, भारी ब्लीडिंग और मृत्यु जैसी स्थितियां उत्पन्न हो सकती हैं.